Rajasthan: क्रिप्टो-फॉरेक्स ठगी: 20 राज्यों में 3100 करोड़ का फर्जीवाड़ा, मास्टरमाइंड दुबई में

क्रिप्टो (Crypto) और फॉरेक्स (Forex) में निवेश के नाम पर एक्सपीओ डॉट कॉम (XPO.com) वेबसाइट के जरिए 20 राज्यों में 3,100 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके मास्टरमाइंड दुबई (Dubai) से ऑपरेट कर रहे थे।

क्रिप्टो ठगी: 3,100 करोड़ का फर्जीवाड़ा, आरोपी दुबई भागे

भरतपुर: क्रिप्टो (Crypto) और फॉरेक्स (Forex) में निवेश के नाम पर एक्सपीओ डॉट कॉम (XPO.com) वेबसाइट के जरिए 20 राज्यों में 3,100 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके मास्टरमाइंड दुबई (Dubai) से ऑपरेट कर रहे थे।

यह धोखाधड़ी का नेटवर्क ऊंचे रिटर्न और रेफरल बोनस का लालच देकर लाखों लोगों को ठग रहा था।

एक्सपीओ डॉट कॉम नामक फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया गया।

फर्जीवाड़े का खुलासा और तरीका

जांच में सामने आया है कि इस नेटवर्क के मुख्य आरोपी दुबई में हैं। भारत में इसका संचालन जयपुर से किया जा रहा था।

यह कंपनी भारत में किसी भी प्राधिकरण से पंजीकृत नहीं थी, फिर भी बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर रही थी।

वेबसाइट खुद को 2016 से रूस में संचालित बताती थी। हालांकि, वास्तविकता में इसका संचालन नवंबर 2022 से जयपुर से शुरू हुआ था।

आरोपी जगह-जगह सेमिनार आयोजित करते थे। एजेंट निवेशकों को ऊंचे मुनाफे और जल्दी रिटर्न का वादा कर आकर्षित करते थे।

मुख्य आरोपी देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों से सीधे संपर्क करते थे। वे उनके नाम से आईडी बनाकर निवेश के लिए प्रेरित करते थे।

देशभर में फैला नेटवर्क और निवेशकों की संख्या

इस प्लेटफॉर्म के जरिए देशभर में करीब 3100 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी की गई है। नेटवर्क का फैलाव 20 से अधिक राज्यों में था।

सबसे अधिक निवेश राजस्थान से हुआ, जहां 2.07 लाख लोगों ने पैसा लगाया। महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर रहा, जहां 48.53 हजार निवेशक जुड़े।

कुल मिलाकर, 3.20 लाख से अधिक लोगों ने लगभग 7,100 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसमें से 3100 करोड़ रुपए ऑनलाइन निवेश किए गए।

लगभग 4000 करोड़ रुपए इंटरनल डिपॉजिट होने का अनुमान है, जिसकी जांच अभी जारी है।

जांच और आगे की कार्रवाई

इस मामले में पहले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस को आशंका है कि चार-पांच मुख्य आरोपी दुबई भाग गए हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस बड़े साइबर फर्जीवाड़े में सुओ मोटो संज्ञान लिया है। भरतपुर पुलिस ने ईडी को पूरे मामले की जानकारी दी है।

प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कोऑपरेटिव विभाग को भी रिपोर्ट भेजी गई है। इसका उद्देश्य मामले की जांच सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसी से कराना है।

पुलिस ने मुख्य आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को पत्र लिखा है।

जांच अधिकारी आईपीएस पंकज यादव ने बताया कि प्लेटफॉर्म की सबसे पहली आईडी जयपुर निवासी रजत शर्मा के नाम से बनाई गई थी। निवेशकों के पैसे उसके बैंक खाते में जाते थे।

अधिकारियों के अनुसार, पांचों मुख्य आरोपी दुबई में हैं। उनके भारत लौटते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।