धर्मेंद्र-हेमा: एक अमर प्रेम कहानी: धर्मेंद्र ने जीतेंद्र से रुकवाई हेमा की शादी, धर्म बदलकर किया निकाह

धर्मेंद्र (Dharmendra) और हेमा मालिनी (Hema Malini) की प्रेम कहानी किसी फिल्मी पर्दे से कम नहीं थी। धर्मेंद्र ने जीतेंद्र (Jeetendra) से हेमा की शादी रुकवाई और बाद में धर्म बदलकर उनसे निकाह किया। उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर (Prakash Kaur) ने भी इस पर अपनी राय रखी थी।

धर्मेंद्र ने जीतेंद्र से रुकवाई हेमा की शादी, धर्म बदलकर किया निकाह

मुंबई: धर्मेंद्र (Dharmendra) और हेमा मालिनी (Hema Malini) की प्रेम कहानी किसी फिल्मी पर्दे से कम नहीं थी। धर्मेंद्र ने जीतेंद्र (Jeetendra) से हेमा की शादी रुकवाई और बाद में धर्म बदलकर उनसे निकाह किया। उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर (Prakash Kaur) ने भी इस पर अपनी राय रखी थी।

सिनेमा के पर्दे पर शुरू हुई एक प्रेम कहानी ने असल जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव देखे। यह कहानी है बॉलीवुड के 'ही मैन' धर्मेंद्र और 'ड्रीम गर्ल' हेमा मालिनी की, जिनकी मुहब्बत ने दुनियादारी की हर दीवार को पार कर लिया। उनकी प्रेम कहानी आज भी लोगों के दिलों में ताजा है, जिसे कई किताबों और किस्सों में बार-बार दोहराया जाता है। यह सिर्फ एक फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसी दास्तान है जो प्यार की ताकत और जुनून को बयां करती है।

प्यार की फिल्मी दास्तान: धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की अनोखी प्रेम कहानी

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने 30 से अधिक फिल्मों में एक साथ काम किया, और इसी दौरान उनके बीच प्यार की एक ऐसी डोर बंधी, जिसने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। उनकी प्रेम कहानी को फिल्मी पर्दे के गीतों से भी समझा जा सकता है, जैसे 'पहली नजर में हमने तो अपना दिल दे दिया था तुमको' या 'तुम्हें दिल में बंद कर लूं, दरिया में फेंक दूं चाबी'। यह प्यार ऐसा था कि विरह की रातें भी लंबी लगने लगती थीं, और हेमा के दिल से 'ख्वाब बनकर कोई आएगा तो नींद आएगी' जैसी हुक उठती थी।

यह उस दौर की बात है जब इंस्टाग्राम और रील्स का चलन नहीं था, और लोग ट्रांजिस्टर पर विविध भारती सुनकर रातें गुजारते थे। उस समय धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की प्रेम कहानी ने पूरे देश का ध्यान खींचा। उनकी प्रेम कहानी का सफर रुपहले पर्दे की तरह सीधा और आसान नहीं था। धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा और चार बच्चों के पिता थे, जिससे उनके रिश्ते में कई बाधाएं आईं। हेमा के परिवार और यहां तक कि फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा हिस्सा भी इस शादी के पक्ष में नहीं था, लेकिन इस प्यार के दरिया को कोई रोक नहीं पाया।

पहली मुलाकात और प्यार की शुरुआत

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की पहली मुलाकात साल 1965 में फिल्मकार ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म 'आसमान महल' के प्रीमियर में हुई थी। हेमा मालिनी ने सिमी गरेवाल के शो में इस मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया था कि जब उन्होंने धर्मेंद्र को पहली बार देखा, तो उनके मन में आया, “मैंने इतना हैंडसम आदमी पहले कभी नहीं देखा।” यह सिर्फ एक ख्याल था जो आया और चला गया, क्योंकि धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे।

हेमा के घरवाले भी काफी सख्त थे। उन्हें फिल्मों में काम करने की इजाजत तो थी, लेकिन मुहब्बत की पींगे बढ़ाने की नहीं। हालांकि, दिल पर किसी का जोर कभी नहीं चला है। यह तो वह आग है जो लगाए न लगे और बुझाए न बुझे। दो साल बाद, 1968 में, डायरेक्टर भप्पी सोनी अपनी फिल्म 'तुम हसीन, मैं जवां' के लिए धर्मेंद्र और हेमा को कास्ट किया। यह वह फिल्म थी जहां दोनों पहली बार सेट पर एक-दूसरे के रू-ब-रू हुए।

