तन सिंह जन्म शताब्दी कार्यक्रम: राजपूतों को पार्टियां हल्के में नहीं ले, हमारे इतिहास को छेड़ा तो आंसू शोला बन जाएगा : महावीर सिंह सरवड़ी

श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा अपने संस्थापक तनसिंह की 100वीं जयंती को रविवार को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में मनाया गया। इस दौरान दिल्ली केसरियामयी हो गई।

दिल्ली | राजपूतों को राजनीतिक पार्टियां हल्के में ले रही है क्योंकि हमारा समाज अभी भी परम्पराओं से बंधा है और जिससे जुड़ा है उसका साथ अपने स्वार्थ के लिए नहीं छोड़ता। फिर भी राजपूतों को पर्याप्त अवसर पार्टियां नहीं दे रही। हमारी कौम के अफसरों को ढंग की पोस्टिंग नहीं दी जा रही। यदि ऐसा लगातार रहा  तो क्षत्रिय का आंसू शोला भी बन सकता है। यह विचार दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में तन सिंह जयंती के अवसर पर प्रताप फाउण्डेशन के संयोजक और क्षत्रिय युवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक महावीर सिंह सरवड़ी ने हजारों की संख्या में देशभर से जुटे राजपूतों को संबोधित करते हुए कही।

कार्यक्रम में सीपी जोशी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान और कांग्रेस गुजरात के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल को बिना नाम लिए मुखातिब होते हुए महावीर सिंह सरवड़ी ने चेताया कि राजपूत की भावनाओं से खेलना राजनीतिक पार्टियां बंद करे। अन्यथा वह अपनी परम्पराओं को तोड़ने पर मजबूर होगा। सरवड़ी ने राजपूतों को आत्म अनुशासित और मर्यादित होने की बात कहते हुए अनुसूचित और पिछड़े वर्गों के साथ सद्भाव और सम्मान से पेश आने की सीख भी दी।

श्री प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी ने कहा कि राजपूत समाज पर आज चारों ओर से आक्रमण हो रहे हैं। हमारे उज्ज्वल इतिहास को बिगाडऩे और विकृत करने के प्रयास हो रहे हैं और इन प्रयासों को अपने स्वार्थ पूरे करने के लिए राजनेताओं का समर्थन भी मिल रहा है।

सरवड़ी ने चेताया कि राजनीति, प्रशासन सहित सभी क्षेत्रों में राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। मीडिया, सिनेमा आदि राजपूत समाज के प्रति दुष्प्रचार में भी संलिप्त हो रहे हैं। ऐसी अनेक समस्याएं हैं लेकिन इन सभी समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है जब हम संगठित हों। श्री क्षत्रिय युवक संघ इसी संगठन के लिए प्रयासरत है।  
क्षत्रिय को किसी का भय नहीं हो : रोलसाहबसर

इस मौके पर सम्बोधित करते हुए क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर ने तन सिंह जयंती पर समाज को सकारात्मक भाव से आगे बढ़ने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि क्षत्रिय को किसी का भय नहीं होना चाहिए। यदि वह ईश्वर की शरण में जाता है तो उसे किसी तरह के भय की आवश्यकता और चिंता दोनों नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि तन सिंह जी ने व्यष्टि से समष्टि और समष्टि से परमेष्टि की बात कही उससे अपनी व्यक्तिगत साधना करें। वहीं सामाजिक साधना के लिए अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं को समर्पित कर दो।

रोलसाहबसर ने कहा कि तनसिंह ने समाज की सेवा के माध्यम से जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग श्री क्षत्रिय युवक संघ के रूप में दिया । त्याग, तपस्या और संयम का यह मार्ग मुश्किल जरूर है लेकिन समाज में वास्तविक परिवर्तन इसी से आ सकता है।

तनसिंह द्वारा स्थापित यह संगठन पिछले 77 वर्षों से निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि संघ का मूल कार्य शाखा और शिविरों के माध्यम से युवा पीढ़ी में क्षत्रियोचित संस्कारों का निर्माण करना है जिससे क्षात्रधर्म का पालन करते हुए हम गीता में कही गई परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम् की क्षत्रिय की परिभाषा को सार्थक कर सकें। उन्होंने कहा कि तनसिंह ने भगवदगीता के आधार पर ही श्री क्षत्रिय युवक संघ का दर्शन रचा है।

अभ्यास और वैराग्य पर आधारित संघ की प्रणाली व्यक्ति को सभी परिस्थितियों में अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहने योग्य बनाती है। ऐसे ही व्यक्तियों से कोई समाज और राष्ट्र महान बनता है। 

