पुलवामा हमले में जांच नही : पुलवामा के आरोप दोहराते हुए राजस्थान में सत्यपाल मलिक ने कहा दु:ख है कार्यवाही नहीं हुई

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Highlights

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने कहा केंद्र सरकार के लिए मौजूदा परिस्थितियां बहुत ज्यादा कठिन

प्रधानमंत्री को अब पुलवामा और अडानी मामले में बोलना पड़ेगा

यदि वसुंधरा को भाजपा सीएम चेहरा बनाए तो जीत के चांस ज्यादा होंगे

जयपुर | जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक आज दो दिवसीय दौरे पर सीकर आए हैं। सर्किट हाउस पर सत्यपाल मीडिया से रूबरू हुए।

इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर कई निशाने साधे हैं। सत्यपाल मलिक ने कहा है कि पुलवामा हमले की अब तक की जांच नहीं हो पाई है। इसके अलावा केंद्र सरकार के लिए मौजूदा परिस्थितियां भी ठीक नही है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले पर बोलते हुए कहा कि मैं यह नही कहता कि हमला जानबूझ कर करवाया गया था।

अटैक तो पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड टेरेरिस्ट कर का ही किया गया था। हमारी तो केवल गलतियां थी। जो इंतजाम होने थे। वह सब नही किए। उन्होने होम मिनिस्ट्री से एयरक्राफ्ट मांगे थे। जो उन्हे नही मिले।

4 महीने तक लेटर पड़ा रहा। लेकिन उसपर कोई जवाब नही दिया गया। जहाज नही दिए गए तो सैनिक सड़क से आए। रूट भी सेनेटाइज नही था। जहां अटैक हुआ वहां 10 किलोमीटर में 10 जगह लिंक रोड आकर जुड़ती है।

कहीं भी कोई सुरक्षा इंतजाम नही थे। जबकि नियम है कि सेना का कारवां जाने के बाद आमजन उस सड़क पर आते हैं। लेकिन वहां सब फ्रीली घुस रहे थे। 

मलिक ने कहा कि जब पीएम ने इस बारे में मुझसे पूछा तो मैंने उन्हे यही कहा कि मैं तो बहुत दुखी हूं। क्योंकि यह हमारी गलती की वजह से हुआ। मलिक ने कहा कि उस वक्त पीएम ने मुझे कहा कि तुम अभी चुप रहो।

मैं दिल्ली आ रहा हूं। वहां बात करेंगे। लेकिन इस मामले में कुछ नही हुआ। मालिक ने कहा कि मैं अमित शाह का बहुत सम्मान करता हूं। उनसे कोई आर्ग्यूमेंट नही करना चाहता।

मलिक ने कहा कि उस दौरान दो मीडिया हाउस में मैंने बाईट दे दी थी। शाह ने कहा कि जब पावर में होते हैं तो ऐसे नही कहते। पीएम ने भी मुझे आगे बोलने को मना किया।

उस दौरान नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने भी मुझे फोन पर कहा कि अब कुछ मत बोलिए। मलिक ने कहा कि मुझे इस बात का सख्त अफसोस है कि इतनी बड़ी घटना को हमले बहुत हल्के में लिया। शायद इसलिए कि हम उसका राजनीतिक उपयोग कर सकते थे। 

अग्निवीर योजना पर बोलते हुए मलिक ने कहा कि मजबूरी में सैनिक नौकरी के लिए चला जाएगा। लेकिन उसमें वह जज्बा नही होगा जो होना चाहिए।

मलिक ने राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने पर कहा कि यह डिसीजन जल्दबाजी में हुआ। गांधी को टाइम देना चाहिए था। सबसे ख़राब काम हुआ कि राहुल गांधी को संसद में अपना पक्ष रखने की अनुमति नही दी गई।

जो उसका अधिकार था। राहुल ने खिलाफ तीन मिनिस्टर भी बोले थे। लेकिन स्पीकर ने फिर भी राहुल को बोलने की इजाजत नही दी। 

मलिक ने कहा कि जब मैं गवर्नर था। तब मैंने पुलवामा,किसानों के मुद्दे कई बार उठाए थे। ऐसे में यह कहना गलत है कि मैंने राज्यपाल रहते हुए किसी मामले पर नही बोला। जंतर - मंतर पर चल रहे खिलाड़ियों के धरने पर मलिक ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक बात है।

वह लोग कितनी बुरी परिस्थितियों में मेहनत करके देश के लिए मैडल लाती है। और जब महिला यह कहती है कि मेरी आबरू पर हमला किया गया है। तो वह यह बात बहुत मजबूरी में कहती है। उसकी एफआईआर दर्ज नही की जाती। एमपी को नही हटा रहे हो। 

मलिक ने कहा कि जब मैं पीएम से मिलने जाता था। तो इस्तीफा अपनी जेब में लेकर जाता था। अगर मेरे से एक बार भी मांगते तो मैं दे देता।

मैं इस बात का आभारी हूं कि उन्होंने ही मुझे राज्यपाल बनाया। और यदि अमित शाह कहते तो एक मिनट में इस्तीफा दे देता। लेकिन मुझे कुछ लोगों ने सलाह दी कि तुम बेवकूफी मत करना। बिना मांगे इस्तीफा मत देना।

मलिक ने कहा कि राजनाथ सिंह पीएम पद के सीरियस उम्मीदवार है। यदि उनके भाग्य में रहा तो बन भी जाएंगे। जम्मू कश्मीर में इंश्योरेंस और हाइडल प्रोजेक्ट का। हाइडल प्रोजेक्ट में संघ का कोई आदमी नही था। प्रोजेक्ट में जो आदमी था वह पीएम के काफी नजदीक है।

जिससे मैं मिला तो उसने कहा कि आपने बड़ा बुरा किया लेकिन हम तो काम करवा लेंगे। जब फिर मैंने पीएम को बताया कि वह तो दलाली का केस दे रहा था। तो मैंने मना कर दिया। इस पर पीएम ने भी मुझे सपोर्ट किया। दूसरा जो मामला था। उसके बारे में मुझे अफसरों ने ही बताया था।

जिस दिन मैंने वह माला कैंसिल किया उस दिन आरएसएस वाले राम माधव मेरे घर पर सुबह 7 बजे बिना नहाए धोए आए। जिन्होंने मुझे उसकी चिट्ठी के बारे में पूछा। तो माधव काफी व्यतीत थे। 

मालिक ने आगामी लोकसभा चुनावों पर बोलते हुए कहा कि राजनीति और चुनाव 1 दिन में बदलते हैं। हालांकि मौजूदा परिस्थितियां बीजेपी के लिए ठीक नहीं है। पीएम को अडानी और पुलवामा मामले पर बोलना चाहिए। साथ ही एमएसपी पर भी जल्द निर्णय लेना जरूरी है।

मलिक ने कहा कि विपक्ष को जरूरी है कि उम्मीदवार के सामने 1 उम्मीदवार खड़ा कर दो। मोदी जी विल बी नोव्हेयर। राजस्थान में भाजपा की जीत पर मलिक ने कहा कि यदि वसुंधरा राजे सीएम पद की उम्मीदवार होती है तो बीजेपी के जीतने के चांस ज्यादा है। वरना कोई चांस नहीं है।

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