उस समय हेमा की उम्र 20 साल थी, जबकि धर्मेंद्र 33 साल के थे। हेमा के करियर की यह बतौर लीड हीरोइन तीसरी फिल्म थी, जबकि धर्मेंद्र 50 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके थे और अपने करियर के शिखर पर थे। फिल्म 24 जुलाई 1970 को रिलीज हुई, लेकिन तब तक फिल्म की कहानी कुछ-कुछ असल जिंदगी में भी दोहराई जाने लगी थी। हेमा हसीन थीं और धर्मेंद्र जवान, और उनके बीच प्रेम की चिंगारी धीरे-धीरे सुलगने लगी थी।

हालांकि दोनों जानते थे कि इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है, लेकिन मुहब्बत तो आज में जीती है, उसे कल की क्या परवाह। इसके बाद दोनों ने 'नया जमाना' (1971), 'सीता और गीता' (1972) और 'राजा जानी' (1972) जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में साथ काम किया, जिससे उनका रिश्ता और गहरा होता गया।

ड्रीमगर्ल के दो दीवाने: संजीव कुमार और जीतेंद्र

हेमा मालिनी की खूबसूरती और अदाकारी ने कई दिलों को जीता था। अपने जमाने के सुपरस्टार संजीव कुमार भी हेमा मालिनी से मन-ही-मन बहुत प्रेम करते थे। हालांकि, उनमें अपनी मुहब्बत का इजहार करने की हिम्मत नहीं थी। फिल्म 'सीता और गीता' का गाना 'हवा के साथ-साथ, घटा के संग-संग, ओ साथी चल' उनके दिल की बात बयां करता था। हेमा भी जानती थीं कि संजीव को उनसे मुहब्बत है।

फिल्म पत्रकार, क्रिटिक और लेखिका भावना सोमाया ने अपनी किताब 'हेमा मालिनी: द ऑथराइज्ड बायोग्राफी' में लिखा है कि संजीव कुमार ने अपनी मुहब्बत का पैगाम लेकर जीतेंद्र को हेमा मालिनी के पास भेजा था, लेकिन हेमा ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। संजीव कुमार का दिल टूट गया, और उन्होंने फिर कभी शादी नहीं की।

वक्त गुजरा और एक ऐसा लम्हा भी आया जब अपने दोस्त की मुहब्बत का पैगाम लेकर जाने वाले जीतेंद्र खुद हेमा के प्यार में पड़ गए। उन्होंने इजहार-ए-मुहब्बत भी कर डाला। बैंगलोर में फिल्म 'दुल्हन' की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी थीं। हेमा दिल-ही-दिल में धर्मेंद्र को चाहती तो थीं, लेकिन जैसे ही वह कदम आगे बढ़ाने को होतीं, धर्मेंद्र की पत्नी प्रकाश कौर और उनके चारों बच्चे उनके रास्ते में आ जाते। यह एक ऐसा ख्याल था जो उन्हें डराता था।

आखिरकार, हेमा मालिनी ने जीतेंद्र का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। फिल्म 'दुल्हन' की शूटिंग खत्म कर हेमा मालिनी अपने माता-पिता के घर चेन्नई चली गई थीं। जीतेंद्र भी अपने माता-पिता को लेकर वहां पहुंच गए। दोनों परिवारों के बीच शादी की बात चल रही थी। तभी धर्मेंद्र को इस बात की भनक लग गई, और उन्होंने इस शादी को रोकने का फैसला किया।

धर्मेंद्र ने रुकवाई शादी: मुंबई से आधी रात की कॉल

भावना सोमाया अपनी किताब में लिखती हैं कि उस रात हेमा के घर की फोन की घंटी पूरी रात बजती ही रही। हर थोड़ी देर पर मुंबई से ट्रंक कॉल आता। फोन के उस तरफ धर्मेंद्र थे, जो अपने प्यार का इजहार करते, इसरार करते, मिन्नतें करते, और ताउम्र मुहब्बत का वादा निभाने का वादा करते।

यह कोई झूठा वादा नहीं था। धर्मेंद्र ने एक बार भी नहीं कहा कि वह अपनी पत्नी और बच्चों को हेमा के लिए छोड़ देंगे। उन्होंने बस इतना कहा था कि वह हेमा का हाथ और साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। हेमा के घरवाले अब भी इस रिश्ते के लिए राजी नहीं थे, लेकिन हेमा का दिल तब तक धर्मेंद्र के लिए पूरी तरह राजी हो चुका था।

धर्मेंद्र ने जीतेंद्र की उस समय की गर्लफ्रेंड शोभा को साथ लेकर चेन्नई पहुंचे और उसी की मदद से जीतेंद्र और हेमा की शादी को रुकवा दिया। यह घटना बॉलीवुड की सबसे चर्चित प्रेम कहानियों में से एक बन गई, जिसने दिखाया कि प्यार में पड़ने वाले लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं।

