रेस्क्यू पूरा: किसी भी वक्त बाहर आ सकते हैं टनल में फंसे 41 मजदूर, परिवार से कहा- तैयार रखे कपड़े और बैग

मजदूरों के बाहर आते ही उन्हें सबसे पहले टनल के पास बने बेस हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें एम्बुलेंस के जरिए 30-35 किमी दूर चिन्यालीसौड़ ले जया जाएगा। वहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। 

उत्तरकाशी | देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में फंसे 41 मजदूरों को लेकर बड़ी और राहतभरी खबर सामने आई है। 

अब टनल में फंसे मजदूरों को कभी भी बाहर निकाला जा सकता है। 

इसके लिए एसडीआरफ टीम ने पूरी तैयारी कर ली है। टीम टनल के अंदर स्ट्रेचर और गद्दे लेकर पहुंची है। 

इसी के साथ मजदूरों के लिए एंबुलेंस भी टनल में पहुंच चुकी हैं। सभी तैयारी पूरी है अब किसी भी वक्त सभी मजदूर सकुशल बाहर आ सकते हैं। 

बता दें कि 12 नवंबर को टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज 17 दिन हो गए हैं। ऐसे में सभी मजदूर आज टनल से बाहर निकलकर खुली हवा में सांस ले सकेंगे। 

बेस हॉस्पिटल में दिया जाएगा प्राथमिक उपचार

जानकारी के अनुसार, मजदूरों के बाहर आते ही उन्हें सबसे पहले टनल के पास बने बेस हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। 

इसके बाद उन्हें एम्बुलेंस के जरिए 30-35 किमी दूर चिन्यालीसौड़ ले जया जाएगा। वहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। 

अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई तो उन्हें तुरंत एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेस भेजा जाएगा।

खबर है कि सिलक्यारा साइड से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में लगे रैट माइनर्स 17वें दिन खुदाई पूरी कर पाइप से बाहर आ गए हैं। 

उन्होंने करीब 12 मीटर की मैन्यूअल ड्रिलिंग की है। बता दें कि 24 नवंबर को मजदूरों के करीब पहुंचने से महज 12 मीटर पहले ही मशीन की ब्लेड्स टूट गई थी। जिसकी वजह से रेस्क्यू रोक गया था।

सेना और रैट माइनर्स ने संभाला मोर्चा

मशीन के धोखा देने के बाद भारतीय सेना और रैट माइनर्स ने ड्रिलिंग की जिम्मेदारी संभाली और अपने आपॅरेशन में सफल हुए। 

परिवार से कहा- कपड़े और बैग लेकर हो जाए तैयार

बताया जा रहा है कि आज सुबह ही टनल में रेस्क्यू को अंजाम दे रहे अफसरों ने मजदूरों के परिजनों को कह दिया कि खुशी की खबर आ रही हैं आप लोग उनके कपड़े और बैग तैयार रखिए।