Rajasthan Politics: डोटासरा का CM पर हमला: मगरमच्छों पर देरी क्यों? खुली बहस की चुनौती
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) पर पेपर लीक के "मगरमच्छों" पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने मंत्रियों के अपमान और सरकारी कामों पर खुली बहस की चुनौती दी।
जयपुर: कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) पर पेपर लीक के "मगरमच्छों" पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने मंत्रियों के अपमान और सरकारी कामों पर खुली बहस की चुनौती दी।
डोटासरा का मुख्यमंत्री पर सीधा हमला
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि "मगरमच्छों" पर कार्रवाई में देरी क्यों हो रही है?
डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पता है कि कौन शामिल है, इसलिए उन्हें तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि "कब पर्ची बदल जाए, पता नहीं, जो खुड़का करना है वह कर दीजिए।"
सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
डोटासरा ने सरकार पर जमीनों की बंदरबांट का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इनके मंत्रियों के फोन भी कलेक्टर नहीं उठाते, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री कैबिनेट और सार्वजनिक बैठकों में मंत्रियों का अपमान करते हैं। कई मंत्री गलत कामों की पर्ची न मानने पर बेइज्जती महसूस करते हैं।
डोटासरा ने 'राइजिंग राजस्थान' को जमीनों की बंदरबांट बताया। उन्होंने प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह में मुख्यमंत्री के भाषण छोड़कर चले जाने की घटना का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री को खुली बहस की चुनौती
गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अल्बर्ट हॉल पर खुले मंच पर बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सरकार के दो साल और कांग्रेस सरकार के एक साल के कामकाज पर बहस कर लें।
डोटासरा ने कहा कि इससे जनता को पता चल जाएगा कि किस सरकार में कितना काम हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस बयान पर भी सवाल उठाया कि उन्होंने पांच साल का काम दो साल में कर लिया है, तो फिर मुख्यमंत्री रहने की क्या जरूरत है?
किरोड़ीलाल मीणा की चुप्पी पर सवाल
डोटासरा ने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा द्वारा लगाए गए सात करोड़ की बजरी चोरी के आरोप पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि आरोपों के बाद मंत्री भी चुप क्यों हो गए। डोटासरा ने मीणा के एक-दो साल में रिटायरमेंट की बात पर भी टिप्पणी की।
जल जीवन मिशन और महेश जोशी का मामला
डोटासरा ने जल जीवन मिशन घोटाले के आरोपों पर भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले सबको जेल भेजने की बात कही थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि केवल महेश जोशी को राजनीतिक षडयंत्र के तहत जेल भेजा गया, जबकि बाकी सब ऊपर से नीचे तक ईमानदार हो गए। डोटासरा ने पूछा कि अगर जोशी ने भ्रष्टाचार किया था तो उन्हें जमानत कैसे मिल गई?
कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने का आरोप
डोटासरा ने प्रधानमंत्री के विधानसभा चुनाव के दौरान के वादे को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोई भी योजना बंद न करने की बात कही थी।
हालांकि, सत्ता में आते ही खाद्य पैकेट योजना, चिरंजीवी योजना और स्मार्टफोन योजना बंद कर दी गईं। गरीबों के बच्चों के लिए विदेश में पढ़ाई की स्कॉलरशिप भी बंद कर दी गई।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस राज में सरकारी स्कूलों में एक करोड़ 98 लाख नामांकन थे, जो अब घटकर आधे रह गए हैं। पहले राजस्थान की जनता को 25 लाख रुपए का इलाज मुफ्त मिलता था, अब केवल पांच लाख रुपए का इलाज मिल रहा है और दवाइयां भी कम हो गई हैं।
किसानों की समस्याओं पर सरकार को घेरा
डोटासरा ने किसानों की समस्याओं को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान खाद के लिए लाठियां खा रहे हैं और उन्हें 12 हजार रुपए की किसान सम्मान निधि भी नहीं मिल रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्रियों से हनुमानगढ़ के टिब्बी जाकर किसानों का हाल पूछने को कहा। डोटासरा ने कृषि मंत्री के बयान का भी जिक्र किया कि किसानों की समस्याएं वाजिब हैं, लेकिन फिर भी समाधान नहीं हो रहा है।