'शोले' के सेट पर परवान चढ़ा प्यार

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी का रिश्ता फिल्म 'शोले' के सेट पर और परवान चढ़ा। फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने संजीव कुमार को ठाकुर बलदेव सिंह का रोल देने का फैसला किया था, क्योंकि वे हर तरह के किरदार निभाने में माहिर थे। दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में रमेश सिप्पी ने बताया था कि धर्मेंद्र शुरू में फिल्म को लेकर असमंजस में थे। वह ठाकुर का रोल करना चाहते थे।

धर्मेंद्र ने रमेश सिप्पी से कहा था कि ठाकुर की फिल्म है, तो ठाकुर का रोल वे ही निभाएंगे। जिस पर रमेश सिप्पी ने कहा था कि अगर वह ठाकुर बनते, तो वीरू का किरदार संजीव कुमार निभाते और उन्हें हेमा मालिनी के साथ रोमांस करने का मौका मिलता। इसी वजह से धर्मेंद्र ने फिल्म में वीरू का रोल करने का फैसला किया, क्योंकि वह हेमा के साथ पर्दे पर रोमांस करना चाहते थे।

'शोले' की शूटिंग के दौरान हेमा मालिनी और धर्मेंद्र एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। संजीव कुमार को इस बात की जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्होंने सेट पर एक बार फिर हेमा को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। यह बात सुनकर हेमा और धर्मेंद्र, दोनों बहुत परेशान हो गए। धर्मेंद्र गुस्से में आ गए और फिल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी से कहा कि सेट पर थोड़ा डेकोरम बनाए रखें। उन्होंने यह भी रिक्वेस्ट की कि हेमा और संजीव कुमार को एक साथ कोई सीन न दिया जाए।

क्योंकि उस वक्त धर्मेंद्र बड़े स्टार थे और फिल्म का अहम हिस्सा भी, इसलिए रमेश सिप्पी ने उनकी बात मान ली। इसी वजह से पूरी फिल्म में ठाकुर (संजीव कुमार) और बसंती (हेमा मालिनी) का एक भी सीन साथ में नहीं दिखाया गया। यह घटना उनके रिश्ते की गहराई और धर्मेंद्र के हेमा के प्रति जुनून को दर्शाती है।

धर्म परिवर्तन और दूसरी शादी

साल 1980 में धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर उन्हें तलाक देने को तैयार नहीं थीं। कानूनी तौर पर दूसरी शादी करने के लिए, धर्मेंद्र ने गुपचुप तरीके से इस्लाम धर्म अपनाया और फिर हेमा से निकाह किया। यह एक बड़ा कदम था, जो उन्होंने अपने प्यार के लिए उठाया था।

बाद में दोनों ने अय्यंगर रीति-रिवाजों से भी शादी की, क्योंकि हेमा अय्यंगर ब्राह्मण परिवार से थीं। हेमा की शादी उनके भाई के घर से हुई थी। कहा जाता है कि धर्मेंद्र और हेमा दोनों ही इसी तरह से शादी करना चाहते थे, जिसमें दोनों की परंपराओं का सम्मान हो। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की शादी 2 मई, 1980 को एक प्राइवेट सेरेमनी में हुई थी, जिसने बॉलीवुड में काफी सुर्खियां बटोरी थीं।

परिवार का आशीर्वाद: धर्मेंद्र के माता-पिता का हेमा के प्रति स्नेह

'हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल' किताब के अनुसार, धर्मेंद्र के पिता केवल कृष्ण सिंह देओल, हेमा और उनकी फैमिली को बहुत पसंद करते थे। किताब में बताया गया है कि केवल कृष्ण सिंह देओल अक्सर चाय पर हेमा के पिता और भाई से मिला करते थे। इस दौरान वे पंजे भी लड़ाया करते थे और उन्हें हराने के बाद मजाक करते हुए कहते थे, तुम लोग घी मक्खन लस्सी खाओ। इडली और सांभर से ताकत नहीं आती। इसके बाद वे खूब हंसते थे।

धर्मेंद्र की मां सतवंत कौर के साथ हेमा के रिश्ते का जिक्र भी इस किताब में किया गया है। हेमा के मुताबिक, धरम जी की मां सतवंत कौर बहुत ही अच्छी महिला थीं। हेमा ने बताया, “मुझे याद है कि एक बार वे मुझसे मिलने जुहू के एक डबिंग स्टूडियो में आई थीं। उस वक्त ईशा मेरे पेट में थी। मुलाकात पर मैंने उनके पैर छुए, जिस पर उन्होंने कहा कि बेटा हमेशा खुश रहो। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई थी।” यह दिखाता है कि परिवार का आशीर्वाद भी उन्हें मिला था।

