Highlights
- गौतम गंभीर पर मनोज तिवारी ने टीम में तनाव फैलाने का आरोप लगाया।
- तिवारी का दावा है कि गंभीर ने सीनियर खिलाड़ियों को टीम से हटाया।
- मोहम्मद कैफ ने शुभमन गिल को वनडे कप्तान बनाए जाने पर चिंता जताई।
- कैफ के अनुसार, गिल पर कप्तानी लेने का दबाव डाला गया था।
नई दिल्ली: टीम इंडिया (Team India) के नए कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambir) पर पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे टीम में तनाव बढ़ने की बात कही गई है।
गौतम गंभीर पर मनोज तिवारी के गंभीर आरोप
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के नए कोच गौतम गंभीर पर बड़ा निशाना साधा है।
तिवारी का कहना है कि गंभीर के कोच बनने के बाद से भारतीय टीम के माहौल में काफी तनाव फैल गया है।
उन्होंने कहा कि जब से गौतम गंभीर टीम इंडिया के कोच बने हैं, तभी से कई विवाद सामने आ चुके हैं।
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि कई सीनियर खिलाड़ियों ने या तो संन्यास ले लिया है या उन्हें किनारे कर दिया गया है।
उनके अनुसार, ऐसा लगता है जैसे टीम के भीतर एक असहज माहौल बन गया है।
तिवारी ने गंभीर के रवैये को सीनियर खिलाड़ियों के प्रति काफी सख्त और असहयोगी बताया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गंभीर चाहते हैं कि उनके फैसलों पर कोई सवाल न उठाए।
मनोज तिवारी ने कहा कि अगर रोहित शर्मा, विराट कोहली या आर. अश्विन जैसे खिलाड़ी किसी चीज से असहमत हों, तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है या किनारे कर दिया जाता है।
गंभीर नहीं चाहते थे टीम में सीनियर चेहरे: मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने दावा किया कि गौतम गंभीर ने टीम से उन खिलाड़ियों को हटाया जो टीम के फैसलों पर सवाल उठा सकते थे।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आर. अश्विन ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में ही संन्यास लिया।
तिवारी ने आगे कहा कि फिर रोहित शर्मा और विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सब संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे टीम प्रबंधन की एक सोची-समझी रणनीति है।
गंभीर के आने के बाद कई बड़े और विवादास्पद फैसले हुए हैं।
रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से हटाकर शुभमन गिल को कप्तान बनाना भी इनमें से एक है।
विराट कोहली का चयन प्रक्रिया से बाहर होना भी एक बड़ा मुद्दा रहा है।
सीनियर खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट अनिवार्य करना और कुछ खिलाड़ियों को सीधे टीम में जगह देना भी चर्चा का विषय रहा है।
इन सभी कदमों ने फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स के बीच भी गहरी बहस छेड़ दी है।
रोहित-विराट भारतीय क्रिकेट के असली हीरो हैं
हालांकि, मनोज तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें विश्वास है कि गंभीर पूरी तरह से रोहित और विराट को वनडे टीम से बाहर नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि दोनों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य हैं।
तिवारी ने बताया कि रोहित और विराट ने अपने करियर में देश के लिए बहुत कुछ दिया है।
उनके अनुसार, वे सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की पहचान हैं।
शुभमन गिल की कप्तानी और मोहम्मद कैफ का बड़ा दावा
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ ने शुभमन गिल को वनडे कप्तान बनाए जाने के फैसले पर एक बड़ा बयान दिया है।
कैफ का मानना है कि गिल पर वनडे टीम की कप्तानी लेने के लिए दबाव डाला गया था।
उन्होंने चिंता जताई कि इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी देना उनके प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कहा था कि यह फैसला 2027 वनडे विश्व कप को ध्यान में रखकर लिया गया है।
अगरकर के अनुसार, यह कदम गिल को कप्तान के रूप में जमने का पर्याप्त समय देने के लिए उठाया गया है।
हालांकि, कैफ ने यूट्यूब पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में इस कदम को लेकर अपनी गहरी चिंता जाहिर की।
उन्होंने कहा कि "सारा बोझ गिल पर आ गया है।"
कैफ ने बताया कि शुभमन गिल सब कुछ बहुत जल्दी हासिल कर रहे हैं, जिससे नुकसान भी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जब आपको इतनी कम समय में इतना कुछ मिल जाता है, तो यह उल्टा पड़ सकता है।
चयनकर्ताओं ने गिल पर बनाया दबाव!
मोहम्मद कैफ ने साफ तौर पर कहा कि रोहित शर्मा में 2027 विश्व कप खेलने की क्षमता थी।
कैफ ने यह भी कहा कि गिल ने खुद यह कप्तानी नहीं मांगी थी।
उनके अनुसार, चयनकर्ताओं ने उन पर यह जिम्मेदारी डाली है।
कैफ ने कहा कि "कोई खिलाड़ी कभी कप्तानी नहीं मांगता।"
उन्होंने बताया कि हर कोई जानता है कि शुभमन गिल यह नहीं चाहते थे।
कैफ ने कहा कि "आप इसकी मांग नहीं कर सकते... मुझे लगता है कि सब कुछ बहुत जल्दी हो रहा है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि चयनकर्ताओं, जिनमें अजीत अगरकर भी शामिल हैं, उन्होंने गिल पर दबाव डाला है।
शुभमन गिल अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज में टीम की अगुवाई करेंगे।
रोहित शर्मा टीम में एक बल्लेबाज के तौर पर शामिल हैं।
ऐसे में शुभमन गिल पर खुद को साबित करने का अतिरिक्त दबाव होगा।
भारतीय टीम में खींचतान जारी
इन सभी आरोपों और बयानों के बाद भारतीय टीम में गुटबाजी और मतभेदों की चर्चा फिर तेज हो गई है।
कुछ पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि गौतम गंभीर की कोचिंग स्टाइल बेहद आक्रामक है।
उनके अनुसार, हर खिलाड़ी उस माहौल में सहज महसूस नहीं करता है।
आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह विवाद शांत होता है।
या फिर भारतीय क्रिकेट में कोई नया भूचाल आता है।