फिर खोला खजाना: PM Modi से पहले CM Gehlot ने दे दी सौगात, श्री गोविंद देव जी मंदिर के लिए 20.30 करोड़ रुपए स्वीकृत 

सीएम गहलोत ने राजधानी जयपुर के लोगों के लिए अपना दिल बड़ा करते हुए जयपुर के आराध्य देव श्री गोविंद देव जी मंदिर में विभिन्न विकास कार्यो के लिए 20.30 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

Govind Dev Ji Temple
PM Modi से पहले CM Gehlot ने दे दी सौगात, श्री गोविंद देव जी मंदिर के लिए 20.30 करोड़ रुपए स्वीकृत 

जयपुर | करणी माता की धरती बीकानेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
एक बार फिर से प्रदेशवासियों को बड़ी सौंगात दे दी है। 

अब सीएम गहलोत ने राजधानी जयपुर के लोगों के लिए अपना दिल बड़ा करते हुए जयपुर के आराध्य देव श्री गोविंद देव जी मंदिर में विभिन्न विकास कार्यो के लिए 20.30 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

सीएम गहलोत का प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 से पहले लोगों का समर्थन पाने के लिए ये बड़ा कदम माना जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने बजट में 100 करोड़ रुपए की लागत से श्री गोविंद देव जी मंदिर परिसर में भव्य कॉरिडोर व अन्य विकास कार्य कराए जाने की घोषणा की थी। 
जिसके अनुसार, यह कॉरिडोर काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर बनेगा। इससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ेगी।

जयपुरवासियों की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र हैं गोविंद देवजी मंदिर

राजधानी जयपुर में स्थित भगवान श्री गोविंद देवजी का मंदिर राजस्थान का प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है। 

गोविंद देवजी मंदिर में प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में भक्त आते हैं।

यह मंदिर जयपुरवासियों की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है। यहां जन्माष्टमी उत्सव में लाखों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते हैं। 

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित यह मंदिर जयपुर का सबसे प्रसिद्ध बिना शिखर वाला मंदिर है। 

संरक्षक देवता गोविंदजी की मूर्ति पहले वृंदावन के मंदिर में स्थापित थी, जिसको जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपने परिवार के देवता के रूप में यहां पुनः स्थापित किया था।

जयपुर के परकोटा इलाके में सिटी पैलेस परिसर में गोविंद देवजी का मंदिर स्थित है। 

गोविंद देवजी का मंदिर राजपरिवार के आवास चंद्रमहल से लेकर उत्तर में जलाशय तालकटोरे तक विशाल परिसर में फैला हुआ है।

इस मंदिर में अनेक देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं।