Haryana Chid Sex Ratio: हरियाणा लिंगानुपात पर संसद में हुडा-नड्डा के बीच तीखी बहस

संसद में हरियाणा (Haryana) के लिंगानुपात (Sex Ratio) पर तीखी बहस हुई। सांसद दीपेन्द्रसिंह हुडा (Deepender Singh Hooda) ने गिरावट का दावा किया, पर मंत्रियों ने सुधार के आंकड़े पेश किए।

नई दिल्ली: संसद में हरियाणा के लिंगानुपात पर सांसद दीपेन्द्रसिंह हुडा और केंद्रीय मंत्रियों अनुप्रिया पटेल व जगत प्रकाश नड्डा के बीच तीखी बहस हुई। हुडा ने गिरावट के आंकड़े दिए, जबकि मंत्रियों ने सुधार का दावा किया।

संसद में हरियाणा के सांसद दीपेन्द्रसिंह हुडा ने राज्य में लिंगानुपात के चिंताजनक स्तर पर पहुंचने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार के जवाब को 'पूरी तरह से इनकार' बताते हुए कहा कि सरकार वास्तविकता से मुंह मोड़ रही है। हुडा ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों को 'असत्य' करार दिया और दावा किया कि पिछले चार-पांच सालों में लिंगानुपात में कमी आई है, जबकि सरकार का कहना है कि इसमें कोई गिरावट नहीं हुई है।

सरकार के आंकड़ों पर हुडा का सवालिया निशान

दीपेन्द्रसिंह हुडा ने अपनी बात को मजबूत करने के लिए एक प्रसिद्ध पंक्ति का इस्तेमाल किया, 'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं और ये दावा किताबी है।' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय अधिकारियों ने हरियाणा सरकार से सही आंकड़े नहीं लिए हैं और ऐसे अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए। हुडा ने हरियाणा स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वयं के आंकड़े प्रस्तुत किए, जिनके अनुसार 2019 में जहां प्रति हजार बेटों पर 922 बेटियों का जन्म हुआ था, वहीं 2023-24 में यह संख्या घटकर 906 रह गई।

रोहतक जिले का विशेष उल्लेख

सांसद हुडा ने अपने गृह जिले रोहतक का उदाहरण देते हुए बताया कि जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2025 में यह आंकड़ा 814 पर आ गया है, जो 2011 के आंकड़ों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने यह भी बताया कि 2011 से 2019 तक हरियाणा में लिंगानुपात में संतोषजनक सुधार देखा गया था, लेकिन पिछले चार-पांच सालों में इसमें फिर से गिरावट आई है। उन्होंने एक अखबार की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि 'हरियाणा सेक्स रेशो एट बर्थ हिट्स एट ईयर लो' (Haryana Sex Ratio at Birth Hits Eight-Year Low)।

केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का पलटवार: सुधार के आंकड़े

दीपेन्द्रसिंह हुडा के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उनके पास राज्य सरकारों से प्राप्त ताजा आंकड़े हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश के अंदर 'सेक्स रेशो एट बर्थ' (Sex Ratio at Birth) में 2014-16 से 2021-23 के बीच 19 अंकों की वृद्धि हुई है। हरियाणा राज्य के लिए इसी अवधि में कुल 52 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के कुल 22 जिलों में से 17 जिलों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है, जबकि एक जिले में कोई बदलाव नहीं हुआ और चार जिलों में नकारात्मक बदलाव आया है।

हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने हरियाणा सरकार द्वारा 'पीसीपीएनडीटी एक्ट' (PCPNDT Act) को पूरी मजबूती से लागू करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने एक पूरी योजना बनाई है और एक 'स्पेशल टास्क फोर्स' (Special Task Force) का गठन किया है, जिसकी नियमित बैठकें अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा ली जाती हैं। सरकार जागरूकता बढ़ाने से लेकर नवजात शिशुओं के जन्म पंजीकरण, सुविधाओं के पंजीकरण और उनके लाइसेंसिंग तक हर संभव प्रयास कर रही है, जिससे लिंगानुपात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जहां भी समस्या है, वहां केंद्र का राज्य के साथ निरंतर संवाद जारी है और केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (Central Supervisory Board) सभी राज्यों में पीसीपीएनडीटी एक्ट के कार्यान्वयन की निगरानी करता है।

