Rajasthan Cricket: आरसीए लोकपाल विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला: रिट याचिका निस्तारित
राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन (Sri Ganganagar District Cricket Association) की आरसीए (RCA) लोकपाल विवाद पर दायर रिट याचिका को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि लोकपाल (Ombudsman) की नियुक्ति के बाद अब कोई मुद्दा नहीं बचा।
जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन (Sri Ganganagar District Association) की आरसीए (RCA) लोकपाल विवाद पर दायर रिट याचिका को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि लोकपाल (Ombudsman) की नियुक्ति के बाद अब कोई मुद्दा नहीं बचा।
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे निस्तारित कर दिया है। आरसीए की एडहॉक कमेटी ने कोर्ट को बताया कि लोकपाल की नियुक्ति हो चुकी है, जिसके बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है।
आरसीए लोकपाल नियुक्ति के बाद बेअसर हुई रिट
जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी की अदालत में गुरुवार को श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के सचिव विनोद सहारण द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई हुई। आरसीए (एडहॉक कमेटी) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को सूचित किया कि याचिका लंबित रहने के दौरान ही 2 अक्टूबर के आदेश के तहत नए लोकपाल की नियुक्ति की जा चुकी है।
डॉ. आचार्य ने तर्क दिया कि इस नियुक्ति के बाद याचिकाकर्ता की सभी शिकायतें दूर हो गई हैं, और इसलिए अब याचिका में सुनवाई के लिए कोई 'कॉज ऑफ एक्शन' (वाद का कारण) शेष नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील इस दलील का विरोध नहीं कर सके, जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर दर्ज किया।
कोर्ट ने कहा, अब कुछ भी निर्णय करने को शेष नहीं
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि नए लोकपाल की नियुक्ति के बाद इस रिट याचिका में किसी भी तरह का विवाद बचा नहीं है। इसलिए इस पर आगे विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अब कुछ भी निर्णय करने के लिए शेष नहीं है, और इसी आधार पर रिट याचिका को निस्तारित किया जाता है।
इस फैसले के साथ, श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट एसोसिएशन और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी के बीच लोकपाल से जुड़ा यह कानूनी विवाद औपचारिक रूप से समाप्त हो गया है। यह निर्णय राजस्थान क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण अध्याय को बंद करता है, जिससे भविष्य में प्रशासनिक स्थिरता की उम्मीद की जा सकती है।