चोर का दंड फकीर को : आईपीएस की कार पार्टी में होटलकर्मियों से मारपीट के मामले में तीन छोटे कर्मचारी लाइन हाजिर
वहां पर एक होटल कर्मचारी के थप्पड़ जड़ने के बाद सादा वर्दी में बैठे IPS अधिकारी व उसके मित्रों के साथ गुस्साए होटल कर्मियों ने हाथापाई कर दी प्रकरण दर्ज कराने के बाद होटल संचालक पर जिले के आलाधिकारियों ने दबाव बना रखा है। होटल संचालक महेन्द्रसिंह ने बताया कि देर शाम तक प्रकरण में पुलिस के आलाधिकारी समझौता कराने में जुटे
जयपुर | अपराध करे नानी और दंड भुगते दोहिती या चोर का दंड फकीर को...! कहावतें मौजूं है अजमेर के उन अफसरों पर, जिनके जिम्मे मौजूदा सरकार की कानून व्यवस्था है। साथ ही नए आने वाले अफसरों की कार्यशैली और उनके नैतिक आचरण पर भी प्रश्न उठाए हैं।
एक प्रशिक्षु आईपीएस सुशील विश्नोई और उसके साथियों से जुड़ी इस वारदात ने पुलिस बल के भीतर कथित कदाचार पर प्रकाश डाला है।
कार पार्टी के दौरान टोकने पर होटल स्टाफ पर हिंसा करके घायल करने वाले अफसरों की बजाय तीन छोटे कार्मिकों पर कार्यवाही करके कर्तव्य की इतिश्री की है।
प्रशिक्षु आईपीएस सुशील कुमार विश्नोई पर आरोप है कि एक कार पार्टी के दौरान मकराना राज नामक होटल के कार्मिकों ने उन्हें टोका।
मामला बढ़ा तो अजमेर के पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने गेगल थाने के ड्यूटी ऑफिसर समेत दो सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया।
यह हुआ था मामला
अजमेर शहर में तैनात एक आईपीएस अधिकारी की अपने चुनिंदा मित्रों के साथ देर रात राजमार्ग स्थित एक होटल के सामने कार में 'महफिल' जमी।
वहां पर एक होटल कर्मचारी के थप्पड़ जड़ने के बाद सादा वर्दी में बैठे अधिकारी व उसके मित्रों के साथ गुस्साए होटल कर्मियों ने हाथापाई कर दी।
बचकर भागते पुलिस अफसर की कार पर होटल कर्मचारियों ने पथराव भी कर दिया। इससे कार का शीशा भी टूट गया। कुछ देर बाद कथित तौर पर पुलिस अधिकारी गेगल थाने से मय जाप्ता वापस आए।
मारपीट कर रहे होटलकर्मियों को कमरे में बंद कर जमकर पीटा। इस मामले में गेगल थाने में होटलकर्मी की रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया।
इसके बाद पता चला कि यह अफसर और कोई नहीं सरकार की ओर से लगाए गए विशेषाधिकारी सुशील विश्नोई हैं।
बताया जा रहा है कि रविवार को शहर के गौरव पथ स्थित एक रेस्टोरेंट में पुलिस अधिकारी को दी गई विदाई पार्टी खत्म होने के बाद देर रात पुलिस अधिकारी चुनिंदा मित्रों के साथ होटल मकराना राज खाना खाने पहुंचे।
होटल के बाहर पुलिस अधिकारी की दोस्तों के साथ कार में पार्टी चल रही थी। कथित आरोप है कि होटल के स्टाफ रूम से टॉवल व बनियान में निकले उमेश को आईपीएस ने आवाज (अपशब्द) देकर बुलाया।
उन्होंने टॉवल व बनियान में घूमने पर टोकते हुए थप्पड़ जड़ दिया। होटल का बाकी स्टाफ वहां पहुंचा तो पुलिस अधिकारी ने फिर होटल कर्मचारी के थप्पड़ जड़ दिया।
इस पर होटल कार्मिकों ने भी हाथापाई शुरू कर दी। यह देख पुलिस अधिकारी कार में भागने लगे तो होटल कर्मियों ने पथराव कर दिया। होटल कर्मियों का पत्थर कार के मुख्य शीशे पर लगा, जिससे शीशा टूट गया।
थोड़ी देर बाद वापस थाने से जाप्ता लेकर लौटे अफसरों ने होटल कर्मचारी को स्टाफ के कमरे में बुलाया। फिर बंद कमरे में जमकर पिटाई की। इस मामले में होटल कर्मचारी की रिपोर्ट पर गेगल थाने में 4 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
मामले में सम्बंधित पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। उन्होंने सोमवार को नवगठित जिले में अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है।
प्रकरण दर्ज कराने के बाद होटल संचालक पर जिले के आलाधिकारियों ने दबाव बना रखा है। होटल संचालक महेन्द्रसिंह ने बताया कि देर शाम तक प्रकरण में पुलिस के आलाधिकारी समझौता कराने में जुटे रहे।
कथित आईपीएस अधिकारी व पुलिस की पिटाई में होटल कर्मचारी उमेश महतो के अलावा भूपेन्द्र, तरूण, नरेन्द्र, सलीम और मोनू समेत अन्य के चोट आई।
घायलों में से मोनू को जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गेगल थाना पुलिस ने घायल हुए 8 होटल कर्मियों का मेडिकल करवाया।
होटल कर्मचारियों के साथ मारपीट का अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
रविवार रात 2 बजे की घटना है। प्रकरण में फिलहाल अनुसंधान किया जा रहा है।
— सुनील बेड़ा, थानाधिकारी, गेगल