भजनलाल का जोधपुर दौरा: मुख्यमंत्री भजनलाल का गहलोत पर तंज: जोधपुर मेले का उद्घाटन
जोधपुर में 35वें पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव का आगाज हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसका उद्घाटन किया और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल पर सवाल उठाए।
जोधपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जोधपुर प्रवास के दौरान एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शिरकत की। शहर के ऐतिहासिक रावण चबूतरा मैदान में आयोजित 35वें पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव 2026 का आज मुख्यमंत्री ने औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने दीप प्रज्वलन कर मेले की शुरुआत की और वहां मौजूद जनसमूह को संबोधित किया। यह उत्सव राजस्थान की औद्योगिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक बड़ा मंच बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने मेले के आयोजन की सराहना करते हुए इसे स्थानीय उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर बताया। इस 10 दिवसीय उत्सव में राजस्थान की कला और कौशल का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री का पूर्व सीएम गहलोत पर सीधा हमला
उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूरी तरह से आक्रामक तेवर में नजर आए। उन्होंने मंच से सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और अशोक गहलोत लंबे समय से जोधपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन विकास के मामले में वे केवल भ्रम फैलाने का काम करते रहे हैं। उन्होंने खुली चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस अपने दो साल के कार्यकाल की तुलना भाजपा सरकार के इन दो सालों के कार्यों से कर ले तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ठोस कार्य करने में विश्वास रखती है न कि केवल विज्ञापनों और झूठे दावों में। उन्होंने जोधपुर की जनता से अपील की कि वे विकास के अंतर को स्वयं महसूस करें।
ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
इस वर्ष के हस्तशिल्प उत्सव की सबसे बड़ी विशेषता इसकी थीम है जो ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने मेले में बने विशेष डोम का अवलोकन किया जहां भारतीय सेना के शौर्य की गाथाओं को प्रदर्शित किया गया है। इस डोम में ब्रह्मोस मिसाइल और एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की शानदार प्रतिकृतियां लगाई गई हैं जो युवाओं और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने आधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी को देखते हुए सेना के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रदर्शनों से युवाओं में राष्ट्रभक्ति और सेना के प्रति सम्मान की भावना प्रबल होती है। यह प्रदर्शनी भारतीय सेना की आधुनिक क्षमताओं को भी दर्शाती है।
पंच गौरव और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पंच गौरव पहल को भी इस मेले में प्रमुखता से स्थान दिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले के विशिष्ट उत्पादों जैसे खेल सामग्री, कृषि उत्पाद, पर्यटन स्थल और वन उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले डोम का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के हर जिले में अपनी एक अलग पहचान है और सरकार का लक्ष्य इन उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है। मेले में 15 अलग-अलग डोम में 800 से अधिक स्टॉल्स लगाए गए हैं जिनमें हस्तशिल्प से लेकर आधुनिक उद्योगों तक की झलक देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्पियों से बातचीत की और उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की सराहना की।
आत्मनिर्भर भारत और युवा उद्यमिता पर जोर
मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मेले में लगाई गई लाइव मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का भी जायजा लिया। यहां कई उत्पादों को मौके पर ही तैयार होते हुए देखा जा सकता है जो दर्शकों के लिए एक नया अनुभव है। युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मेले में विशेष काउंटर स्थापित किए गए हैं। बीएसएफ, थल सेना और वायु सेना की भर्ती प्रक्रियाओं की जानकारी देने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को केवल नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला उद्यमी बनाना चाहती है। उन्होंने स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी नीतियों की भी चर्चा की।
व्यापारिक सेमिनार और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
यह 10 दिवसीय उत्सव केवल प्रदर्शनी तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें ज्ञान और मनोरंजन का भी संगम है। मेले में प्रतिदिन दोपहर में बिजनेस सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एमएसएमई क्षेत्र की चुनौतियां और स्टार्टअप जैसे विषयों पर विशेषज्ञ अपनी राय साझा कर रहे हैं। शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राजस्थानी लोक नृत्य, देशभक्ति के गीत और कवि सम्मेलन प्रमुख हैं। मेले में आने वाले लोगों के लिए बोइंग विमान के साथ सेल्फी लेने की भी विशेष व्यवस्था की गई है जो लोगों को काफी पसंद आ रही है। स्थानीय कलाकारों को अपनी कला दिखाने के लिए यह एक बड़ा मंच प्रदान कर रहा है।
पूर्व सैनिकों की नाराजगी और व्यवस्थागत चुनौतियां
उत्सव के उद्घाटन समारोह में एक तरफ उत्साह था तो दूसरी तरफ कुछ नाराजगी भी देखने को मिली। मंच के सामने बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी और सेवानिवृत्त कर्मी मौजूद थे। हालांकि इस बार की थीम ऑपरेशन सिंदूर रखी गई है लेकिन मंच से किसी भी वक्ता या आयोजक ने सेना के शौर्य या इस ऑपरेशन का विशेष जिक्र नहीं किया। इस अनदेखी से पूर्व सैन्य अधिकारियों में स्पष्ट रूप से नाराजगी देखी गई। इसके अलावा उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान बैठने की व्यवस्था और अन्य प्रबंधों को लेकर भी कुछ प्रबुद्धजनों ने अपनी नाखुशी जाहिर की। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, उद्योग राज्य मंत्री केके विश्नोई और अन्य विधायकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रतियोगिताएं
महिलाओं और बच्चों के लिए मेले में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। इनमें मेहंदी प्रतियोगिता, पेंटिंग, फैंसी ड्रेस और बिना आग के खाना बनाने जैसी दिलचस्प प्रतियोगिताएं शामिल हैं। आयोजकों का मानना है कि इन गतिविधियों से स्थानीय प्रतिभाओं को मंच मिलता है और मेले में पारिवारिक माहौल बना रहता है। 4 जनवरी तक चलने वाले इस उत्सव में जोधपुर के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव न केवल एक मेला है बल्कि यह जोधपुर की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सहारा भी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में राजस्थान औद्योगिक निवेश के मामले में देश का अग्रणी राज्य बनेगा।