युग पुरुष बनने की ओर अग्रसर हों : बेण्यांकाबास

क्षत्रिय युवक संघ के संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह बेण्यांकाबास ने दीपावली की रात में तन सिंह के चिंतन को उल्लेखित करते हुए कहा कि लोग जब आनंद उत्सव मनाते हैं ऐसी दीपावली की रात में एक युवक समाज जागरण की बात सोचता है और एक व्यवस्था खड़ी कर लेता है। यह बात हमें समझनी चाहिए कि राजपूत समाज में इसकी बड़ी आवश्यकता है। ऐसे लोग ही युग पुरुष बन पाते हैं। उन्होंने समाज हित में हरसंभव योगदान देने की बात कही।

संघप्रमुख लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास ने कहा कि आज का यह सम्मेलन हमारी एकता और अनुशासन का ज्वलंत प्रमाण है। यह हमारी सामर्थ्य और संकल्प का संदेश है जो पूरा देश आज सुन रहा है।

श्री क्षत्रिय युवक संघ समाज में सुख, शांति और समृद्धि लाने के लिए अपने आप को निखारने और समाज की सेवा में नियोजित होने का प्रशिक्षण देता है।

उन्होंने कहा कि स्वयं का निर्माण किए बिना समाज में बदलाव की कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती। स्वयं का निर्माण करने के लिए साधना की आवश्यकता होती है और उसी साधना का प्रशिक्षण श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा दिया जाता है। तन सिंह की पोती रश्मि रामदेरिया ने प्रार्थना से कार्यक्रम का आगाज किया।

मोक्ष का प्राथमिक अधिकार क्षत्रिय का: शेखावत

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने क्षत्रिय युवक संघ की ओर से तन सिंह जयंती पर आयोजित दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में चल रहे आयोजन में हजारों की संख्या में राजपूत समाज के लोगों के बीच जोरदार सम्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि क्षत्रियों के डीएनए में कुछ तो खास बात रही होगी।

उन्होंने बुद्ध, महावीर समेत महापुरुषों को याद करते हुए अपने भीतर की विशेषताओं को सहेजने का आग्रह है। मोक्ष का प्राथमिक अधिकार क्षत्रिय का है।

अनुराग ठाकुर यह बोले


केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ने भी इस आयोजन में राजपूत समाज के लोगों के बीच जोरदार सम्बोधन दिया। उन्होंने राम और महाराणा प्रताप जैसे आदर्शों को याद किया। उन्होंने कहा देश और समाज की रक्षा करने में क्षत्रिय हमेशा आगे रहते हैं।

न्याय और धर्म की रक्षा करना ही क्षत्रिय धर्म है। यह कहना है केंद्रीय सूचना और प्रसारण, और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि क्षत्रिय युवक संघ जैसे संगठन  समाज के लिए आदर्श युवा तैयार करने में महत्ती भूमिका निभाते हैं।

तन सिंहजी का जीवन आदर्श था : दिया कुमारी 

राजस्थान की उप मुख्यमंत्री सुश्री दिया कुमारी ने कहा कि तन सिंह जी एक आदर्श व्यक्तित्व थे। उन्हें देखने का अवसर नहीं मिला, लेकिन उनके बारे में जितना भी सुना है। वह प्रेरित करता हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी राजपूत समाज की बेटी हूं और उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए अनूठे और प्रभावी प्रयास किए। दिया कुमारी ने कहा कि तन सिंह जी के विचारों से बहुत कुछ सीखने को मिला है एक उनका जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श जीवन है।

एक क्षत्रिय सभी समाजों को साथ लेकर चलता है। हमें भी सभी के सहयोग से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी जो मातृशक्ति है हमारी माताएं बहने हैं। उनके लिए हम क्या कर सकते हैं। उनकी शिक्षा के लिए उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको सशक्त बनाने के लिए उसके लिए समाज का क्या दायित्व है। उस पर काम करना चाहिए।

राजपूत इतिहास के साथ छेड़छाड़ ठीक नहीं : राठौड़

राजस्थान विधानसभा के पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजपूत समाज के इतिहास के साथ छेड़छाड़ ठीक बात नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि गया सर कटाने की जगह सर गिनाने का वक्त आ गया है कल का राजपुत्र आज रज का पूत बन गया है।

अब भाला तलवार नहीं बल्कि कलम उठाने का वक्त है। राठौड़ ने कहा कि लोग गांवों में जमीनें बेच रहे हैं यह ठीक नहीं है। क्षत्रिय युवक संघ संस्कार निर्माण का एक छोटे पौधे के रूप में तन सिंह जी ने प्रारंभ किया और आज वट वृक्ष बन गया है। 