दीपेन्द्रसिंह हुडा की पुनः आपत्ति: समस्या की जड़ें गहरी

अनुप्रिया पटेल के जवाब के बाद दीपेन्द्रसिंह हुडा ने फिर से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वह हरियाणा सरकार के ही आंकड़े बता रहे हैं और मंत्री को पहले समस्या की गंभीरता को समझना चाहिए कि पिछले चार सालों में लिंगानुपात में गिरावट आई है। उन्होंने इस गिरावट के तीन प्रमुख कारण बताए। पहला, 'ओवर द काउंटर अबॉर्शन ड्रग्स' (Over-the-Counter Abortion Drugs) यानी बिना किसी नियमन के आसानी से उपलब्ध गर्भपात किट। उन्होंने कहा कि लोग इन्हें आसानी से खरीद रहे हैं, जिससे नुकसान हो रहा है।

अवैध गर्भपात केंद्र और आईवीएफ पर सवाल

दूसरा कारण, हुडा ने 'आईवीएफ सेंटर्स' (IVF Centers) पर सवाल उठाया, जहां बड़ी संख्या में नर बच्चों का जन्म हो रहा है। उन्होंने इन सेंटरों पर नियंत्रण की मांग की। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि पिछले महीने हरियाणा में 1500 गर्भपात केंद्रों में से 300 को बंद कर दिया गया। यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों की मिलीभगत से कितना बड़ा 'स्कैम' (Scam) चल रहा था। उन्होंने कहा कि जब मीडिया में 'यूएन क्राई' (UN Cry) मची कि हरियाणा में लिंगानुपात इतना गिर गया है, तब जाकर ये केंद्र बंद हुए। उन्होंने सरकार से इन नन्हीं जानों की परवाह करने का आग्रह किया।

कैबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का कड़ा रुख: भावनात्मक नहीं, तथ्यात्मक बात

दीपेन्द्रसिंह हुडा के आरोपों का जवाब देने के लिए केंद्रीय चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा सामने आए। उन्होंने हुडा के आरोपों को 'इमोशनलाइज' (Emotionalize) करने की कोशिश बताया और कहा कि उनके पास एसआरएस (SRS) का 2023 का डेटा है, जिसके अनुसार हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि हुई है। उन्होंने हरियाणा सरकार के अच्छे काम की सराहना की और हुडा से 300 गर्भपात केंद्रों के बंद होने के प्रमाण लिखित में देने को कहा।

सरकार की सक्रियता और कार्रवाई

मंत्री नड्डा ने सरकार द्वारा की गई सक्रिय कार्रवाइयों का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 44,263 परिसरों का निरीक्षण किया गया, 111 पंजीकरण निलंबित या रद्द किए गए और 1137 मशीनें सील या जब्त की गईं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये परिणाम सरकार की सक्रियता के कारण ही आए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड, राज्य प्राधिकरण और जिला प्राधिकरण की बैठकें नियमित रूप से हो रही हैं और जिला मजिस्ट्रेटों को साप्ताहिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

सामाजिक सोच में बदलाव की चुनौती

जगत प्रकाश नड्डा ने स्वीकार किया कि समाज में लिंगभेद की प्रवृत्ति है, जिसके लिए आईसी सामग्री (IC Materials) के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बहुत परिवर्तन आया है, लेकिन सामाजिक सोच को बदलने में समय लगता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि समाज और सरकार दोनों मिलकर काम कर रहे हैं और सरकार तत्पर और सक्रिय है, जिसके कारण लिंगानुपात में 52 अंकों की वृद्धि हुई है। यह बहस दर्शाती है कि लिंगानुपात का मुद्दा अभी भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, जिस पर सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।