पाली में प्रदर्शनकारियों का पथराव: पाली: प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया पथराव, लाठीचार्ज
पाली (Pali) में महापड़ाव पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज (Lathi-charge) और आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें खदेड़ा।
पाली: पाली (Pali) में महापड़ाव पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज (Lathi-charge) और आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें खदेड़ा।
घटना का विस्तृत विवरण
यह घटना शुक्रवार शाम करीब 4 बजे रानी कस्बे के बालराई गांव में हुई, जहाँ राष्ट्रीय पशुपालक संघ और डीएनटी संघर्ष समिति के प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे।
प्रदर्शनकारियों ने ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे (NH-162) को जाम कर दिया था, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।
जब पुलिस ने हाईवे खाली कराने का प्रयास किया, तो भीड़ में से कुछ उपद्रवी तत्वों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी, जिसमें लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया।
इस हिंसक झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिससे मौके पर तनाव और बढ़ गया।
पथराव के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग इधर-उधर भागने लगे।
करीब एक घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही और पुलिस को हालात सामान्य करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
हाईवे पर लगे लंबे जाम के कारण कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गईं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया ताकि आवागमन सुचारु हो सके।
प्रदर्शन की मुख्य वजह
यह प्रदर्शन राष्ट्रीय पशुपालक संघ और राजस्थान में डीएनटी (घुमंतू, अर्ध-घुमंतू एवं विमुक्त) संघर्ष समिति द्वारा अपनी 10 प्रमुख मांगों को लेकर किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों की सबसे अहम मांग डीएनटी मंत्रालय की स्थापना करना है, ताकि इन समुदायों के विकास और कल्याण के लिए विशेष नीतियां बन सकें।
शुक्रवार को इसी कड़ी में बालराई गांव के पास हाईवे पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने महापड़ाव डाल दिया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह देवासी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग हाईवे पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे, जो बाद में हिंसक हो गया।
पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से कई दौर की बातचीत की और उन्हें हाईवे खाली करने के लिए समझाया।
हालांकि, बातचीत सफल नहीं हो पाई और प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे, जिसके बाद उन्होंने हाईवे जाम करने का निर्णय लिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांगों पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध
जब पुलिस बल हाईवे पर यातायात को फिर से शुरू करवाने के लिए पहुंचा, तो भीड़ में से कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया।
इस अप्रत्याशित हमले से पुलिसकर्मी भी सकते में आ गए और उन्हें आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई करनी पड़ी।
स्थिति को नियंत्रण में लाने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज का सहारा लिया।
जब लाठीचार्ज से भी भीड़ नियंत्रित नहीं हुई, तो पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े ताकि प्रदर्शनकारियों को हाईवे से हटाया जा सके।
प्रदर्शनकारियों ने पहले से ही हाईवे पर लगे बैरिकेड्स को गिरा दिया था, जिससे पुलिस के लिए भीड़ को नियंत्रित करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया था।
इस दौरान हाईवे पर भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को हाईवे से खदेड़ दिया और यातायात को धीरे-धीरे बहाल करने का प्रयास किया।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें
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डीएनटी मंत्रालय की स्थापना की जाए ताकि घुमंतू, अर्ध-घुमंतू और विमुक्त समुदायों के लिए विशेष नीतियां बन सकें।
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इन समुदायों के सदस्यों को आवासीय भूमि के पट्टे दिए जाएं ताकि वे स्थायी रूप से बस सकें।
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बच्चों की शिक्षा के लिए एक अलग और पर्याप्त बजट आवंटित किया जाए, जिससे उनकी शैक्षिक प्रगति सुनिश्चित हो सके।
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पंचायत और शहरी निकायों में इन समुदायों के लिए सीटें आरक्षित की जाएं ताकि उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सके।
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जातियों की सूची में मौजूद विसंगतियों को तत्काल दूर किया जाए और उन्हें सही पहचान प्रदान की जाए।
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सरकारी नौकरी और शिक्षा में इन समुदायों को 10% आरक्षण प्रदान किया जाए ताकि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
मौजूदा स्थिति और प्रशासनिक प्रयास
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) विपिन शर्मा ने मीडिया को बताया कि पथराव की घटना के बाद कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी।
हालांकि, पुलिस के त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के कारण अब हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और शांति व्यवस्था कायम है।
प्रशासन की ओर से राष्ट्रीय पशुपालक संघ और डीएनटी संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल से लगातार बातचीत जारी है ताकि उनकी मांगों पर विचार किया जा सके।
मौके पर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।
पुलिस और प्रशासन दोनों ही पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं।
स्थानीय लोगों से भी शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।