महाजन: बीकानेर में सेना का शक्ति प्रदर्शन: भविष्य के युद्ध को तैयार

भारतीय सेना (Indian Army) ने महाजन रेंज (Mahajan Range) में लाइव वार एक्सरसाइज में आधुनिक हथियारों, ड्रोन और टैंकों की ताकत दिखाई। लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह (Lieutenant General Manjinder Singh) ने कहा, सेना भविष्य के हर युद्ध के लिए तैयार है, तकनीक और एआई पर जोर।

बीकानेर: भारतीय सेना (Indian Army) ने महाजन रेंज (Mahajan Range) में लाइव वार एक्सरसाइज में आधुनिक हथियारों, ड्रोन और टैंकों की ताकत दिखाई। लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह (Lieutenant General Manjinder Singh) ने कहा, सेना भविष्य के हर युद्ध के लिए तैयार है, तकनीक और एआई पर जोर।

भविष्य के युद्ध के लिए सेना तैयार

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा कि भारतीय सेना हर परिस्थिति के लिए हर पल तैयार है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी तैयारी सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं, बल्कि भविष्य के युद्ध के हर स्वरूप के लिए है।

जनरल सिंह ने बताया कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए अब सत्तर प्रतिशत ट्रेनिंग नाइट मोड में और सिर्फ तीस प्रतिशत दिन में की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अब युद्ध केवल हथियारों का नहीं, बल्कि तकनीक, डेटा और त्वरित प्रतिक्रिया का भी है।

सेना अनआर्म्ड वारफेयर की दिशा में काम कर रही है, जहां ड्रोन, सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्णय गति और सटीकता दोनों बढ़ेगी।

ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम बने केंद्र

अभ्यास में ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीक का उपयोग विशेष रूप से देखने को मिला।

निगरानी, लक्ष्य-निर्धारण और अटैक, तीनों चरणों में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ।

काउंटर-ड्रोन यूनिट्स ने आक्रामक विमानों को निष्क्रिय करने की रणनीतियों का भी प्रदर्शन किया।

जनरल सिंह ने कहा कि सिंदूर-01 जैसे हालिया वैश्विक युद्ध अभियानों से सेना ने तकनीकी अनुकूलन की दिशा में बहुत कुछ सीखा है।

एआई-नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर की तैयारी

भारतीय सेना अब केवल पारंपरिक प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहना चाहती है।

अभ्यास के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिमुलेशन, डेटा-लिंक्ड कम्युनिकेशन और रियल-टाइम सर्विलांस के प्रयोग भी किए गए।

जनरल सिंह ने कहा कि भविष्य का युद्ध टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन डॉमिनेंस का होगा और हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।

रणनीति: कम नुकसान में अधिकतम जवाब

महाजन रेंज पर हुए इस अभ्यास में भारतीय सेना ने यह दिखाया कि जवाबी कार्रवाई में कम से कम नुकसान और अधिकतम प्रभाव कैसे हासिल किया जा सकता है।

अभ्यास के दौरान विभिन्न यूनिटों ने सहयोगी कमांड और फायर सपोर्ट की बेहतरीन मिसाल पेश की।

टी-72 टैंकों की गर्जना और फायरिंग

रेगिस्तानी मैदान पर जब टी-72 टैंक आगे बढ़े, तो उनकी गर्जना ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया।

मिसाइल फायरिंग और ग्राउंड अटैक की रिहर्सल ने सशक्त भारत-मजबूत भारत की संकल्पना को मूर्त रूप दिया।

मशीनगनों से लेकर फील्ड आर्टिलरी तक हर हथियार की भूमिका का बारीकी से परीक्षण किया गया।