वीरांगना का बुरा हाल: तिरंगे में लिपट, दोस्तों के कंधे पर आया राजस्थान का लाल, जून में हुई थी शादी, पति के आने का इंतजार करती रह गई पत्नी
मंगलवार को जब परिवार का लाड़ला बेटा अपने दोस्तों के कंधों पर तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। परिजन तो क्या पूरे गांव वालों की आंखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे।
बूंदी | कारगिल दिवस से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को जब परिवार का लाड़ला बेटा अपने दोस्तों के कंधों पर तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया।
परिजन तो क्या पूरे गांव वालों की आंखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे।
45 दिन पहले जिसके संग सात फेरे लिए थे उसे आज तिरंगे में इस कदर लिपटा हुआ देख वीरांगना खुद को संभाल नहीं पा रही थी।
दो दिन पहले पश्चिमी बंगाल में एक दुर्घटना में शहीद हुए कालू लाल नागर की पार्थिव देह जब मंगलवार सुबह उसके पैतृक गांव पहुंची तो पूरे गांव में सन्नाटा छा गया।
कालू लाल शादी के बाद 27 जून को ही ड्यूटी पर लौटा था और दो दिन पहले ही फोन पर पंद्रह दिन बाद छुट्टी पर आने की बात कही थी।
वह घर पर आया तो सही, लेकिन अब कभी नहीं जाने के लिए। परिवार के पास बची है तो बस अपने बेटे की यादें।
कालूलाल नागर की शव यात्रा बूंदी जिले के क्षेत्र में उनके गांव लाई गई।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
कालू लाल नागर बूंदी जिले की हिंडौली तहसील के गांव हनुमानपुरा के रहने वाले थे।
पश्चिमी बंगाल के पानागढ़ में बीते शनिवार देर रात सेना के वाहन के टायर में हवा भरने के दौरान टायर फटने से उनके सिर में गंभीर चोट आईं थी।
इसके बाद जवान को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
शहीद नागर का भारतीय सेना में 2019 में चयन हुआ था।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब
अपने लाड़ले को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा।
बड़ी संख्या में क्षेत्र से आए युवाओं, ग्रामीणों ने शहीद सैनिक कालू लाल नागर की शव यात्रा में कंधा दिया। जो कस्बे के बाजार से होती शहीद स्मारक पहुंची।
उनके पैतृक गांव में सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जून में शादी, जुलाई में शहीद
विधाता को क्या मंजूर है ये कोई नहीं जानता। शहीद हुए कालू लाल नागर की शादी पिछले महीने 5 जून को बूंदी जिले के करवर निवासी टीना से हुई थी।
27 जून को वह वापस ड्यूटी पर चले गए। तीन दिन पहले ही उनका फोन आया था। तब 15 दिन बाद छुट्टी पर घर आने की बात कही थी, लेकिन किसे पता था कि वह अब तिरंगे में लिपटकर वापस आएंगे।