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वसुंधरा राजे का भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बन गया है। राजे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सभा में तो जाना पसंद करती हैं, लेकिन प्रदेश में पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका नहीं निभाती दिख रही हैं।
जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2023 से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर एक बार फिर से सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
पूर्व सीएम की गतितिधियों को लेकर सियासी गलियारों में सवाल उठने लगे हैं।
वसुंधरा राजे का भाजपा प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल, राजे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सभा में तो जाना पसंद करती हैं, लेकिन प्रदेश में पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका नहीं निभाती दिख रही हैं।
जिसके चलते एक बार फिर से राजे को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, पूर्व सीएम राजे शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई कोर कमेटी की बैठक से भी नदारद रहीं।
साथ ही प्रदेश भाजपा नेताओं के गहलोत सरकार के खिलाफ विरोधी कार्यक्रम और रैली में भी वसुंधरा राजे को अभी तक सक्रिय रूप में नहीं देखा गया है।
राजे ने अभी तक राजस्थान में पार्टी की गतिविधियों से अपने आपको दूर क्यों रखा हुआ है इस पर कई तरह के सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं।
शुक्रवार को आयोजित हुई कोर कमेटी की बैठक में कोर कमेटी मेंबर प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह, सह प्रभारी विजया रहाटकर, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, केन्द्रीय जनशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कृषि कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद ओम माथुर, सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया सभी शामिल हुए, लेकिन इस बैठक में भी पूर्व सीएम राजे नजर नहीं आईं।
आपको बता दें कि हाल ही के दिनों में वसुंधरा राजे को उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा पर देखा गया था। जहां उन्होंने गंगा दर्शन के साथ कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए थे।
इसी के साथ दो दिन पहले ही राजे ने हिंदुत्व को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सोशल मीडिया के माध्यम से जमकर हमला बोला था।
उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री जी बार-बार हिंदुत्व को ललकारने की गलती नहीं करें। हिंदुत्व सब धर्मों का आदर करने वाली संस्कृति है। जिसके प्रवाह को न आप रोक सकते न आपकी कांग्रेस।
लेकिन राजे की पार्टी कार्यक्रमों से दूर रहना कई सवालियां निशान भी उठा रहा है।