Rajasthan: राजस्थान में 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटने का खतरा
राजस्थान (Rajasthan) में मतदाता सूची की एसआईआर (SIR) प्रक्रिया का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है। इसके साथ ही राज्य में 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से कटने का खतरा मंडरा रहा है। जयपुर (Jaipur), जोधपुर (Jodhpur) और कोटा (Kota) में सर्वाधिक अनमैप और अनकलेक्टेड मतदाता हैं।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में मतदाता सूची की एसआईआर (SIR) प्रक्रिया का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है। इसके साथ ही राज्य में 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से कटने का खतरा मंडरा रहा है। जयपुर (Jaipur), जोधपुर (Jodhpur) और कोटा (Kota) में सर्वाधिक अनमैप और अनकलेक्टेड मतदाता हैं।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां मतदाता सूची की एसआईआर (Systematic International Review) प्रक्रिया का डिजिटलाइजेशन शत प्रतिशत पूरा हो चुका है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ ही राज्य के लगभग 58 लाख 21 हजार 462 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। यह आंकड़ा निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए सर्वे रिपोर्ट के बाद सामने आया है, जिसने राज्यभर में खलबली मचा दी है।
एसआईआर डिजिटलाइजेशन में राजस्थान बना अग्रणी
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवीन महाजन ने बताया कि शनिवार को पूरे राज्य में घर-घर सर्वे का काम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। हमारे 52,222 बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) द्वारा सभी एन्यूमरेशन फॉर्म डिजिटल रूप से ईसीआईनेट पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं। इस प्रक्रिया के शत प्रतिशत डिजिटलाइजेशन के साथ, राजस्थान देश में एक मिसाल कायम की है।
मतदाताओं के डेटा का मिलान और विसंगतियां
सीईओ महाजन ने आगे बताया कि कुल 4.88 करोड़ (97%) मतदाताओं का डेटा पहले ही 2002 की सूची से सफलतापूर्वक मेल खा गया है। इन मतदाताओं को अपने नाम मतदाता सूची में बनाए रखने के लिए किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक बड़ी राहत की बात है, लेकिन शेष मतदाताओं के लिए स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
15 लाख से अधिक मतदाताओं का नहीं हुआ मिलान
एसआईआर के आंकड़ों के अनुसार, 15 लाख 11 हजार 540 मतदाताओं का डेटा 2002 की एसआईआर सूची से मिलान नहीं किया जा सका है। यह वे मतदाता हैं जिनके विवरण में विसंगतियां पाई गई हैं या जो पुरानी सूची से मेल नहीं खाते हैं। इन मतदाताओं को अपनी योग्यता साबित करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे और उन्हें आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
43 लाख से अधिक मतदाता अनकलेक्टेड श्रेणी में
इसके अतिरिक्त, 43 लाख 9 हजार 922 मतदाता ऐसे पाए गए हैं जो या तो मृत हो चुके हैं, स्थायी रूप से अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो गए हैं, या सर्वे के दौरान अपने घरों पर अनुपस्थित थे। रिपोर्ट में इन मतदाताओं को 'अनकलेक्टेड एन्यूमरेशन फॉर्म्स' की श्रेणी में रखा गया है। इन सभी के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया और कारण
राज्य की वर्तमान मतदाता सूची में कुल 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 मतदाता शामिल हैं। इन सभी को सर्वे के तहत एन्यूमरेशन फॉर्म जारी किए गए थे, और शनिवार तक ये सभी फॉर्म पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए। सर्वे के दौरान यह भी देखा गया कि जिनका डेटा नहीं मिला, वे 'अनकलेक्टेड' श्रेणी में हैं या नहीं।
जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जो स्थाई रूप से कहीं और चले गए हैं, या जिनके नाम डुप्लीकेट पाए गए हैं, उनके नाम सूची से हटाए जाएंगे। यह प्रक्रिया मतदाता सूची की शुद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आपत्ति दर्ज कराने की अवधि
अगले एक महीने के लिए अब एक आपत्ति अवधि खोली जाएगी। इस दौरान कोई भी मतदाता इस आधार पर आवेदन कर सकता है कि उसका नाम गलती से हटा दिया गया है या सर्वे के समय वह घर पर मौजूद नहीं था। यह अवधि मतदाताओं को अपनी बात रखने और अपने अधिकारों की रक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी।
सर्वाधिक प्रभावित जिले: जयपुर, जोधपुर और कोटा
रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर जिले में सबसे ज्यादा लगभग 3 लाख 53 हजार मतदाता 'अनमैप' और 5 लाख 80 हजार मतदाता 'अनकलेक्टेड' पाए गए हैं। इसके बाद जोधपुर में लगभग कुल 3 लाख 57 हजार मतदाता 'अनकलेक्टेड' और 'अनमैप' हैं। कोटा में लगभग 2 लाख 23 हजार, बीकानेर में लगभग 1 लाख 96 हजार, और पाली में करीब 1 लाख 87 हजार मतदाता ऐसे हैं, जिनके मतदान सूची में नाम जुड़े रहने पर संशय बना हुआ है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम कटने की आशंका है।
आगे की प्रक्रिया और ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
राजस्थान में 52,222 से अधिक मतदान केंद्रों पर एसआईआर प्रक्रिया संपन्न हुई है। प्रदेश उन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल था, जहां 4 नवंबर को एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हुई थी। निर्वाचन आयोग द्वारा 30 नवंबर को घर-घर सर्वे अवधि एक हफ्ते बढ़ाने के बाद, अब पहली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। यह आंकड़े राज्य की 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 199 सीटों के हैं। बारां जिले की अंता विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के कारण एसआईआर प्रक्रिया 2 दिसंबर से शुरू हुई, इसलिए वहां का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है।