राजेन्द्र राठौड़ का कांग्रेस पर हमला: प्रदेश में हजारों किसानों की जमीनें नीलाम, एक लाख से ज्यादा किसानों के एनपीए खाते, ईडी जांच से हिली कांग्रेस, गहलोत का बयान शर्मनाक

प्रदेश में हजारों किसानों की जमीनें नीलाम, एक लाख से ज्यादा किसानों के एनपीए खाते, ईडी जांच से हिली कांग्रेस, गहलोत का बयान शर्मनाक
Rajendra Rathore in BJP office Rajasthan
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आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसे डेढ़ करोड़ रुपये देकर आरपीएससी का सदस्य बनाया गया है

सरकार की सरपरस्ती से आरोपियों के हौसले बुलंद हैं और ये सारे मामले सरकार से जुड़े हुए हैं

सरकार द्वारा मनोनीत आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा खुद स्ट्रांग रूम से पेपर निकलवाते हैं। इस काम में उनके रिश्तेदार भी शामिल पाए जाते हैं

जयपुर | किसान कर्जमाफी मामले पर बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि गहलोत सरकार ने किसानों का वोट बटोर कर उनके साथ धोखा किया है।

करीब 6 लाख किसानों ने राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंकों से कर्ज लिया था, एक पैसा भी माफ नहीं किया। गहलोत सरकार ने किसानों से एकमुश्त समझौता करने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया कि राज्य में 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम की जा चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक लाख तेरह हजार किसानों के खाते एनपीए हो गए हैं, जिनकी जमीनों की जल्द नीलामी होने वाली है। कर्ज से तंग आकर राज्य में किसान आत्महत्या करने को मजबूर, अन्नदाताओं की यह दुर्दशा कांग्रेस सरकार को भारी पड़ेगी.

पेपर लीक समेत भ्रष्टाचार के मामलों में ईडी की कार्रवाई का विरोध करने के कांग्रेस के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष  ने कहा कि ईडी ने प्रारंभिक जांच में तथ्यात्मक रूप से पाया है कि राज्य में काला धन फैला है.

राठौड़ ने कहा कि जी हां, ब्लैकमेलिंग के इस खेल में पेपर माफिया सक्रिय है। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उसे डेढ़ करोड़ रुपये देकर आरपीएससी का सदस्य बनाया गया है। सरकार की सरपरस्ती से आरोपियों के हौसले बुलंद हैं और ये सारे मामले सरकार से जुड़े हुए हैं.

रीट पेपर लीक मामले में गहलोत सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि रीट पेपर कराने का जिम्मा राजीव गांधी स्टडी सर्किल सेंटर को देने से साफ पता चलता है कि पेपर लीक मामले में सरकार ही मुख्य आरोपी है.

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष धर्मपाल जारोली ने पिछले दिनों बयान दिया था कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है, मुख्य आरोपियों को बचाया जा रहा है.

सरकार द्वारा मनोनीत आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा खुद स्ट्रांग रूम से पेपर निकलवाते हैं। इस काम में उनके रिश्तेदार भी शामिल पाए जाते हैं।

पेपर लीक मामले में फरार आरोपी भूपेंद्र सरन का हवाला देते हुए राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार में मंत्रियों के सोशल मीडिया अकाउंट माफिया लोग चला रहे हैं.

बिना सरकार के संरक्षण के इस तरह किसी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर इस तरह कार्यालय से कैसे हटाया जा सकता है, क्योंकि सरकार की संदिग्ध भूमिका के चलते ये लोग ईडी की जांच से बौखलाए हुए हैं.

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी जांच की आग उन तमाम लोगों पर जरूर लगेगी जिन्होंने नौकरी की गारंटी के नाम पर कोचिंग सेंटर खोले और बैच बनाए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ईडी की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों के जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि जिन संस्थाओं को कांग्रेस सरकार अपने शासन काल में सर्वोच्च मानती थी.

आज उन्हें ईडी जैसी संवैधानिक संस्था पर शक है. कांग्रेस को ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी संविधान और कानून से ऊपर नहीं है।

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