पूर्व मंत्री और दिग्गज की घर वापसी: चार साल पहले छोड़ दी थी पार्टी भाजपा, वसुंधरा राजे के माने जाते हैं कट्‌टर समर्थक

वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री और दिग्गज ने भाजपा में अपनी घर वापसी की है। कोलायत से सात बार विधायक रहे देवी सिंह भाटी (Devi Singh Bhati) को आखिरकार भाजपा में शामिल कर लिया गया है। 

जयपुर | विधानसभा चुनावों की तारीख के ऐलान से पहले भारतीय जनता पार्टी का कुनबा एक बार फिर से बढ़ गया है। 

वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री और दिग्गज ने भाजपा में अपनी घर वापसी की है। 

कोलायत से सात बार विधायक रहे देवी सिंह भाटी (Devi Singh Bhati) को आखिरकार भाजपा में शामिल कर लिया गया है। 

इससे पहले उनके कांग्रेस में जाने की खबरें भी सामने आई थी। हाल ही में भाटी ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की थी जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की उपस्थिति में देवी सिंह भाटी ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा प्रदेश कार्यालय में गुरुवार रात भाटी के साथ और भी कई नेताओं ने भाजपा ज्वॉइन की। 

राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और जॉइनिंग कमेटी के सदस्य वासुदेव देवनानी की मौजूदगी में रात 10 बजे भाटी को भाजपा में शामिल किया गया।

चार साल पहले छोड़ दी थी पार्टी

विवादों में घिरे रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ विधायक देवी सिंह भाटी को वसुंधरा राजे का कट्‌टर समर्थक माना जाता है। 

लेकिन भाटी को केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का जबरदस्त विरोधी भी कहा जाता है।

दरअसल, भाटी लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को टिकट देने से नाराज थे। जिसके चलते उन्होंने 2019 में इस्तीफा दे दिया था। 

2003 में खुद की पार्टी बनाकर जीता था चुनाव

आपको बता दें कि देवी सिंह भाटी की जनता में लोकप्रियता इतनी थी कि उन्होंने 2003 में भी अपनी नई पार्टी सामाजिक न्याय मंच बनाई और चुनाव लड़कर उसमें जीत दर्ज की थी। 

इन नेताओं ने भी की सदस्यता ग्रहण

देवी सिंह भाटी के अलावा सीएलसी के डायरेक्टर श्रवण चौधरी, बांदीकुई से भाजपा के पूर्वप्रत्याशी भागचंद सैनी और गेटवैल हॉस्पिटल सीकर के बीएल रिणवां ने भी भाजपा का दामन थामा।