राजस्थान का रण: दूसरे राज्यों से पहुंचे भाजपा विधायक, 200 विधानसभा सीटों में 7 दिन रहकर तैयार करेंगे सियासी रिपोर्ट

अशोक गहलोत सरकार से सत्ता छीनने के लिए इस बार भाजपा हर सीट पर जीताऊ उम्मीदवार का ही चयन करने पर फोकस कर ही है। इसके लिए राज्य की 200 विधानसभा सीटों पर दूसरे राज्यों के विधायकों से रिपोर्ट तैयार करवाने की मशक्कत चल रही है। 

जयपुर | Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर सभी पार्टियों में गतिविधिया तेज हो गई हैं। 

जहां बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश में चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है वहीं, आम आदमी पार्टी भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन की तैयारी में है। जिसके लिए उन्हें दिल्ली से बुलावा आया है। 
 
इसी के साथ कांग्रेस ने भी सितंबर में अपने प्रत्याशियों के नाम उजागर करने की बात कही है। 

एमपी-सीजी में प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद अब राजस्थान भाजपा भी इसी की तैयारियों में जुटी हुई है। 

अशोक गहलोत सरकार से सत्ता छीनने के लिए इस बार भाजपा हर सीट पर जीताऊ उम्मीदवार का ही चयन करने पर फोकस कर ही है। 

इसके लिए राज्य की 200 विधानसभा सीटों पर दूसरे राज्यों के विधायकों से रिपोर्ट तैयार करवाने की मशक्कत चल रही है। 

ऐसे में शुक्रवार से यूपी, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, एमपी के 200 विधायक प्रदेश में पहुंचना शुरू हो गए हैं। 

दूसरे राज्यों से आए भाजपा के इन विधायकों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है जो उन क्षेत्र में जाएंगे और 7 दिन तक वहीं रहकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करेंगे। 

ये रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएंगी और उसके बाद ही पार्टी आलाकमान प्रत्याशी का चयन करेंगे। 

कैसे तैयार होगी रिपोर्ट ?

अन्य राज्यों से प्रदेश में पहुंचे ये सभी विधायक उस विधानसभा सीट के प्रत्येक समीकरण पर नजर रखते हुए रिपोर्ट तैयार करेंगे। 

रिपोर्ट में बताया जाएगा कि किस विधानसभा सीट से कौन मजबूत दावेदार है और जनता में उसकी पकड़ कितनी है।मौजूदा

उनके नामों की सूची भी विधायक अपनी रिपोर्ट में शामिल करेंगे। 

रिपोर्ट में दावेदारों के अलावा भाजपा की स्थिती भी देखी जाएगी कि किस सीट पर पार्टी मजबूत है और किस पर कमजोर। 

यहीं नहीं, इस रिपोर्ट में बागियों और तीसरे मार्चे पर भी नजर रखी जाएगी। 

जिन सीटों पर भाजपा उपचुनाव में हारी है, उस हार के कारणों का भी पता लगाया जाएगा।  
इसके अलावा जिन सीटों पर कांग्रेस जीत रही है। वहां पर भाजपा की हार की समीक्षा की जाएगी। 

दूसरे राज्योां से आए सभी विधायक अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में सामाजिक समीकरण समझ कर मतदाताओं पर भी फोकस करेंगे। 

ऐसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयारी होगी जिसके बाद पार्टी में इन पर मंथन किया जाएगा।