Highlights
- डीजीपी ने संगठित अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर दिया।
- गैंगों और हार्डकोर अपराधियों के विरुद्ध राज्य स्तर पर कार्यवाही के निर्देश।
- अपराधियों की संपत्ति जब्त करने और वित्तीय स्रोतों पर प्रहार की योजना।
- फायरिंग, मर्डर व धमकी के लंबित मामलों की शीघ्र समीक्षा के निर्देश।
जयपुर: जयपुर (Jaipur) में डीजीपी राजीव कुमार शर्मा (Rajiv Kumar Sharma) की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल बैठक में राजस्थान (Rajasthan) में संगठित अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर दिया गया। गैंगों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
डीजीपी की अध्यक्षता में हाईलेवल बैठक
राजस्थान में सक्रिय संगठित आपराधिक गैंगों पर प्रभावी कार्यवाही के लिए शनिवार को राजस्थान पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
यह बैठक संगठित अपराधियों से अधिक प्रभावित जिलों व रेंजों के अधिकारियों के साथ हुई।
संबंधित पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में सक्रिय आपराधिक गैंगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करना था।
डीजीपी शर्मा ने सभी जिलों को निर्देश दिए कि गैंग संचालन, धमकी, वसूली, फायरिंग और मर्डर जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त तत्वों पर तुरंत प्रभावी कार्रवाई की जाए।

संगठित अपराधों पर जीरो टॉलरेंस
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि राजस्थान पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अपराधियों को हतोत्साहित करना और जनता में सुरक्षा की भावना बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस कार्य में प्रत्येक पुलिसकर्मी को पूरी क्षमता से काम करना होगा।
उन्होंने राजस्थान पुलिस की हर अपराध तथा हर परिस्थिति का सामना करने और जनसुरक्षा की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया।
गैंग से जुड़ी गतिविधियों पर सख्ती के निर्देश
गोष्ठी में डीजीपी शर्मा ने स्पष्ट कहा कि अब कार्रवाई केवल अपराधियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे आपराधिक तंत्र को ध्वस्त किया जाएगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्थान में संगठित आपराधिक गैंगों, जो धमकी देने, वसूली करने और भय फैलाने का काम करते हैं, उनका और उनके सदस्यों का चिह्नीकरण करते हुए कठोर एवं प्रभावी क़ानूनी कार्यवाही की जाए।
उन्होंने गैंगों के सहायक, सोशल मीडिया पर फॉलो व प्रमोट करने वालों के विरुद्ध भी कार्यवाही के निर्देश दिए।
इस दौरान जिलों एवं रेंजों के प्रभारियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में संगठित अपराधियों की जानकारी व उनको निष्क्रिय करने की कार्ययोजना प्रस्तुत की।
आपराधिक तंत्र को ध्वस्त करने की योजना
डीजीपी ने कहा कि जिलों में गैंग के सक्रिय सदस्यों पर धारा 111 बीएनएस के तहत कार्यवाही की जाए, ताकि अपराधियों के हौसले पस्त हों।
उन्होंने ऐसे अपराधियों की सम्पत्ति जब्त करने, वित्तीय स्रोतों पर प्रहार करने और उनके सहयोगियों को भी कानूनी दायरे में लाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने समस्त राजस्थान पुलिस को टीम वर्क के रूप में कार्य करने, तकनीक पर जोर देने तथा परम्परागत तरीकों के साथ-साथ नवीन कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि चिह्नित अपराधियों और गैंगों के विरुद्ध समस्त सूचनाओं को आपस में साझा किया जाए ताकि उन्हें जड़ से निष्क्रिय किया जा सके।
फायरिंग, मर्डर, धमकी के मामलों की समीक्षा
गोष्ठी में फायरिंग व मर्डर से संबंधित लंबित प्रकरणों की गहन समीक्षा की गई।
डीजीपी ने निर्देश दिए कि जिन मामलों में गिरफ्तारी शेष है, उन्हें प्राथमिकता से निपटाया जाए।
फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाने और अदालतों में पेश चालान की स्थिति की भी रिपोर्ट मांगी गई।
उन्होंने कहा कि जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार कई स्थानों पर अपराधियों द्वारा धमकी भरे कॉल आने की शिकायतें मिली हैं।
डीजीपी ने ऐसे मामलों में तकनीकी विश्लेषण कर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी स्तर पर अपराधियों की धमकी या भय का वातावरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारियों से महत्वपूर्ण इनपुट
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपने अनुभव और कार्ययोजना साझा की।
एडीजी दिनेश एम एन ने गैंगों के सदस्यों, उनके द्वारा किए जाने वाले अपराधों की जानकारी तथा उनके विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही के बारे में विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की।

बीजू जॉर्ज जोसेफ ने प्रत्येक अपराधी का सिलसिलेवार पीछा करके उनको पकड़ने पर जोर दिया।
हवा सिंह ने पुराने अपराधों व अपराधियों का पीछा करने के लिए कार्ययोजना पर चर्चा की और समस्त गैंगों का सफाया करने का सुझाव दिया।
जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल ने अपराधियों के रिकॉर्ड को ठीक से बनाने और उसे आपस में साझा करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि सूचनाओं के आदान-प्रदान से प्रभावी कार्यवाही अमल में लाई जा सकेगी।
15 मिनट की पीपीटी प्रस्तुति में हुई समीक्षा
गोष्ठी के अंत में सभी जिलों की अपराध स्थिति पर 15 मिनट की पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति दी गई।
इस प्रस्तुति में गैंगवार, धमकी, वसूली और संगठित अपराध से संबंधित ताज़ा आंकड़े साझा किए गए।
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