विश्व बंधुत्व दिवस पर ब्रह्माकुमारीज़ : देशभर में 670 रक्तदान शिविर आयोजित, 50 हजार यूनिट रक्त एकत्र

विश्व बंधुत्व दिवस (25 अगस्त) के उपलक्ष्य में भारत और नेपाल में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा चलाए जा रहे रक्तदान महाअभियान का उत्साह चरम पर है। महाअभियान के पहले दो दिनों में ही देशभर में 670 शिविरों के माध्यम से 50 हजार यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। इस अभियान का लक्ष्य 25 अगस्त तक 1500 शिविरों के जरिये एक लाख यूनिट

आबूरोड। विश्व बंधुत्व दिवस (25 अगस्त) के उपलक्ष्य में भारत और नेपाल में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा चलाए जा रहे रक्तदान महाअभियान का उत्साह चरम पर है। महाअभियान के पहले दो दिनों में ही देशभर में 670 शिविरों के माध्यम से 50 हजार यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। इस अभियान का लक्ष्य 25 अगस्त तक 1500 शिविरों के जरिये एक लाख यूनिट रक्तदान कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराना है।

शनिवार को संस्थान के शांतिवन मुख्यालय, डायमंड हॉल में आयोजित विशाल रक्तदान शिविर में 644 रक्तवीरों ने रक्तदान किया, जिनमें से 251 यूनिट रक्तदान ब्रह्माकुमारी बहनों ने किया। सुबह से ही शिविर में रक्तदान को लेकर विशेष उत्साह दिखाई दिया।

दादी प्रकाशमणि की पुण्यतिथि पर सेवा का संकल्प

ब्रह्माकुमारीज़ की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त 2025) को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी अवसर पर संस्थान का समाजसेवा प्रभाग पूरे भारत और नेपाल में 22 से 25 अगस्त तक विशाल रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रहा है। अभियान के तहत डेढ़ लाख यूनिट रक्तदान का संकल्प लिया गया है।

“सबसे श्रेष्ठ दान है जीवनदान”

शिविर का शुभारंभ करते हुए संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके संतोष दीदी ने कहा –

“हमारे शास्त्रों में कहा गया है दानं परमं बलम् अर्थात दान ही सबसे बड़ा बल है। दान केवल धन का ही नहीं होता, सबसे श्रेष्ठ दान है जीवनदान। रक्तदान उसी जीवनदान की श्रेणी में आता है।”

अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि यदि प्रत्येक युवा साल में केवल दो बार रक्तदान करे तो देश में रक्त की कभी कमी नहीं होगी। वहीं अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने रक्तदान को “मानवता, करुणा और सेवा की भावना का उत्सव” बताया।

ग्लोबल हॉस्पिटल निदेशक डॉ. प्रताप मिड्‌ढा ने कहा –

“एक यूनिट रक्त से तीन से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान के 24–48 घंटों में शरीर में नया रक्त बनने लगता है जिससे रक्त ताज़ा और स्वस्थ रहता है।”

वर्ल्ड रिकार्ड की तैयारी

समाजसेवा प्रभाग व महाअभियान के राष्ट्रीय संयोजक बीके अवतार भाई ने बताया कि पहली बार पूरे भारत और नेपाल में इतने बड़े स्तर पर रक्तदान अभियान चलाया जा रहा है। समाजसेवी संगठन, रोटरी क्लब, लायंस क्लब और सरकारी ब्लड बैंक इसका हिस्सा बने हैं।

प्रो. बीके गिरीश भाई और बीके बीरेंद्र भाई ने बताया कि अभियान के बाद सभी शिविरों का डाटा कलेक्शन किया जाएगा और इसके आधार पर वर्ल्ड रिकार्ड के लिए दावेदारी की जाएगी।

शिविर में विशेष उपस्थिति

शिविर में बीके लीला दीदी, मेडिकल विंग सचिव डॉ. बीके बनारसी लाल, डॉ. सतीश गुप्ता, वरिष्ठ राजयोगी बीके मोहन सिंघल भाई, बीके प्रकाश भाई, सफाई विभाग प्रभारी बीके जगदीश भाई, बीके अमरदीप भाई, बीके भानु भाई सहित अनेक भाई-बहन मौजूद रहे।

ब्लड बैंक संचालन में ट्रामा सेंटर प्रभारी बीके धर्मेंद्र भाई और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।

रक्तदाताओं की भावनाएँ

60 वर्षीय बीके नेहा बहन (आबूरोड बीके कॉलोनी) :
“मैं वर्षों से रक्तदान कर रही हूं, लेकिन आज विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर रक्तदान करके जो खुशी मिली है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती।”

45 वर्षीय बीके मीना बहन (योगीनगर) :
“जीवन में पहली बार रक्तदान किया है। पहले बहुत से भ्रम थे, लेकिन अब सब दूर हो गए। मेरी सभी बहनों से अपील है कि रक्तदान जरूर करें।”

30 वर्षीय बीके शेफाली (गुरुग्राम, हरियाणा) :
“दादी जी की पुण्यतिथि पर पहली बार रक्तदान किया है। दादीजी का जीवन मानवता की सेवा को समर्पित था। आज मुझे बहुत खुशी और गर्व महसूस हो रहा है।”

बीके महावीर भाई (शांतिवन निवासी) :
“आज मेरा 11वां रक्तदान है। मेरा संदेश है कि युवा नियमित रक्तदान करें। आपका रक्तदान किसी का जीवन बचा सकता है।”