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आदिवासी दिवस की कमान हर बार यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा अपने हाथों में रखते हैं।
यहां के लोग बताते हैं कि चूडियावास कांड की वजह से इस जगह को मीणा हाईकोर्ट कहा जाता है। चूडियावास कांड एक ऐसी दर्दनाक घटना जिसका गांव के पंच पटेलों ने रातोंरात फैसला सुनाया था।
Jaipur/Rajasthan
हर साल की तरह इस साल भी 9 अगस्त यानि आज विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। आदिवासी दिवस पर एक ओर बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा आदिवासी हाईकोर्ट की कमान संभाले हुए हैं तो वहीं हाल ही में संसद सदस्यता बहाली के बाद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी राजस्थान के मानगढ़ धाम आ रहे हैं।
लेकिन इस लेख में बात हम मीणा हाईकोर्ट की करेंगे जो दौसा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र नांगल प्यारी में स्थित है।
आदिवासी दिवस की कमान हर बार यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा अपने हाथों में रखते हैं।
हाईकोर्ट का नाम आते ही एक बार के लिए लगता है यहां हर कोई काले कोट में होगा लेकिन जब यहां पर चिलम फूंकते बुजुर्गों को देखते हैं तो सबस भौचक्के हो जाते हैं।
यहां के लोग बताते हैं कि चूडियावास कांड की वजह से इस जगह को मीणा हाईकोर्ट कहा जाता है। चूडियावास कांड एक ऐसी दर्दनाक घटना जिसका गांव के पंच पटेलों ने रातोंरात फैसला सुनाया था।
दरअसल, साल 1993 में एक विवाहिता ने अपनी मां और उसके प्रेमी चाचा के साथ मिलकर पति को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद नांगल राजावतान थाने में आईपीसी की धारा 302 में एफआईआर दर्ज हुई।
लेकिन ग्रामीण पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए और 11 चूडियावास गांव में 11 गांवों की महापंचायत आयोजित कर पंचों ने अपना फरमान सुना दिया।
पत्नी और उसके प्रेमी को हत्या का दोषी करार देते हुए दोनों को गांव में निर्वस्त्र घुमाने की सजा सुना दी थी।
फिर मुंह काला करके दोनों को चूडियावास गांव में जूलूस निकालकर पैदल ही ग्रामीणों द्वारा नांगल राजावतान लाया गया. इस वजह से दौसा, नांगल राजावतान पुलिस ने प्यारीवास से पंचों को गिरफ्तार कर लिया।
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने किया था आंदोलन
पंचों की गिरफ्तारी से गाँव वाले भड़क गए और पंचों की जमानत के लिए कुछ लोगों ने न्यायलय में याचिका भी लगाई लेकिन जमानत याचिका खारिज कर दी गई
-तब ग्रामीणों ने पूर्वी राजस्थान के बड़े नेता किरोड़ी लाल मीणा का दरवाजा खटखटाय।और इस तरह फिर किरोड़ी मीणा ने ग्रामीणों की जमानत के लिए आंदोलन की शुरुआत की।
उस वक्त भरौंसिंह शेखावत की सरकार थी। किरोड़ी लाल मीणा के आंदोलन की टंकार से सरकार के हाथ पाँव फूल गए और पुलिस ने तुरंत पंच पटेलों को ग्रामीणों के हवाले कर दिया।
मीणा हाईकोर्ट कई बड़े जन आंदोलनों का भी गवाह रहा है। यहां राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा समेत कई बड़े नेता अपनी हाजिरी लगाते हैं। यही नहीं, लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी यहां एक विशाल जनसभा की थी।