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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भले ही पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के कई बार मतभेद और वाद-विवाद सामने आते रहे हो, लेकिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए अब अनशन पर बैठने का ऐलान कर दिया है।
जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भले ही पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के कई बार मतभेद और वाद-विवाद सामने आते रहे हो, लेकिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए अब अनशन पर बैठने का ऐलान कर दिया है।
सचिन पायलट ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए वसुंधरा सरकार के समय हुए घोटालों की जांच की मांग की है।
इस मांग को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अब आर-पार की जंग का ऐलान कर दिया है।
राजस्थान में भाजपा के कार्यकाल में वसुंधरा सरकार के समय के घोटालों की जांच की मांग को लेकर सचिन पायलट अब 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर सुबह 11 बजे से अनशन पर बैठने का ऐलान किया है।
सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसकी घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष रहते हुए पूरे 5 साल कड़ी मेहनत की थी।
तब हमने वसुंधरा सरकार के घोटालों को जनता के सामने उजागर करते हुए जनता से वादा किया था कि अगर हम सत्ता में आए तो वसुंधरा सरकार के घोटालों की जांच कर आएंगे।
उन्होंने कहा कि, आज साढ़े 4 साल के बाद भी भाजपा के उन घोटालों की कोई जांच नहीं हो पाई है।
अब विधानसभा चुनाव में मात्र 6 महीने का समय बचा है। ऐसे में हम किस मुंह से जनता के सामने जाएंगे।
सीएम गहलोत को लिखे पत्र तो नहीं मिला जवाब
सचिन पायलट यहीं तक नहीं रूके। उन्होंने इस दौरान सीएम गहलोत को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि, वसुंधरा सरकार के समय हुए घोटालों की जांच की मांग को लेकर मैंने सीएम अशोक गहलोत को कई पत्र लिखे थे, लेकिन सीएम साब ने एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया।
पायलट ने आगे कहा कि मैंने पार्टी हाईकमान को भी कई बार बारे में कहा है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। घोटालों पर कार्रवाई सरकार को करनी है, संगठन को नहीं है।
जनता समझेगी मिलीभगत का खेल
इसी के साथ पायलट ने ये भी कहा कि, अगर वसुंधरा सरकार के समय हुए घोटालों की जांच नहीं हुई तो जनता में यही संदेश जाएगा कि कांग्रेस के द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे थे ये तो बस मिलीभगत का खेल है।
आपको बता दें कि, इससे पहले शनिवार को युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जयपुर की सड़कों पर उतर कर मशाल जुलूस निकाला और केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस मशाल जुलूस का नेतृत्व भी सचिन पायलट ने ही किया था।