शासक शक से परे हो : शक्ति सिंह गोहिल


गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि क्षत्रियों ने बिना किसी शक के लोगों को साथ लेकर शासन किया।

क्षत्रिय शासक शक से परे रहे,  इसलिए अधिकांश समय तक लोगों को श्रेष्ठ सुशासन दिया। उन्होंने कहा कि हमने इंसानियत के नाते सेवा का काम किया है और इसीलिए क्षत्रिय का इतिहासगौरव पूर्ण रहा है। क्षत्रिय ने शासन के साथ समाधान करके श्रेष्ठ समाज निर्माण किया। 

हमें अपने आपको मजबूत करना है : राज्यवर्धन सिंह


राजस्थान के उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने इस मौके पर कहा कि जिस तरीके से अच्छे भावों के साथ तन सिंह जी ने एक संगठन निर्माण करने के लिए अपने मन मस्तिष्क को तैयार किया। फिर समाज को तैयार किया। हमें आज भी इसकी आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हमें अपने आप को मजबूत करना है और हम जहां जहां है अपने आसपास के क्षेत्र को संगठित करना है लीड करना है हमें 36 कौम को साथ लेकर चलना है।

हर घर से एक क्षत्रिय युवक संघ का कार्यकर्ता निकले : राजा सिंह

आन्ध्र प्रदेश के विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि क्षत्रिय ने शासन किया और देश धर्म समाज के लिए सर देने का भी कार्य किया। उन्होंने कहा कि आज मैं इस मंच के माध्यम से सभी भाई बहनों से यह निवेदन करना चाहूंगा कि हर घर से क्षत्रिय युवक संघ का एक कार्यकर्ता होना चाहिए। आने वाले समय में भारत देश के हर कोने से क्षत्रिय युवा संघ के एक सैलाब निकलने की आज आवश्यकता है।

तन सिंह जी की बेटी ने किया सम्बोधित

कार्यक्रम को सर्वप्रथम तन सिंहजी की बेटी जाग्रति कंवर ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा हर किसी को यह जानने की उत्कंठा है कि तन सिंह जी कैसे थे। तो आप उनका साहित्य पढ़ें, उनके गीतों में रमें और उनके बताए मार्ग पर चलें। इससे आप उनसे रूबरू हो सकेंगे। जाग्रति बा ने कहा कि राजपूत महिलाओं को संस्कार निर्माण के लिए समर्पण भाव से भावी पीढ़ी को बनाना होगा और यह मार्ग श्री क्षत्रिय युवक संघ देता है।

भूपेन्द्रसिंह चूड़ासमा का सम्बोधन

गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री रहे भूपेन्द्रसिंह चूड़ासमा ने तन सिंह के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि इस आयोजन के लिए जिस तरह की तैयारी की गई। उसमें गुजरात के 94 वर्ष की उम्र वाले दो लोगों ने 101 गांवों तक यात्रा की और संगठन के प्रति अपने भाव को प्रदर्शित किया। चूड़ासमा ने कहा कि हमें किसी से पीछे नहीं रहना है और तन सिंह जी के बताए मार्ग पर चलना है।

देश की राजधानी में सबसे बड़ा सम्मेलन
यह देश की राजधानी में होने वाला राजपूतों का अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन रहा, जिसमें देश भर से हजारों की संख्या में राजपूत अपने प्रेरणास्रोत तनसिंह के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने और सामाजिक एकता का संदेश देने के लिए जुटे।

श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर और संघप्रमुख लक्ष्मण सिंह बेण्यांकाबास के सान्निध्य में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में देश भर से राजपूत समाज के राजनेता, अधिकारी, उद्योगपति, धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व और अनेकों प्रतिष्ठित व्यक्ति इस शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी उपस्थित रही।

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में रहने वाले राजपूतों के साथ ही हरियाणा और उत्तरप्रदेश के राजपूत भी प्रमुखता से कार्यक्रम में शामिल हुए। राजस्थान से भी कार्यक्रम में पहुंचने के लिए 16 विशेष ट्रेन बुक की गई।

गुजरात और महाराष्ट्र से भी ट्रेन और बसों से बड़ी संख्या में राजपूत कार्यक्रम में शामिल हुए। दक्षिण भारत के कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु जैसे राज्यों से भी लोग इस समारोह का हिस्सा बनने के लिए आए।

तनसिंह जी आधुनिक युग के अग्रणी क्षत्रिय विचारक है जिनके आदर्शों को अपनाकर आज अनेकों क्षत्रिय युवा समाज और राष्ट्र की सेवा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।