दिल्ली में होगा मंथन: डोटासरा को आलाकमान के सामने माननी पड़ी अपनी गलती, केसी वेणुगोपाल की मीटिंग में सचिन पायलट को नहीं बुलाया 

बिना आलाकमान से बात किए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा प्रदेश सचिवों की नियुक्ति से आलाकमान काफी नाराज बताया जा रहा है. जिसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी गलती मान ली है. 

Govind Singh Dotasra

चुनाव में वक्त बहुत कम बचा है लेकिन कांग्रेस नेता अब भी गलतियां करने से बाज नहीं आ रहे है. अब इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बहुत महत्वपूर्ण मीटिंग दिल्ली में बुलाई है जिसके राजस्थान के विषय में मंथन किया जाएगा. 

सूत्रों की माने तो बिना आलाकमान से बात किए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा प्रदेश सचिवों की नियुक्ति से आलाकमान काफी नाराज बताया जा रहा है. जिसके बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी गलती मान ली है. 

गौरतलब है कि राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने 85 कांग्रेस सचिवों को संगठन में नियुक्त किया था इसके लिए आलाकमान से कोई विचार नहीं किया था. 

आलाकमान का मानना है कि इस तरह शीर्ष नेतृत्व को नजरंदाज कर संगठन में नियुक्ति देने से पार्टी में गलत मेसेज जाता है. जिसके बाद आलाकमान ने डोटासरा की इस हरकत पर एक्शन लेते हुए सचिवों की इस लिस्ट को होल्ड पर डाल दिया था. 

अब डोटासरा द्वारा गलती स्वीकार कर लिए जाने के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली में एक जरूरी मीटिंग बुलाई है जिसके संगठन सहित बाकी के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. 

खबर है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा इस मीटिंग में शामिल होंगे. 

लेकिन सचिन पायलट के इस मीटिंग में शामिल होने को लेकर फिलहाल कोई अपडेट नहीं है. 

पायलट को इस मीटिंग में ना बुलाने के बाद चर्चा है कि सुलह के बाद भी पायलट को पार्टी में स्पेस नही दिया जा रहा है. हालही में केसी वेणुगोपाल की सचिन पायलट के बाद अशोक गहलोत की मीटिंग के बाद एक बार फिर से बातचीत का माहौल बना था लेकिन फिलहाल वह बात धरातल में कहीं नजर नहीं आई. 

वहीं पायलट समर्थकों के अभी भी इस बात का इंतजार है कि बीते 29 मई को आलाकमान के दखल से गहलोत और पायलट के बीच हुई सुलह के बाद पायलट को आखिर कब कांग्रेस की मुख्यधारा में जिम्मेदारी दी जाएगी.