सौभाग्य की बात : वाशिंगटन डीसी अमेरिका की ’लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस’ में हरिशेवा उदासीन आश्रम के संतों की पुस्तक

वाशिंगटन डीसी अमेरिका की ’लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस’ में हरिशेवा उदासीन आश्रम के संतों की पुस्तक
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विश्व के अनेक पुस्तकालयों में हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के संस्थापक पूज्य बाबा हरिराम साहिब उदासीन की पुस्तक मौजूद...

जयपुर | हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं।

ऐसे में महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी मंगलवार को वाशिंगटन डीसी स्थित लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस पहुंचे। 

इस दौरान स्वामी जी के साथ दीपिका भंभानी एवं जॉन हेस व विकास मूलचंदानी ने भी लाइब्रेरी जा कर इस पुस्तक के दर्शन किए।

स्वामी जी ने बताय कि इस पुस्तकालय में जाने का विशेष महत्व इसलिए था क्योंकि इस विश्व प्रसिद्ध पुस्तकालय में हरिशेवा उदासीन आश्रम ( मूल तत्कालीन भिरिया  सिंध - अखंड भारत ) के संस्थापक परम पूज्य बाबा हरिराम साहिब जी की जीवनी पर अंग्रेज़ी में लिखी पुस्तक - सेंट ऑफ़ सिंध - बाबा हरिराम मौजूद है। 

ये पुस्तक 14 जनवरी 1981 को इस पुस्तकालय में रखी गई। इसके लेखक डीएच भूटानी हैं। 

अमेरिका में यहां-यहां रखी हैं ये पुस्तक

इस पुस्तक को लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस वाशिंगटन डीसी के अलावा अमेरिका की न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी, सेंटर फॉर रिसर्च लाइब्रेरी मिशिगन, हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेंसिलवेनिया, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित अनेक पुस्तकालयों में रखा गया है।

इन देशों की लाइब्रेरी में भी रखी हुई है ये पुस्तक

अमेरिका के अलावा बाबा हरिराम साहिब जी की इस पुस्तक को द ब्रिटिश लाइब्रेरी सेंट पैनक्रास लंदन, कनाडा, जर्मनी सहित विश्व के अनेक शहरों के पुस्तकालयों एवं अनेक महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में जगह दी गई है जिसका अध्ययन यहां के विद्यार्थीयों एवं आम जन द्वारा किया जाता हैं । 

महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने बताया कि वे इस पुस्तकालय में ख़ास इस पुस्तक के दर्शन करने आये थे। 

उन्होंने कहा कि सनातन धर्मियों एवं हरिशेवा उदासीन आश्रम भीलवाड़ा के भक्तों के लिए ये सौभाग्य की बात है कि उनके आराध्य, पूज्य बाबा हरिराम साहेब जी की पुस्तक विश्व के अनेक पुस्तकालयों में रखी गई है। 

बाबा हरिराम साहिब एक ऐसे संत हैं जिनका व्याख्यान शब्दों में करना जैसे सूर्य के आगे दीपक जलाने जैसा होगा। उनका संपूर्ण जीवन मानव कल्याण को समर्पित था। 

उनकी खाट (खट साहेब) एवं अन्य वस्तुएं आज भी दर्शन हेतु दरबार साहिब भीलवाड़ा में मौजूद हैं। 

बाबा हरिराम साहेब की इस पुस्तक का अध्ययन करने के पश्चात् कुछ वर्ष पूर्व पेरिस के विद्यार्थी उनपर शोध करने के लिए उनकी वस्तुओं का दर्शन एवं विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए भीलवाड़ा भी आये थे। 

चार करोड़ पुस्तकों का संग्रह है इस लाइब्रेरी में

लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस वाशिंगटन डीसी के सीनियर लाइब्रेरियन श्री एंड्रयू गौडीओ ने बताया की इस विशाल पुस्तकालय की स्थापना सन् 1857 में हुई। 

इस लाइब्रेरी का कैपिटल हिल से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यहां 3300 कर्मचारी कार्य करते हैं। लगभग चार करोड़ पुस्तकों का संग्रह है। 

यहां संग्रहित पुस्तकों का अमेरिका के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अमेरिकन सीनेट के मेम्बर एवं राजनीतिज्ञ किया करते हैं। 

यहां रखी पुस्तकें आमजन भी परमिशन लेकर पढ़ते हैं। 

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