Highlights
- हनीफ खान जैसलमेर से गिरफ्तार, ISI के लिए कर रहा था जासूसी.
- सोशल मीडिया के जरिए सैन्य जानकारियां भेजता था पाक को.
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी ISI हैंडलर के संपर्क में था.
- इस साल जैसलमेर में अब तक 5 जासूस पकड़े जा चुके हैं.
जैसलमेर. सीआईडी इंटेलिजेंस (CID Intelligence) ने हाल ही में जैसलमेर (Jaisalmer) से हनीफ खान (Hanif Khan) को गिरफ्तार किया है. वह पैसों के लालच में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए सोशल मीडिया के जरिए सैन्य सूचनाएं भेज रहा था.
संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी सुरक्षा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है. सीआईडी इंटेलिजेंस टीम राज्य में सक्रिय जासूसी गतिविधियों पर लगातार नजर रखती है.
इसी निगरानी के दौरान हनीफ खान (47) की हरकतें संदिग्ध पाई गईं. वह बासनपीर जुनी निवासी होकर हाल ही में बाहला गांव में रह रहा था.
सोशल मीडिया का उपयोग
जांच में स्पष्ट हुआ कि हनीफ खान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में था. वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहा था.
इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से वह गोपनीय सैन्य सूचनाएं साझा कर रहा था. यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर उल्लंघन था.
सीमावर्ती क्षेत्र में पहुंच
हनीफ खान भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट बाहला गांव का निवासी है. इस कारण उसकी सीमावर्ती क्षेत्रों में आसान पहुंच थी.
वह मोहनगढ़ और घड़साना जैसे संवेदनशील इलाकों में बेरोकटोक आ-जा सकता था. उसकी इस पहुंच का जासूसी में दुरुपयोग किया गया.
सैन्य जानकारी का साझाकरण
पूछताछ के दौरान उसने महत्वपूर्ण सैन्य संस्थानों की जानकारी दी है. साथ ही सेना के मूवमेंट से जुड़ी सूचनाएं भी साझा कीं.
ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील अभियानों के दौरान भी वह सक्रिय रहा था. उसने पाकिस्तानी हैंडलर को अहम जानकारी भेजी थी.
जांच और पूछताछ जारी
सीआईडी इंटेलिजेंस राजस्थान की टीम अब हनीफ खान से गहन पूछताछ कर रही है. उससे अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है.
पुलिस का कहना है कि वे ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखते हैं. जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त करने का काम जारी रहेगा.
जैसलमेर: जासूसी का गढ़
जैसलमेर जिला इस साल जासूसी गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बन गया है. अब तक कुल पांच जासूसों को यहां से पकड़ा गया है.
26 मार्च को पठान खान को चांधन फील्ड फायरिंग रेंज के पास गिरफ्तार किया गया था. उस पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई हुई.
28 मई को सरकारी कर्मचारी शकूर खान को डिटेन किया गया. वह कांग्रेस के पूर्व मंत्री के निजी सहायक भी रह चुके थे.
4 अगस्त को डीआरडीओ के गेस्ट हाउस मैनेजर महेंद्र प्रसाद पकड़े गए. उन्होंने भारतीय सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजी थी.
20 अगस्त को जीवन खान नामक एक युवक को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया. उसके मोबाइल में कई पाकिस्तानी नंबर सेव मिले थे.
यह गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है. सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे से निपटने को प्रतिबद्ध हैं.
सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा
इन लगातार हो रही गिरफ्तारियों से सीमावर्ती क्षेत्रों में खतरे की पुष्टि होती है. सुरक्षा बलों को निरंतर सतर्क रहने की आवश्यकता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खुफिया एजेंसियों का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है. देश की अखंडता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है.