लिव-इन और शादी पर मोहन भागवत बोले: लिव-इन में जिम्मेदारी से बच रहे लोग, शादी की सही उम्र 19-25 साल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh - RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कोलकाता (Kolkata) में आयोजित एक कार्यक्रम में लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) और विवाह (Marriage) की महत्ता पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और अंडमान के लेफ्टिनेंट गवर्नर डीके जोशी (DK Joshi) भी उपस्थित थे।
JAIPUR | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने लिव-इन रिलेशनशिप और विवाह संस्था पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।
कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि लिव-इन में रहने वाले लोग जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं।
शादी और पारिवारिक मूल्य
भागवत के अनुसार शादी सिर्फ शारीरिक संतुष्टि का जरिया नहीं बल्कि समाज की एक बुनियादी इकाई है।
परिवार वह स्थान है जहां व्यक्ति समाज में रहना सीखता है और संस्कार प्राप्त करता है।
विवाह की आदर्श उम्र
उन्होंने रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि शादी के लिए 19 से 25 साल की उम्र सबसे उपयुक्त है।
इस उम्र में विवाह और तीन बच्चे होने से माता-पिता और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
जनसंख्या और भविष्य की नीति
भागवत ने कहा कि भारत को अगले 50 वर्षों की जरूरतों को देखते हुए एक व्यापक जनसंख्या नीति बनानी चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जन्म दर 2.1 से कम होती है, तो यह समाज के लिए खतरनाक संकेत है।
RSS की छवि पर स्पष्टीकरण
भागवत ने स्पष्ट किया कि आरएसएस हिंदुओं की सुरक्षा का पक्षधर है और कट्टर राष्ट्रवादी है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि संघ किसी भी तरह से मुस्लिम विरोधी संगठन नहीं है।