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सीएम गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और डाक बंगले में निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतन देवासी के साथ बाढ़ पीड़ित लोगों से मुलाकात करके उनकी समस्याएं सुनी।
जालोर | राजस्थान में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने जमकर कहर बरपाया है। जिसके चलते भारी बारिश ने कई जिलों में बाढ़ ला दी है।
ऐसे में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को चौहटन से सांचौर पहुंचे।
यहां सीएम गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और डाक बंगले में निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतन देवासी के साथ बाढ़ पीड़ित लोगों से मुलाकात करके उनकी समस्याएं सुनी।
करीब एक घंटे तक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों से चर्चा की।
इस दौरान व्यापारियों ने सीएम गहलोत को अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि क्षेत्र में 8 साल में तीन बार बाढ़ आई।
तीनों बार व्यापारियों का भारी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन अभी तक पानी निकासी को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया हैं। सीएम गहलोत से व्यापारियों और क्षेत्र के लोगों ने मांग करते हुए कहा कि पांचला बांध का पक्का निर्माण करने सहित शहर के पानी निकासी को लेकर योजना बनाई जाए।
सीएम गहलोत बोले- जिला बनाने के साथ शहर में शुरू हो जाएगा कार्य
मुख्यमंत्री गहलोत ने लोगों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि जिला बनाने के साथ शहर में सीवरेज का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। जिससे पानी की समस्या खत्म होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि तूफान व बाढ़ को देखते हुए हमने 25 टीमें एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को लगाया है, जिन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बेहतर काम किया।
मोदी सरकार पर जमकर बरसे गहलोत
सीमए ने कहा कि बाढ़ की वजह से कच्चे मकान बहुत ज्यादा टूटे हैं। पक्के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऐसे में सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के नियम बने हुए हैं। जिसके कारण समय पर मुआवजा नहीं दिया जा पा रहा है।
इस दौरान भी सीएम गहलोत ने खुद पर से पल्ला झाड़ते हुए केन्द्र सरकार पर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि इस बाबत केंद्र सरकार को पत्र लिखा है, नियमों को बदला जाए, ताकि सभी को तुरंत मुआवजा मिल सके।
उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने पिछले साल एनडीआरएफ के नियमों में बदलाव कर दिया है जिसके चलते आपदा प्रभावित लोगों को समय पर राहत नहीं मिल पा रही है।
हम लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं नियमों को ठीक किया जाए।
आपको बता दें कि बिपरजॉय तूफान की वजह से पूरे सांचौर क्षेत्र में जोरदार बारिश हुई।
शनिवार देर रात को सुरावा बांध टूट गया, जिसके बाद पानी सांचौर शहर में एंटर हो गया और मुख्य बाजार बाढ़ की चपेट में आ गया।
सड़कों पर 7 फीट से ज्यादा पानी बहने लगा। बाजार की सभी दुकाने पूरी तरह से डूब गई।
करीब आधा सांचौर बाढ़ की चपेट में आ गया और 36 घंटे तक बिजली सप्लाई बाधित रही। अभी भी कई क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है।