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भारत ने दुनिया में इतिहास रच दिया है। चांद के जिस छोर पर अभी तक चीन और अमेरिका जैसे देश भी नहीं पहुंच पाए हैं वहां भारत पहुंच गया है। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
जयपुर | Chandrayaan 3 Landing: पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है, लेकिन भारत की नजर सिर्फ चांद पर है।
पिछले महीने से चांद की धरती पर उतरने को लेकर चल रही भारत के वैज्ञानिकों की कशमकश बुधवार को खत्म हो गई है।
भारत ने दुनिया में इतिहास रच दिया है। चांद के जिस छोर पर अभी तक चीन और अमेरिका जैसे देश भी नहीं पहुंच पाए हैं वहां भारत पहुंच गया है। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
भारतीय वैज्ञानिकों के दिमाग और मेहनत के साथ-साथ देशवासियों की दुआएं और पाठ-पूजा ने चंद्रयान-3 को चांद की धरती पर लैंड करा दिया है।
अब क्या होगा ?
- अब विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा।
- इसके बाद रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा।
- पहिए चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और ISRO का लोगो बनाएंगे।
- दोनों दोस्त यानि विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की।
- इन फोटोज को ये पृथ्वी पर भेजेंगे।
इसरो ने किया सीधा प्रसारण
चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग का इसरो ने सीधा प्रसारण किया है। जिसे पूरी दुनिया ने देखा और भारत की क्षमता का लोहा माना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही ब्रिक शिखर सम्मेलन के लिए साउथ अफ्रीका में मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने वहां से चंद्रयान-3 की लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट देखा।
भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 की बुधवार शाम को 6ः04 मिनट पर लैंडिंग हुई।
आपको बता दें कि चंद्रयान-3 को पिछले महीने 14 जुलाई को इसरो ने लॉन्च किया था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।