Rajasthan Jodhpur: अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम: करीब 2 से 3 हजार मकान और बिजली कनेक्शन हैं; अफसर बोले कोर्ट का आदेश है

जोधपुर के सूरसागर स्थित मगजी की घाटी पर वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन जुटा है। मगजी की घाटी में संरक्षित वन भूमि पर करीब 2 हजार हैक्टर में 62 खसरों पर अतिक्रमण है, जिसे हटाने के लिए कलेक्टर, वन विभाग, पुलिस, जेडीए, नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची है। 

Rajasthan Jodhpur अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की टीम

जोधपुर | जोधपुर के सूरसागर स्थित मगजी की घाटी पर वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन जुटा है। मगजी की घाटी में संरक्षित वन भूमि पर करीब 2 हजार हैक्टर में 62 खसरों पर अतिक्रमण है, जिसे हटाने के लिए कलेक्टर, वन विभाग, पुलिस, जेडीए, नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची है। 

हाईकोर्ट (highcourt) के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। मौके पर क्षेत्रवासियों ने भरी मात्रा में विरोध किया इस पर वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल बाड़े हटाए जा रहे है कोई भी रहवासी घर को नहीं हटाया जाएगा। भारी लवाजमें के साथ वन विभाग की टीम सहित पुलिस मौके पर मौजूद है।

कलेक्टर गौरव अग्रवाल (gourav agrawal) ने बताया- रामजी व्यास बनाम राजस्थान सरकार (Ramji Vyas vs State of Rajasthan) रिट पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की जा रही है। इसमें नोडल वन विभाग है। आचार संहिता के कारण कार्रवाई रुकी हुई थी।

2021 में दायर की थी याचिका

पर्यावरण विथ रामजी व्यास ने बताया कि 2021 में याचिका दायर की थी। मगजी की घाटी बेरी गंगा में 62 खसरें करीब 2 हजार हैक्टर भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। करीब 2 से 3 हजार मकान बन चुके है, यहां बिजली-पानी कनेक्शन भी है। जबकि यह संरक्षित वन क्षेत्र है। 1980 के वन संरक्षण अधिनियम की अवहेलना हो रही है। किसी भी वन भूमि को गैर वन भूमि में कनवर्ट राज्य सरकार नहीं कर सकती। इस क्षेत्र में पानी-बिजली के कनेक्शन तक दिए जा चुके है।

8 जुलाई को अगली सुनवाई

हाईकोर्ट ने रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान कलेक्टर, डीएफओ वन विभाग को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अगली पेशी से पहले कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी (pushpendra singh bhati) ने संबंधित विभाग को कार्रवाई के आदेश दिए।

इस पर सचिव वन विभाग, वन संरक्षण जोधपुर, उप वन संरक्षक, कलेक्टर, आयुक्त जेडीए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी नगर निगम, अधिशासी अभियंता लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व तहसीलदार जोधपुर ने हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने पहुंची। अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।