Rajasthan: राजस्थानी फिल्म 'बैरण' RIFF में, 'कूकड़ी' प्रथा पर प्रहार
टोंक (Tonk) में बनी राजस्थानी फिल्म ‘बैरण’ (Bairann) का चयन राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Rajasthan International Film Festival - RIFF) के लिए हुआ है। यह फिल्म नारी के आत्मसम्मान और रूढ़िवादी 'कूकड़ी' (Kookadi) प्रथा पर आधारित है, जिसमें टोंक के कलाकारों की अहम भूमिका है।
टोंक:टोंक (Tonk) में बनी राजस्थानी फिल्म ‘बैरण’ (Bairann) का चयन राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Rajasthan International Film Festival - RIFF) के लिए हुआ है। यह फिल्म नारी के आत्मसम्मान और रूढ़िवादी 'कूकड़ी' (Kookadi) प्रथा पर आधारित है, जिसमें टोंक के कलाकारों की अहम भूमिका है।
राजस्थानी सिनेमा के लिए यह एक महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण उपलब्धि है। फिल्म ‘बैरण’ ने अपनी अनूठी कहानी और सशक्त सामाजिक संदेश के कारण पूरे राजस्थान में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह फिल्म अज्ञानता के अंधेरे से समाज को ज्ञान की रोशनी की ओर ले जाने का प्रयास करती है।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 'बैरण' का प्रदर्शन
टोंक के अधिकांश युवा कलाकारों द्वारा तैयार की गई यह फिल्म अब राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (RIFF) में विदेशी फिल्मों के साथ प्रदर्शित की जाएगी। यह न केवल राजस्थानी सिनेमा के लिए बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक अहम कदम मानी जा रही है।
राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का 12वां संस्करण 31 जनवरी से 4 फरवरी 2026 तक जोधपुर स्थित मिराज सिनेमा में आयोजित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित मंच पर ‘बैरण’ को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा, जो इसके बढ़ते महत्व और प्रभाव को दर्शाता है।
टोंक की मिट्टी से निकली कहानी और कलाकार
फिल्म ‘बैरण’ की अधिकांश शूटिंग टोंक जिले में ही की गई है, जिससे यह स्थानीय संस्कृति और परिवेश को बखूबी दर्शाती है। इसकी कहानी भी टोंक की मिट्टी से जुड़ी हुई है।
फिल्म के निर्देशक गोपाल नटराज सहित इससे जुड़े कई कलाकार टोंक के ही निवासी हैं। गोपाल नटराज ने इससे पहले राजस्थानी फिल्मों में कोरियोग्राफर, स्क्रीनप्ले राइटर और गीतकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जो उनके अनुभव को दर्शाता है।
शिवराज गुर्जर: अभिनय से लेखन तक
फिल्म के निर्देशन के साथ ही इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिवराज गुर्जर भी टोंक के निवासी हैं। वे पिछले करीब 15 वर्षों से फिल्म और मीडिया क्षेत्र में निरंतर मेहनत कर रहे हैं।
उनकी यह मेहनत अब रंग लाती नजर आ रही है, क्योंकि उन्होंने न केवल अभिनय में अपनी छाप छोड़ी है, बल्कि फिल्म के लेखन, पटकथा और संवाद में भी अहम योगदान दिया है। यह उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है।
'कूकड़ी' रस्म पर करारा प्रहार, नारी सशक्तिकरण की कहानी
‘बैरण’ फिल्म राजस्थान की एक गहरी और अमानवीय कुरीति 'कूकड़ी' प्रथा पर बनाई गई है। इस प्रथा में विवाह के बाद दुल्हन की तथाकथित पवित्रता की परीक्षा से जुड़ी रही है, जिसे महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपमानजनक प्रथा माना जाता है।
यह फिल्म नारी संघर्ष, आत्मसम्मान और सशक्तिकरण की कहानी को बेहद संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत करती है। यह दिखाती है कि जब पूरा समाज और अपने भी साथ छोड़ दें, तब भी एक नारी कैसे टूटे बिना, झुके बिना रूढ़िवादी परंपराओं और सामाजिक दबावों के खिलाफ दृढ़ता से खड़ी रहती है।
‘बैरण’ समाज को यह संदेश देती है कि नारी का चरित्र उसकी पवित्रता की परीक्षा से नहीं, बल्कि उसके आत्मबल और संघर्ष से परिभाषित होता है। यह फिल्म महिला अधिकारों और सम्मान के लिए एक सशक्त आवाज है।
राजस्थान के प्रसिद्ध कलाकारों की दमदार मौजूदगी
फिल्म में राजस्थान के प्रसिद्ध कलाकारों ने अभिनय किया है, जिन्होंने अपने किरदारों को जीवंत बना दिया है। इनमें हंसा रंगीली, राखी रंगीली, विशा पाराशर और रिया सैनी जैसे जाने-माने नाम शामिल हैं।
इनके साथ ही शिवराज गुर्जर की महत्वपूर्ण भूमिका ने फिल्म को और भी सशक्त बनाया है। इन सभी कलाकारों का दमदार प्रदर्शन फिल्म की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
टोंक से पूरे राजस्थान तक सफल प्रदर्शन
‘बैरण’ को सबसे पहले टोंक के सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था, जहां इसे दर्शकों का भरपूर प्यार और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। स्थानीय दर्शकों ने फिल्म की कहानी और प्रस्तुति की खूब सराहना की।
इसके बाद फिल्म को राजस्थान के कई जिलों में सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया जा चुका है, जहां इसने सामाजिक चेतना जगाने का काम किया है। अब यह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो राजस्थानी सिनेमा के लिए गर्व की बात है।