राजस्थान सरकार का राज्य की 40 लाख महिलाओं को तीन साल तक नेट पैक के साथ स्मार्टफोन मुहैया करवाने के फैसले के बाद राजस्थान भर की महिलाओं में ख़ुशी की लहर है। सरकार का यह कदम सिर्फ एक तकनीकी प्रगति ना चुनाव से पहले गहलोत सरकार का एक बड़ा सियासी दांव भी माना जा रहा है .
विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को अक्सर आर्थिक बाधाओं के कारण टेक्नोलॉजी तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें स्मार्टफोन प्रदान करके, राजस्थान सरकार उनके लिए यकीनन उनके लिए टेक्नोलॉजी के द्वार खोल दिए है|.
यह कदम मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राजस्थान में डिजिटल डिवाइड को पाटना है। इस योजना के तहत सरकार ने करीब 1.35 करोड़ महिलाओं को अपने परिवार का मुखिया बनाते हुए स्मार्टफोन मुहैया कराने की योजना बनाई थी.
COVID-19 महामारी ने दिखाया है कि तकनीक कितनी महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँचने तकनीक एक बड़ा फैक्टर है। राजस्थान में महिलाओं को स्मार्टफोन प्रदान करने के सरकार के फैसले से न केवल उन्हें महामारी से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि वे बाकी दुनिया से जुड़े रहें.
रक्षा बंधन के त्योहार से ठीक पहले इस योजना की घोषणा इसे और भी खास बनाती है। रक्षाबंधन के त्यौहार का उपहार देने के लिए सरकार ने इस दिन को ख़ास टूर पर चुना है.
महिलाओं को तकनिकी से जोड़ने के लिए न केवल सरकार स्मार्टफोन दे रही है बल्कि तीन साल तक फ्री नेटपैक इस स्कीम को बेहद खास बनता है। गौरतलब है कि भाजपा इससे पहले स्मार्टफोन वितरण वाली योजना पर लगातार अशोक गहलोत सरकार को घेरती रही है। लेकिन अब खबर है कि सरकार ने इस स्कीम का लाभ देने के लिए बड़े स्तर पर मॉनिटरिंग शुरू कर दी है.