कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेश पायलट ने अपने राजनीतिक जीवन का पहला लोकसभा चुनाव राजस्थान के भरतपुर संसदीय क्षेत्र से लड़ा लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी सीट बदल ली और फिर लगातार दौसा संसदीय क्षेत्र से लड़ते रहे.
राजेश पायलट द्वारा अपनी संसदीय सीट बदलने का भी एक दिलचस्प किस्सा है. 1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या हो जाने के बाद तुरंत लोकसभा के लिए चुनाव होने थे. इससे पहले 1980 में राजेश पायलट भरतपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे
. राजेश पायलट की सीट बदलने की कहानी शुरू होती है पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह की राजनीति में एन्ट्री के साथ. इस वाकये के बारे में राजेश पायलट की पत्नी रमा पायलट अपनी किताब में लिखती है.
अगले संसदीय चुनावों के लिए राजीव गाँधी लगातार बीजी थे और राजेश पायलट भी अपनी पुरानी सीट से ही तैयारी शुरू कर चुके थे. तभी एक दिन राजीव गाँधी का कॉल राजेश पायलट के घर आता है. उधर से राजीव गाँधी बोलते है कि कोई भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी है जो चुनाव लड़ना चाहते है. लेकिन वे भरतपुर से ही चुनाव लड़ेंगे. क्योकि वे भरतपुर से है.
राजीव गाँधी की इस बात पर सहमती जताते हुए राजेश पायलट भी हामी भर देते है और उसके बाद राजेश पायलट को अगली सीट दौसा मिलती है जिसे उन्होंने भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलवाई. उसके बाद राजेश पायलट लगातार दौसा संसदीय क्षेत्र से ही चुनाव लड़ते रहे.
रमा पायलट शुरू में तो राजेश पायलट की सीट बदले जाने को लेकर चिंतित थी लेकिन परचा दाखिल करने से पहले जब कार्यकर्ताओं से पहली मीटिंग की तो जीत के लिए निश्चिंत हो गई.
जब 1984 के लोकसभा चुनावों के रिजल्ट आए तो दौसा से राजेश पायलट और भरतपुर से नटवर सिंह जिनके लिए राजेश पायलट ने अपनी सीट छोड़ी थी दोनों ने बड़ी जीत दर्ज की. उसी आठवीं लोकसभा में फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन भी लोकसभा पहुंचे.
नए संसदीय क्षेत्र में राजेश पायलट के लिए बड़ी चुनौतियां थी. दौसा में ही एक क़स्बा है बांदीकुई वहां के लोगों की राजेश पायलट से लगातार मांग थी कि बांदीकुई में एक कॉलेज खोला जाए. लेकिन कोई सरकारी सहायता न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा था.
तभी बिना सरकारी सहायता के राजेश पायलट ने लोगों से कहा कि कॉलेज बन जाएगा आप लोग बस जमीन का इंतजाम कर दो. लोग जब इसके लिए तैयार हो गए तो राजेश पायलट ने कॉलेज के लिए पैसे इकठ्ठे करने की मुहीम छेड़ दी.
जब कॉलेज के लिए लिए पैसे कम पड़े तो एक दिन राजेश पायलट ने फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन को फोन कर दिया और कहा कि - अमित जी मैं चाहता हूं कि बांदीकुई में कॉलेज निर्माण के लिए आप भी कुछ मदद करे. आपको कम से कम एक लाख रूपए की होगी.
इसके बाद अमिताभ बच्चन ने एक पल भी बगैर सोचे बोल दिया कि राजेश जी जैसा आप चाहते है वैसा ही होगा. इसके बाद अमिताभ बच्चन ने एक लाख रूपए का चेक राजेश पायलट के घर पहुंचा दिया.
अमिताभ बच्चन की मदद से बांदीकुई में एक बड़ा कॉलेज बनकर तैयार हो गया और कॉलेज के उद्घाटन के मौके पर राजेश पायलट ने अमिताभ बच्चन और जया बच्चन दोनों को बतौर अतिथि बुलाया. बांदीकुई के उस कॉलेज में आज भी एक शिलान्यास पट्टिका लगी हुई है जिसपर अमिताभ बच्चन और राजेश पायलट दोनों का नाम अंकित है.