धर्मेंद्र और हेमा की बेटियां: ईशा और अहाना

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की शादी से उनकी दो बेटियां ईशा देओल और अहाना देओल हुई हैं। टीवी शो 'जीना इसी का नाम है' में हेमा की करीबी दोस्त नीतू कोहली ने बताया था कि जब हेमा प्रेग्नेंट थीं, तब धर्मेंद्र ने पूरा डॉ. दस्तूर नर्सिंग होम बुक कर लिया था। करीब 100 कमरे बुक किए गए थे, ताकि हेमा को किसी तरह की कोई परेशानी न हो और उन्हें पूरी प्राइवेसी मिल सके।

हेमा और धर्मेंद्र की पहली बेटी ईशा का जन्म 2 नवंबर 1981 को हुआ था, और दूसरी बेटी अहाना का जन्म 28 जुलाई 1985 को हुआ था। दोनों बेटियां भी अपने माता-पिता की तरह ही फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं और अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।

प्रकाश कौर का बयान: “कोई भी मर्द हेमा से ज्यादा प्यार करता”

हेमा मालिनी ने हमेशा धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर का सम्मान किया है। हेमा ने धर्मेंद्र की पहली पत्नी को लेकर किताब 'हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल' में कहा था, “भले ही मैं कभी प्रकाश (धर्मेंद्र की पहली पत्नी) के बारे में बात नहीं करती, लेकिन मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं। मेरी बेटियां भी धरम जी की फैमिली का पूरा सम्मान करती हैं। दुनिया मेरी लाइफ के बारे में विस्तार से जानना चाहती है, लेकिन यह दूसरों को बताने के लिए नहीं है। इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए।”

साल 1981 में स्टारडस्ट मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर ने धर्मेंद्र और हेमा की शादी को लेकर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था, “सिर्फ मेरे पति ही क्यों, कोई भी मर्द हेमा को मुझसे ज्यादा पसंद करता। किसी को क्या हक है मेरे पति को औरतबाज कहने का, जब आधी इंडस्ट्री ऐसा ही कर रही है? लगभग हर हीरो के अफेयर चल रहे हैं और कई दूसरी बार शादी कर चुके हैं।”

प्रकाश कौर ने आगे कहा था, “हो सकता है धर्मेंद्र सबसे अच्छे पति न हों, लेकिन वे बहुत अच्छे पिता हैं। उनके बच्चे उनसे बहुत प्यार करते हैं और उन्होंने कभी बच्चों को नजरअंदाज नहीं किया।” उन्होंने हेमा की स्थिति को समझते हुए कहा था, “मैं समझ सकती हूं कि हेमा किन हालात से गुजर रही हैं। उन्हें भी दुनिया और अपने परिवार का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर मैं हेमा की जगह होती, तो ऐसा नहीं करती। एक औरत के तौर पर मैं उनकी भावनाएं समझती हूं, लेकिन एक पत्नी और मां के रूप में मैं इस फैसले से सहमत नहीं हूं।”

प्रकाश ने यह भी कहा था कि धर्मेंद्र उनके जीवन के पहले और आखिरी आदमी हैं। “वो मेरे बच्चों के पिता हैं और मैं उनसे बहुत प्यार और इज्जत करती हूं।” उन्होंने अपनी नियति को स्वीकार करते हुए कहा था, “जो होना था, वो हो गया। मैं नहीं जानती कि इसके लिए धर्मेंद्र को दोष दूं या किस्मत को।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें कभी धर्मेंद्र की जरूरत पड़ी, तो उन्हें पता है वो उनके लिए जरूर आएंगे। “मैंने उन पर भरोसा करना नहीं छोड़ा क्योंकि वो मेरे बच्चों के पिता हैं।”

एक प्रेम कहानी जो अमर हो गई

धर्मेंद्र भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, अपना 90वां जन्मदिन मनाने से बस कुछ दिन पहले वे इस फानी दुनिया को विदा कह गए। इस वक्त हेमा जी के दिल में यादों का जाने कैसा बवंडर घूम रहा होगा। ठीक वैसी तो नहीं, लेकिन उनके प्रेम की ढेरों यादें लोगों के दिलों में आज भी जिंदा हैं। अनेकों किताबों में बार–बार उन कहानियों का जिक्र हुआ है।

फिल्‍म पत्रकार, क्रिटिक और लेखिका भावना सोमाया ने हेमा मालिनी की जीवनी लिखी है- ‘हेमा मालिनी: द ऑथराइज्‍ड बायोग्राफी।’ इस किताब में हेमा मालिनी के जन्‍म से लेकर उनके फिल्‍मी सितारे बनने तक के पूरे सफर की दास्‍तान को बहुत दिल्लगी और साफगोई से बयान किया गया है। धर्मेंद्र की मुहब्बत, उनकी मुस्कान और हेमा के दिल में उनकी जगह हमेशा रहेगी, जो एक अमर प्रेम कहानी का प्रतीक है।