भारत रचेगा इतिहास: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला होगा पहला देश, उतरते ही सेल्फी लेंगे लैंडर-रोवर

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2ः35 बजे होगी। इसके बाद भारत चांद की धरती पर राष्ट्रध्वज फहराने वाला चौथा देश बन जाएगा।  इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचने वाला पहला देश भी होगा। 

नई दिल्ली | Chandrayaan-3: पूरी दुनिया की नजर इस वक्त भारत पर टिकी है। भारत शुक्रवार को इतिहास रचने जा रहा है। 

अपने मिशन चंद्रयान-3 के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। जिसका काउंट डाउन आज से शुरू हो गया है। 

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2ः35 बजे होगी। इसके बाद भारत चांद की धरती पर राष्ट्रध्वज फहराने वाला चौथा देश बन जाएगा। 

इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचने वाला पहला देश भी होगा। 

यह वही स्थान है जहां चंद्रयान-2 की लैंडिंग क्रैश हो गई थी, लेकिन इस बार भारतीय वैज्ञानिकों ने उसमें सुधार करते हुए इतिहास रचने की ठान ली है। 

देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 14 जुलाई यानि कल आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा। 

इसके लैंडर के चंद्रमा की सतह पर 23 या 24 अगस्त को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद जताई गई है। 

चांद की सतह पर उतरते ही लेंगे सेल्फी

अगस्त में जब ये लैंडर ’विक्रम’ चांद की सतह पर उतरेगा तो उससे एक रैंप निकलेगा। 

जिससे लढ़कता हुआ रोवर ’प्रज्ञान’ बाहर आएगा। लैंडर और रोवर दोनों पर देश का तिरंगा चस्पा किया गया है। 

इसके बाद लैंडर और रोवर दोनों भारतीय तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी और एक दूसरे की तस्वीरें चांद से धरती पर भेजेंगे।

वैज्ञानिकों ने तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर की सफलता की प्रार्थना

अपने इस अभियान की शुरूआत से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आज गुरूवार को सुबह तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर सफलता की प्रार्थना की।

बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन सितंबर 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जिसके चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करने की उम्मीद है।

पिछली बार चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर के ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाने के कारण सफलता नहीं मिल पाई थी।