विनोद जाखड़ : राजस्थान हाई कोर्ट से NSUI अध्यक्ष विनोद जाखड़ को जमानत
राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) की जयपुर बेंच (Jaipur Bench) ने NSUI प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ (Vinod Jakhar) और दो अन्य को जमानत दे दी है। यह मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) में RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे से जुड़ा है।
जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) की जयपुर बेंच (Jaipur Bench) ने NSUI प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ (Vinod Jakhar) और दो अन्य को जमानत दे दी है। यह मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) में RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे से जुड़ा है।
विनोद जाखड़ और दो अन्य को मिली जमानत
राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ को हाई कोर्ट से जमानत दे दी है।
उनके साथ दो अन्य, किशोर चौधरी और महेश चौधरी को भी बड़ी राहत देते हुए जज ने जमानत दी है।
जस्टिस अनूप कुमार ढंढ की एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किए।
क्या था पूरा मामला?
यह पूरा प्रकरण राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर का है, जहाँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
इस कार्यक्रम के दौरान विनोद जाखड़ के नेतृत्व में NSUI के कुछ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
विरोध प्रदर्शन के दौरान परिसर में हंगामा, तोड़फोड़ और राजकार्य में बाधा डालने की घटनाएँ हुईं।
इन घटनाओं के बाद पुलिस ने विनोद जाखड़ समेत कई छात्रों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने उन पर राजकार्य में बाधा डालने और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था।
लगभग 14 दिन बाद जेल से बाहर
विनोद जाखड़ की जमानत याचिका पर एडवोकेट भरत यादव ने कोर्ट में प्रभावी पैरवी की।
एकलपीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद तीनों नेताओं के लिए लगभग 14 दिन बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
बचाव पक्ष की दलीलें
सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ के खिलाफ पूर्व में भी इसी तरह के 6 मामले दर्ज हैं।
इसलिए उन्हें जमानत देना उचित नहीं होगा, ऐसी बात सरकारी पक्ष ने कोर्ट में कही।
इसके बाद बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने घटना के दौरान विनोद जाखड़ व अन्य को केवल शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किया था।
हालांकि, बाद में उन पर गंभीर अपराधों की धाराएं जोड़कर अलग से कार्रवाई की गई।
बचाव पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि लगाए गए आरोप राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित थे।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गहन विचार किया और अंततः विनोद जाखड़, किशोर चौधरी और महेश चौधरी को जमानत देने का आदेश दिया।