सिरोही: शांतिनगर हाउसिंग सोसाइटी घोटाला, मामले को दबा रहा विभाग
सिरोही। शहर की शांतिनगर गृह निर्माण सहकारी समिति में बड़ा घोटाला उजागर होने के बावजूद सहकारी समितियां विभाग कार्रवाई में अनाश्यक देरी कर रहा है और मामले को दबाने में जुट गया है। इस पूरे मामले का खुलासा करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता व पूर्व वरिष्ठ पार्षद जगदीश सैन ने पंचायतीराज व ग्रामीण विकास विभाग के राज्यमंत्री ओटाराम देवासी को ज्ञापन सौंपकर विभागीय मिलीभगत की शिकायत की है।
मंत्री के ध्यान में लाया कि शांतिनगर गृह निर्माण सहकारी समिति सिरोही में घोटालों के जांच अधिकारी ऋषभ मरडिया ने समिति में भारी घोटाले एवं अनियमितताएं के जांच में सहयोग के लिए संचालक मंडल के सदस्यों को भी पत्र तामिल करवाए। सहकारी समितियां सिरोही के पूर्व उप रजिस्ट्रार नारायण सिंह ने कार्यवाही को जान बूझकर लंबित कर अनाश्यक टिप्पणी कर दोषी व्यक्ति को बचाने एवं घोटाले की छूट देने का प्रयास किया।
जगदीश सैन ने बताया कि घोटाले को जानते हुए भी दबाने वाले अधिकारी एवं घोटालेबाजों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाने के भाजपा आलाकमान एवं उच्च अधिकारियों को मिलकर संज्ञान में लाकर कानूनी कार्रवाई करवाने का आग्रह करेंगे।
पांच साल में पूरी हुई जांच, रिपोर्ट सौंपने के 9 माह बाद भी कार्रवाई नहीं
आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश सैन ने राज्य मंत्री ओटाराम देवासी को बताया कि शांतिनगर गृह निर्माण सहकारी समिति सिरोही में सोसायटी अधिनियम के तहत पांच साल से जांच चल रही थी, जिसे जांच अधिकारी सहकारिता समितियां के कार्यकारी निरीक्षक ऋषभ मरडिया ने पूरा करके 19 फरवरी 2024 को पेश की थी, जिसमें 2.95 करोड़ की अनियमिताएं सामने आई है। जांच अधिकारी ने घोटालों के एवं घोटाले करने वाले के नाम के खुलासे किए है।
नियमानुसार सहकारी समितियां के उप रजिस्ट्रार को जांच रिपोर्ट पेश करने के बाद 7 दिन बाद कार्रवाई अमल में लानी चाहिए थी, लेकिन उप रजिस्ट्रार नारायण सिंह ने मामले को गंभीरता से ना लेकर घोटाले को दबाया। नारायण सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
शांतिनगर सोसायटी सचिव के खिलाफ एफआईआर की अनुशंषा
जांच रिपोर्ट में सोसायटी सचिव आशुतोष पटनी पर कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की अनुशंषा की गई है। जिस अजित विद्या मंदिर संस्थान सिरोही के नाम भूमि दान देने का प्रस्ताव 1985 में को लेना बताया गया, जबकि इसी स्कूल संस्थान के नाम रजिस्ट्रेशन 1987-1988 में होता है। ऑडिट वर्ष 2017-2018 में अंकेक्षण द्वारा भी शांतिनगर गृह निर्माण सहकारी समिति को अवसायन में लाने की अनुशंषा की थी।
उप रजिस्ट्रार नारायण सिंह ने अवसायन कार्यवाही को जान बूझकर लंबित कर दोषी व्यक्ति व घोटाले की छूट देने की कोशिश की। जगदीश सैन ने बताया कि समिति में घोटाले अनियमितताएं की जांच रिपोर्ट सूचना अधिकार में प्राप्त करने पर सामने आया है।