यमराज के पास जाकर वापस लौटी दादी: हाथ पकड़ कर ले गए थे यमदूत, नाम-पता सही नहीं मिला तो धरती पर छोड़ गए वापस

101 साल की इस दादी ने तो खुद अपनी मौत को और अपनी आत्मा को यमदूतों के साथ जाते देखा है। या यूं कहिए कि दादी झूमकौर तो यमपुरी के दर्शन कर वापस लौट आई हैं।

Jhoom Kaur

जयपुर | मर कर भी कोई वापस जिंदा हुआ है ? किसी को यमदूत ले जाते हैं और वापस धरती पर छोड़ भी जाते हैं। क्या ये सच में होता है ? ये ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब शायद सभी ’नहीं’ में देना चाहेंगे। 

खासतौर पर वैज्ञानिक तो इस बात को कतई नहीं मानेंगे, क्योंकि उनके पास तो आध्यात्म से बड़ा विज्ञान है। 

लेकिन ऐसा ही कुछ देखने को मिला है यूपी में मेरठ जिले के मवाना गांव में, जहां एक बुजुर्ग दादी यमलोक तक जाकर वापस अपने परिवार के पास लौट आईं और अब 101 साल की उम्र में भी यमदूत के आने का इंतजार कर रही हैं। 

इस बुजुर्ग दादी का इतना भरापूरा परिवार है कि उनके पोते-पड़पोते भी अब तो उम्रदराज होने लगे हैं। 

दादी ने अध्यात्मक के उस राज से पर्दा उठाया है जिसे अधितर लोग मानने को तैयार नहीं होते। 

अक्सर फिल्मों और नाटकों में ही ये देखने को मिलता है कि यमराज और उनके यमदूत किस तरह से धरती पर से लोगों को अपने साथ यमपुरी ले जाते हैं।

लेकिन 101 साल की इस दादी ने तो खुद अपनी मौत को और अपनी आत्मा को यमदूतों के साथ जाते देखा है। 

या यूं कहिए कि दादी झूमकौर तो यमपुरी के दर्शन कर वापस लौट आई हैं।

जी हां, खुद दादी झूमकौर ने अपने साथ घटी इस घटना को उजाकर करके सभी को हैरान कर दिया है। 

सोशल मीडिया पर 101 साल की वृद्ध महिला झूमकौर के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं जिनमें उन्होंने अपनी यमलोक की यात्रा की बातें बताई है। 

दादी ने बताया कि किस तरह से उन्हें यमदूत हाथ पकड़ कर ले गए, लेकिन जब ऊपर ले जाकर उनका नाम-पता देखा तो वो उन्हें नहीं मिला। 

जिसके चलते उनका काल टल गया और यमदूतों को उन्हें वापस धरती पर उनके घर छोड़कर जाना पड़ा।

अब ये यमपुरी में हुई कोई गलती थी या दादी को अभी और जीना था, ये तो वो ही जाने। 

इतनी उम्र पाने के बाद भी झूमकौर बिना चष्मे के सब कुछ आसानी से देख लेती है। 

अपने खाने-पीने का भी पूरा ख्याल रखती है। अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन-यापन कर रही है। 

लेकिन उन्हें देखने वाला हर शख्स अचरज में पड़ जाता है।