Rajasthan: हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री विरोध: इंटरनेट बंद, लोग घरों पर ताले लगाकर गुरुद्वारे में

राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ (Hanumangarh) के टिब्बी में ड्यून एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में चौथे दिन भी इंटरनेट बंद। पुलिस डर से लोग घरों पर ताले लगाकर गुरुद्वारे में शरण ले रहे हैं। 107 पर मामला दर्ज, 40 हिरासत में।

हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री का बवाल

हनुमानगढ़: राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ (Hanumangarh) के टिब्बी में ड्यून एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में चौथे दिन भी इंटरनेट बंद। पुलिस डर से लोग घरों पर ताले लगाकर गुरुद्वारे में शरण ले रहे हैं। 107 पर मामला दर्ज, 40 हिरासत में।

हनुमानगढ़ के टिब्बी (राठीखेड़ा) में ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। शुक्रवार को भी टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पुलिस ने उपद्रव मामले में 107 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब तक 40 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।

जारी है विरोध प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

विरोध प्रदर्शन के चौथे दिन भी टिब्बी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री के खिलाफ किसान लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई के डर से कई ग्रामीण अपने घरों पर ताले लगाकर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। कुछ लोगों ने टिब्बी स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में शरण ली है, जहां उन्हें सुरक्षित महसूस हो रहा है।

गुरुद्वारा सिंह सभा में महिलाओं और पुरुषों दोनों ने शरण ले रखी है। यहीं पर हिंसा में घायल हुए लोगों का इलाज भी चल रहा है, जो स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल बन गया है।

किसानों की प्रमुख मांगें और वार्ता की स्थिति

किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हनुमानगढ़ के कलेक्टर और एसपी का तबादला नहीं हो जाता, तब तक वे प्रशासन से किसी भी तरह की वार्ता नहीं करेंगे। उनकी यह मांग आंदोलन का एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गई है।

गुरुवार को किसानों और प्रशासन के बीच दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन दोनों ही विफल रहीं। इससे गतिरोध और बढ़ गया है।

एडीजी वीके सिंह ने टिब्बी पहुंचकर कहा कि 10 दिसंबर को सब कुछ शांति से चल रहा था। उन्होंने उपद्रव भड़काने का आरोप बाहरी लोगों पर लगाया है।

पुलिस पर गंभीर आरोप और किसानों की चेतावनी

महिलाओं ने पुलिस पर गोलियां चलाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने गुरुद्वारा सिंह सभा में गोलियों के खाली खोल भी दिखाए, जिससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी। उन्होंने 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करने की चेतावनी दी है।

गुरुवार देर शाम सादुलशहर के भाजपा विधायक गुरवीर सिंह बराड़ टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत कर स्थिति को समझने का प्रयास किया।

प्रशासन का रुख और घटना की पृष्ठभूमि

जोगाराम पटेल ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रायोजित बताया है। उन्होंने कहा कि यह किसानों का आंदोलन नहीं था, बल्कि इसे करवाया गया था और राजस्थान के बाहर से आए करीब एक हजार लोगों ने फैक्ट्री में हिंसा की थी।

पटेल ने यह भी कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है और कानून सम्मत सभी बातें मानी जाएंगी। उन्होंने लोगों से कानून को हाथ में न लेने की अपील की है, ऐसा होने पर सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

10 दिसंबर को क्या हुआ था?

बुधवार, 10 दिसंबर को किसानों ने जिले के राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी थी। प्रदर्शनकारी फैक्ट्री के अंदर घुस गए और उन्होंने ऑफिस में आग लगा दी।

इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इस बवाल में कांग्रेस विधायक सहित 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

कुछ घायल रातभर टिब्बी के गुरुद्वारे में ही रुके रहे, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवार घर छोड़कर भाग गए हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।

प्रदूषण की चिंता: किसानों का मुख्य मुद्दा

प्रदर्शनकारी महिलाएं फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त कर रही हैं। सुखजीत कौर ने आरोप लगाया कि प्रशासन के अधिकारियों ने उनके नाक और घुटनों पर वार किए।

उन्होंने कहा कि अगर फैक्ट्री यहां लग गई तो प्रदूषण बढ़ेगा, जिससे दमा, कैंसर, सांस और चर्म रोग जैसी बीमारियां होंगी। उनका जीवन नर्क बन जाएगा।

किसानों की मांग है कि उन्हें साफ हवा और पानी चाहिए। उनका कहना है कि फैक्ट्री से धरती बंजर हो जाएगी और प्रदूषित पानी जमीन में जाने से पीने का पानी भी खराब हो जाएगा।

बलविंदर कौर ने बताया कि आंदोलन 16 महीने से चल रहा है। उन्होंने एसपी और कलेक्टर से कई बार मिन्नतें की हैं और पैदल यात्रा भी निकाली है, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।

उन्होंने कहा कि हम जमीन का पानी पीते हैं और फैक्ट्री का प्रदूषित पानी इसमें मिल गया तो हमारा पीने का पानी खराब हो जाएगा।

एथेनॉल प्लांट का पूरा मामला

चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी राठीखेड़ा में 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट लगा रही है। कंपनी का दावा है कि यह प्लांट केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम को सपोर्ट करेगा।

सितंबर 2024 से जून 2025 तक लगभग 10 महीने तक शांतिपूर्ण विरोध चला था। जुलाई 2025 में विरोध तब तेज हुआ जब कंपनी ने चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण शुरू किया, जिससे किसानों का गुस्सा भड़क गया।

19 नवंबर 2025 को पुलिस सुरक्षा में फैक्ट्री का निर्माण फिर से शुरू हुआ। इसके बाद किसान नेता महंगा सिंह समेत 12 से अधिक किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।

20-21 नवंबर को 67 लोगों ने गिरफ्तारी दी, जिससे आंदोलन और तेज हो गया। बुधवार, 10 दिसंबर को किसानों ने टिब्बी एसडीएम ऑफिस के सामने एक बड़ी सभा की।

शाम करीब 4 बजे सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए। उन्होंने दीवार तोड़ दी और पुलिस से झड़प शुरू हो गई।

संघर्ष समिति का आरोप और भविष्य की रणनीति

एथेनॉल फैक्ट्री हटाओ संघर्ष समिति के सदस्य रवजोत सिंह ने प्रशासन पर शांतिपूर्ण आंदोलन को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन 3 किलोमीटर दूर शांतिपूर्ण था, लेकिन प्रशासन ने इसे उग्र दिखाने की कोशिश की।

रवजोत सिंह ने दावा किया कि भीड़ को भड़काने वाली कार्रवाई खुद प्रशासन ने की थी, जनता ने नहीं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर अत्याचार करने का आरोप लगाया, जिसमें 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिलाओं के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया और ज्यादातर लेडी पुलिस भी मौके पर नहीं थी। समिति ने कहा कि आंदोलन 16 महीनों से शांतिपूर्वक चल रहा है और जब तक फैक्ट्री हट नहीं जाती, तब तक यह जारी रहेगा।

समिति ने कलेक्टर और एसपी पर आंदोलन को दबाने, लोगों की आवाज ऊपर तक न जाने देने, इंटरनेट बंद करवाने और भारी पुलिस बल लगाकर आंदोलनकारियों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।

राजनीतिक हस्तक्षेप और गिरफ्तारियां

गुरुवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष रुपिंदर सिंह कुन्नर को कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। वे किसान सभा में शामिल होने जा रहे थे।

यह घटना 10 दिसंबर की शाम को भड़की हिंसा के दौरान हुई, जब सैकड़ों की संख्या में किसान फैक्ट्री के पास जमा थे और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।