फॉरेंसिक छात्रा, पूर्व प्रेमी की हत्या: दिल्ली: फॉरेंसिक छात्रा ने पूर्व प्रेमी संग UPSC अभ्यर्थी को जलाया

दिल्ली (Delhi) के गांधी विहार (Gandhi Vihar) में यूपीएससी (UPSC) अभ्यर्थी रामकेश मीना (Ramkesh Meena) की हत्या का खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक साइंस (Forensic Science) की छात्रा अमृता चौहान (Amrita Chauhan) ने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप (Sumit Kashyap) और दोस्त संदीप कुमार (Sandeep Kumar) संग मिलकर उसे मारा, फिर आग लगाकर हादसे का रूप दिया।

फॉरेंसिक छात्रा, पूर्व प्रेमी की हत्या

नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के गांधी विहार (Gandhi Vihar) में यूपीएससी (UPSC) अभ्यर्थी रामकेश मीना (Ramkesh Meena) की हत्या का खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक साइंस (Forensic Science) की छात्रा अमृता चौहान (Amrita Chauhan) ने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप (Sumit Kashyap) और दोस्त संदीप कुमार (Sandeep Kumar) संग मिलकर उसे मारा, फिर आग लगाकर हादसे का रूप दिया।

सनसनीखेज हत्या का पर्दाफाश

दिल्ली के गांधी विहार में कुछ हफ़्ते पहले लगी एक आग का राज जब खुला तो पुलिस भी हैरान रह गई।

जिस कमरे को सभी ‘हादसे का शिकार' मान रहे थे, वहां दरअसल एक सोची-समझी हत्या हुई थी।

इस मर्डर मिस्ट्री की मास्टरमाइंड निकली वही लड़की जो फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी और अपराधों को विज्ञान की नजर से समझने का दावा करती थी।

पुलिस की जांच में पता चला कि उसने अपने पूर्व प्रेमी और एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे रामकेश मीना की नृशंस हत्या की और फिर आग लगाकर उसे दुर्घटना दिखाने की साजिश रची।

क्राइम वेब सीरीज़ देखकर ‘परफेक्ट मर्डर' की प्लानिंग करने वाली इस छात्रा ने हर कदम वैज्ञानिक तरीके से उठाया लेकिन सीसीटीवी और मोबाइल डेटा ने उसकी चालाकी का पूरा नक्शा बेनकाब कर दिया।

कैसे खुली हत्या की गुत्थी?

6 अक्टूबर 2025 की सुबह दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि गांधी विहार की एक बिल्डिंग की चौथी मंज़िल पर आग लग गई है।

दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया लेकिन अंदर का दृश्य झकझोर देने वाला था।

एक झुलसा हुआ शव पड़ा था जिसकी पहचान 32 वर्षीय रामकेश मीना के रूप में हुई जो वहीं रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे।

शुरुआत में यह गैस लीक हादसा माना गया लेकिन शव की स्थिति और कमरे में बिखरी चीजों ने पुलिस को शक में डाल दिया।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली साजिश की परतें

घटना के बाद जब क्राइम टीम और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची तो आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और सारा खेल साफ़ होने लगा।

5 और 6 अक्टूबर की रात करीब 2:20 बजे दो लोग मुंह ढंके हुए बिल्डिंग में दाखिल हुए और कुछ देर बाद सिर्फ़ एक बाहर निकला।

करीब 2:57 बजे एक लड़की, जिसकी पहचान बाद में अमृता चौहान के रूप में हुई, अपने साथी के साथ बिल्डिंग से बाहर जाती दिखाई दी।

कुछ ही मिनटों बाद फ्लैट में आग लग गई जिससे पुलिस का शक गहरा गया।

पुलिस ने अमृता का मोबाइल डेटा और कॉल रिकॉर्ड्स निकाले तो लोकेशन उसी रात गांधी विहार के आसपास थी और अब शक यकीन में बदल गया।

'परफेक्ट मर्डर' की साजिश रचने वाली छात्रा

18 अक्टूबर को पुलिस ने अमृता को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया।

पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने अपने दो दोस्तों सुमित कश्यप (पूर्व प्रेमी, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर) और संदीप कुमार (ग्रेजुएट, एसएससी अभ्यर्थी) के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई थी।

हत्या का मकसद और आरोपियों की प्रोफाइल

अमृता ने बताया कि रामकेश उसके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहता था और उसने उसके कुछ निजी वीडियो और फोटो एक हार्ड डिस्क में सेव कर रखे थे।

जब अमृता ने इन्हें डिलीट करने को कहा तो रामकेश ने मना कर दिया जिससे वह गुस्से में आ गई।

अमृता ने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित को यह बात बताई और फिर दोनों ने मिलकर रामकेश को मारने की साजिश रची।

आरोपियों की पहचान

अमृता चौहान की उम्र 21 साल है और वह मुरादाबाद निवासी फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी।

सुमित कश्यप की उम्र 27 साल है और वह मुरादाबाद का निवासी एलपीजी सिलेंडर डिस्ट्रीब्यूटर है।

संदीप कुमार की उम्र 29 साल है और वह मुरादाबाद निवासी ग्रेजुएट तथा एसएससी/सीजीएल की तैयारी कर रहा था।

पहले हत्या, फिर हादसे का रूप देने की योजना

फॉरेंसिक साइंस की छात्रा होने के नाते अमृता को पता था कि सबूत कैसे मिटाए जाते हैं।

5-6 अक्टूबर की रात तीनों गांधी विहार पहुंचे और उन्होंने पहले रामकेश का गला दबाया, फिर डंडे से पीटकर मार डाला।

शव पर घी, तेल और वाइन डाल दी ताकि आग तेजी से भड़के और पहचान मुश्किल हो जाए।

सुमित ने सिलेंडर का नॉब खोलकर गैस फैलाई और आग लगा दी क्योंकि उसे पता था कि गैस सिलेंडर कब और कैसे फटेगा।

अमृता ने दरवाजे की जाली हटाकर अंदर से गेट लॉक किया ताकि सबको लगे यह हादसा था।

करीब एक घंटे बाद धमाका हुआ और कमरे में आग भड़क उठी जिससे बाहर वालों को सब कुछ गैस ब्लास्ट जैसा लगा।

पुलिस की सूझबूझ से सुलझी गुत्थी

18 से 23 अक्टूबर के बीच तीनों आरोपियों को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया।

अमृता के ठिकाने से हार्ड डिस्क, ट्रॉली बैग और मृतक की शर्ट बरामद हुई जो अहम सबूत साबित हुए।

दिल्ली पुलिस की तिमारपुर टीम ने तकनीकी सर्विलांस, मोबाइल डेटा और सीसीटीवी एनालिसिस की मदद से इस ब्रूटल मर्डर मिस्ट्री को सुलझाया।

जिस आग को सबने हादसा माना, वह असल में “विज्ञान की जानकारी से बुनी गई हत्या की पटकथा” थी।

पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने से संबंधित भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

वेब सीरीज से मिली थी 'प्रेरणा'

आरोपियों से पूछताछ में यह भी सामने आया कि मुख्य आरोपी युवती ने अपनी पढ़ाई और क्राइम वेब सीरीज देखकर वारदात को अंजाम दिया था।

उसने हत्या को ‘एक्सीडेंट’ का रूप देने की पूरी साजिश इन्हीं वेब सीरीज से मिली जानकारी के आधार पर रची थी।

यह मामला लिव-इन रिलेशनशिप के जटिल पहलुओं और आधुनिक अपराधों की नई चुनौतियों को उजागर करता है।