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"आप कांग्रेस को दोष देते हैं, लेकिन 11 साल से आप सत्ता में हैं। एक दशक में देश बदल जाता है, फिर भी आप सेना को तैयार नहीं कर पाए।
जवाब दीजिए – जवाबदेही लीजिए!"
नई दिल्ली, लोकसभा: कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला ने आज लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान अपने तीखे और तथ्यात्मक भाषण से केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने पुलवामा हमले से लेकर पहलगाम तक की घटनाओं को "इंटेलिजेंस फेल्योर" बताते हुए सीधे तौर पर केंद्र की जिम्मेदारी तय करने की मांग की।
उन्होंने 22 अप्रैल से अब तक शहीद हुए सभी नागरिकों, सेना और अर्धसैनिक बलों को श्रद्धांजलि दी और कहा,
"उन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए – उन्हें मेरा नमन है।"
इंटेलिजेंस फेल्योर और प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर सवाल
बृजेंद्र ओला ने कहा कि पुलवामा में जो घटना हुई, वो एक पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेल्योर थी। उन्होंने बताया कि 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले ही इनपुट था कि कुछ बड़ा हो सकता है, फिर भी सुरक्षा में भारी चूक हुई।
उन्होंने कहा,
"ये केंद्र शासित प्रदेश है। एलजी ने ज़िम्मेदारी ली, लेकिन भारत सरकार एलजी के पीछे छिप नहीं सकती। जिम्मेदारी तय करनी होगी।"
रक्षा मंत्री के भाषण को बताया 'नीरस और सारहीन'
बृजेंद्र ओला ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा:
"ऐसा नीरस और सारहीन भाषण मैंने कभी नहीं सुना। कोई जिम्मेदारी तय नहीं की गई।"
उन्होंने यह भी कहा कि जब 1965 की लड़ाई की बात होती है तो शास्त्री जी का नाम लिया जाता है, लेकिन 1971 की निर्णायक जीत का श्रेय देने में इंदिरा गांधी का नाम नहीं लिया जाता।
"इंदिरा गांधी ने एशिया का भूगोल बदल दिया। 93,000 पाक सैनिकों ने सरेंडर किया।"
अमेरिका की दखलंदाजी और भारत की विदेश नीति पर कटाक्ष
ओला ने अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा युद्ध रोकने के दावे पर कहा,
"26 बार वे कह रहे हैं – मैंने युद्ध रुकवाया। आपने क्या जवाब दिया? क्या आपने उन्हें ये अधिकार दे दिया कि वे भारत की ओर से बात करें?"
उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति हमेशा 'तीसरी ताकत के हस्तक्षेप से इंकार' की रही है, जो अब कमजोर हो गई है।
"नेहरू जी से लेकर वाजपेयी तक विदेश नीति की निरंतरता रही। अब पड़ोसी देश भी हमसे नाराज़ हैं।"
बीजेपी के कार्यकाल में हुए हमलों की याद दिलाई
बृजेंद्र ओला ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी शासन में ही उड़ी, पठानकोट, पुलवामा, अमरनाथ हमला, अक्षरधाम, संसद पर हमला और कंधार जैसे हादसे हुए।
"कंधार में आपके विदेश मंत्री जसवंत सिंह खुद आतंकियों को छोड़कर गए। आप हमें राष्ट्रवाद सिखा रहे हैं?"
सेना के लिए संसाधनों की कमी का मुद्दा उठाया
उन्होंने कहा कि सरकार दावा करती है कि भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, फिर भी सेना आधुनिक हथियारों से वंचित क्यों है?
"126 राफेल आने थे, सिर्फ 35 आए। दो स्क्वाड्रन बनने थे, अभी तक नहीं बने।
क्या आप वायुसेना की तैयारी चीन के स्तर पर कर रहे हैं?"
उन्होंने सेना प्रमुख के बयान को उद्धृत किया कि हमें एक साथ तीन मोर्चों पर लड़ना पड़ता है – फिर भी सेना का बजट और संसाधन क्यों नहीं बढ़ाए जा रहे?
डिफेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण पर नाराज़गी
ओला ने कहा कि सरकार डिफेंस फैक्ट्रियों का निजीकरण कर रही है और सेना के हाथ बांध दिए गए हैं।
"आप कह रहे हैं – सेना के हाथ नहीं बंधे। लेकिन सेना को छूट तो दीजिए।"
समापन में सधा हमला: जवाबदेही से भाग नहीं सकती सरकार
"आप कांग्रेस को दोष देते हैं, लेकिन 11 साल से आप सत्ता में हैं। एक दशक में देश बदल जाता है, फिर भी आप सेना को तैयार नहीं कर पाए।
जवाब दीजिए – जवाबदेही लीजिए!"