Bribe in Defence: रक्षा मंत्रालय अफसर रिश्वत लेते गिरफ्तार, CBI ने 2.36 करोड़ जब्त किए
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा (Lieutenant Colonel Deepak Kumar Sharma) को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनके घर से 2.36 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। उनकी पत्नी कर्नल काजल बाली (Colonel Kajal Bali) भी इस मामले में शामिल हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा (Lieutenant Colonel Deepak Kumar Sharma) को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनके घर से 2.36 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं। उनकी पत्नी कर्नल काजल बाली (Colonel Kajal Bali) भी इस मामले में शामिल हैं।
सीबीआई ने शनिवार को रक्षा मंत्रालय के उत्पादन विभाग में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा को बेंगलुरु की एक कंपनी से 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। इस गिरफ्तारी के बाद देश के रक्षा तंत्र में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है।
गिरफ्तार अफसर को कोर्ट ने तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया है। यह कार्रवाई 19 दिसंबर को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी।
लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी भी शामिल
जांच एजेंसी ने लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के घर से 2.36 करोड़ रुपये की भारी नकदी जब्त की है। इस मामले में उनकी पत्नी कर्नल काजल बाली के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
कर्नल काजल बाली श्रीगंगानगर (राजस्थान) में डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट (DOU) में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। सीबीआई ने तलाशी के दौरान उनके घर से भी 10 लाख रुपये बरामद किए हैं।
इस पूरे मामले में बिचौलिया विनोद कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी 23 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे, जहां उनसे गहन पूछताछ की जाएगी।
कैसे काम करता था रिश्वत का जाल?
सीबीआई के अनुसार, लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा रक्षा उत्पादों के निर्माण और निर्यात से जुड़ी निजी कंपनियों को अवैध रूप से फायदा पहुंचाते थे। वे इन कंपनियों के साथ मिलकर साजिश रचते थे।
बेंगलुरु की एक कंपनी से रिश्वत भुगतान की जानकारी मिलने के बाद सीबीआई ने शिकंजा कसा। राजीव यादव और रवजीत सिंह नाम के दो व्यक्ति इस कंपनी के मामलों को देख रहे थे।
ये दोनों लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के साथ लगातार संपर्क में थे। उनका मकसद कंपनी के लिए कई सरकारी विभागों और मंत्रालयों से अवैध लाभ हासिल करना था।
बिचौलिया विनोद कुमार ने 18 दिसंबर को बेंगलुरु की इसी कंपनी के कहने पर दीपक कुमार शर्मा को 3 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। जांच एजेंसी का दावा है कि यह कंपनी दुबई की है और राजीव यादव व रवजीत सिंह भारत में इसका संचालन करते थे।
छापेमारी में मिली करोड़ों की नकदी
सूचना मिलने के बाद सीबीआई ने श्रीगंगानगर, बेंगलुरु, जम्मू और दिल्ली सहित कई स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। दिल्ली में लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के आवास पर तलाशी के दौरान 3 लाख रुपये की रिश्वत राशि, 2.23 करोड़ रुपये नकद और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज मिले।
अधिकारियों ने श्रीगंगानगर में उनकी पत्नी के घर से 10 लाख रुपये नकद जब्त किए। उनके कार्यालय में भी तलाशी जारी है।
इस गिरफ्तारी से रक्षा मंत्रालय में पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल उठते हैं। सीबीआई इस मामले की तह तक जाकर अन्य संभावित संलिप्तताओं का भी पता लगा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी
यह मामला दर्शाता है कि देश की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थानों में भी भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा रहा है। सीबीआई की यह कार्रवाई ऐसे तत्वों के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।
जांच एजेंसियां लगातार ऐसे मामलों पर नजर रख रही हैं। उम्मीद है कि इस जांच से रक्षा खरीद और उत्पादन में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी।