जादूगर की इशारों में दावेदारी पेश: दिल्ली में सीएम अशोक गहलोत का सियासी बयान, मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये मुझे नहीं छोड़ेगा

दिल्ली में सीएम अशोक गहलोत का सियासी बयान, मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये मुझे नहीं छोड़ेगा
Ashok Gehlot - Sachin Pilot
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सीएम अशोक गहलोत तो बार-बार अपने बयानों और इशारे-इशारे में ये साफ कर रहे हैं कि वो ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। 

जयपुर | पांच सालों तक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी का इंतजार करवाते रहे अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) विधानसभा चुनाव की रणभेरी के बीच भी बार-बार यही दोहराते नजर आ रहे हैं कि मैं तो सीएम पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन ये कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही। 

पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले अशोक गहलोत को 2020 में सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके समर्थकों से बगावत का सामना भी करना पड़ा। 

सियासी जादूगर गहलोत की सरकार पर संकट के बादल भी आए, लेकिन वे जादूगर की जादूगरी के आगे बिना बरसे ही निकल गए। 

पायलट और गहलोत के बीच लगातार चली वर्चस्व की जंग के बाद विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी आलाकमानों ने दोनों में सुलह होने का दावा भी किया, लेकिन इस दावे की भी हवा निकल गई।

अब भले दोनों ही नेता एक साथ मंच और बैठकें शेयर कर रहे हो, लेकिन दोनों की दिलों में चिंगारी तो सुलगती दिख ही रही है।

ये चिंगारी बार-बार शब्दों के शोले बनकर बाहर आ रही है। 

सीएम अशोक गहलोत तो बार-बार अपने बयानों और इशारे-इशारे में ये साफ कर रहे हैं कि वो ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। 

सीएम गहलोत ने तो अब दिल्ली में भी भरी प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए कह दिया है कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन, यह पद मुझे नहीं छोड़ना चाहता और शायद छोड़ेगा भी नहीं। 

इसका मतलब तो यही माना जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर फिर से अपनी दावेदारी पेश कर दी है। 

इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दे दिया कि कांग्रेस को यदि जीत मिली तो वही मुख्यमंत्री बनेंगे।

इसके बाद से सियासी माहौल में फिर उबाल आ गया है और सचिन पायलट भी बयानबाजी में उनसे मुकाबला करते दिख रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में कितने मुख्यमंत्री की हिम्मत है जो ये कहे कि पद छोड़ना चाहता हूं। ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा।

उन्होंने ये भी कहा कि हाईकमान ने मुझे पर इतना विश्वास किया है। इसका कुछ तो कारण होगा।

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मुझ पर इतना भरोसा कर रहे हैं। मुझे सोनिया गांधी ने पहली बार चुना। 

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