Pali Rajasthan: दो थानों की पुलिस ने 2 लाख में छोड़ा तस्कर, तीसरे ने पकड़ा; 4 सस्पेंड

दो थानों की पुलिस ने 2 लाख में छोड़ा तस्कर, तीसरे ने पकड़ा; 4 सस्पेंड
दो लाख लेकर तस्कर छोड़े, 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड
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Highlights

  • दो थानों की पुलिस ने डोडा-पोस्त से भरी कार को 2 लाख रुपए लेकर छोड़ा।
  • बाद में सदर थाना पुलिस ने उसी कार को दोबारा पकड़ा और 118 किलो डोडा-पोस्त बरामद किया।
  • एसपी आदर्श सिधु ने देसूरी और सादड़ी थाने के चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया।
  • जोधपुर में डीलर के जरिए 2 लाख रुपए की डील तय हुई थी।

पाली: पाली (Pali) में दो थानों की पुलिस ने डोडा-पोस्त (Doda-Post) से भरी कार पकड़ने के बाद 2 लाख रुपए लेकर एक तस्कर को छोड़ दिया। बाद में सदर थाना पुलिस (Sadar Thana Police) ने उसी कार को फिर से पकड़ा। इस मामले में एसपी आदर्श सिधु (SP Adarsh Sidhu) ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है।

यह चौंकाने वाला मामला पाली जिले से सामने आया है, जहां पुलिस की मिलीभगत से डोडा-पोस्त तस्करी का बड़ा खेल उजागर हुआ है। इस घटना ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या था पूरा मामला?

गुरुवार, 18 दिसंबर को देसूरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल (38) और कॉन्स्टेबल बंशीलाल (28) पाली पुलिस लाइन में किसी काम से आए थे। उनके साथ सादड़ी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश (45) और कॉन्स्टेबल नन्छूराम (32) भी थे।

ये चारों एक निजी आई-10 कार (डीडी-03-0365) में पाली से रवाना हुए। इसी दौरान उन्होंने रानी थाना क्षेत्र के बूसी और सोमेसर गांव के बीच रात के समय डोडा-पोस्त से भरी एक कार को रोका।

2 लाख की डील कर तस्कर को छोड़ा

कार को रोकने के बाद कार्रवाई करने के बजाय, इन पुलिसकर्मियों ने तस्करों से सौदा कर लिया। डोडा-पोस्त से भरी यह कार जोधपुर के चौपासनी क्षेत्र निवासी तस्कर भंवर खिलेरी की बताई जा रही है।

कार को जोधपुर निवासी धीरेंद्र चला रहा था। पूछताछ में सामने आया कि तस्कर भंवर खिलेरी अपने साथी प्रकाश पटेल के साथ कार को एस्कॉर्ट कर रहा था।

जोधपुर में हुई 2 लाख की वसूली

पुलिसकर्मियों ने पकड़े गए ड्राइवर धीरेंद्र के मोबाइल से तस्कर भंवर खिलेरी से संपर्क किया। बातचीत में 2 लाख रुपए में मामला निपटाने की डील तय हुई। भंवर ने पैसे जुटाने के लिए समय मांगा।

इस पर पुलिसकर्मियों ने जोधपुर में ही रुपए दिलाने को कहा। इसके बाद भदवासिया पुलिया के पास श्रीराम हॉस्पिटल के नजदीक एक बेयरिंग की दुकान पर पुलिसकर्मियों के परिचित को 2 लाख रुपए दिलवाए गए।

रुपए मिलने के बाद पुलिसकर्मियों ने डोडा-पोस्त से भरी कार और तस्करों को छोड़ दिया। यह घटना पुलिस की साख पर एक बड़ा धब्बा है।

सदर थाना पुलिस ने फिर पकड़ी वही कार

पुलिसकर्मियों के छोड़ने के कुछ समय बाद ही एक मुखबिर की सूचना पर पाली सदर थाना प्रभारी कपूराराम चौधरी की टीम सक्रिय हुई। टीम ने पणिहारी तिराहे के पास उसी डोडा-पोस्त से भरी कार को रोक लिया।

तलाशी में कार से कुल 118 किलो डोडा-पोस्त बरामद हुआ। सदर थाना पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी धीरेंद्र जाट को गिरफ्तार कर लिया।

यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता और ईमानदारी का एक उदाहरण बनी, जिसने भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की करतूतों को उजागर किया।

ड्राइवर धीरेंद्र ने कबूला, पहले भी हुई थी कोशिश

गिरफ्तार ड्राइवर धीरेंद्र ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि पुलिसकर्मियों ने कहा था कि 5-7 दिन पहले भी देसूरी में कार को रुकवाया गया था।

लेकिन उस समय सौदा नहीं हो पाया था। इस बार रकम नहीं मिलने पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई थी।

इसी दौरान वॉट्सऐप और मोबाइल कॉल के जरिए भंवर खिलेरी से बात कर डील फाइनल की गई थी। यह पूरी घटना पुलिस की कार्यप्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार को दर्शाती है।

उच्चाधिकारियों को नहीं दी गई सूचना

जिस स्थान पर कार को रोका गया था, वह रानी थाना क्षेत्र में आता है। सोमेसर चौकी भी घटनास्थल से महज एक किलोमीटर दूर थी।

इसके बावजूद, आरोपी पुलिसकर्मियों ने न तो रानी पुलिस को इसकी सूचना दी और न ही कार को चौकी ले जाया गया। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन था।

मामले की जानकारी जब एसपी आदर्श सिधु तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत जांच के आदेश दिए। उन्होंने इस गंभीर मामले को गंभीरता से लिया।

चार पुलिसकर्मी निलंबित, ASP को जांच

प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर एसपी आदर्श सिधु ने सख्त कार्रवाई की है। देसूरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल और कॉन्स्टेबल बंशीलाल को निलंबित कर दिया गया है।

इसके साथ ही सादड़ी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश और कॉन्स्टेबल नन्छूराम को भी निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक थी।

पूरे मामले की विस्तृत जांच बाली एएसपी चैनसिंह महेचा को सौंपी गई है। यह जांच आगे की कार्रवाई और दोषियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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