पेपर लीक पर केन्द्र का डंडा: कलाम कोचिंग पर ईडी की कार्यवाही क्या पेपर लीक के राज खोलेगी

अब ईडी ने जहां कलाम कोचिंग को जद में लिया है तो कई खुलासों की उम्मीद जगी है। यह भी देखा जा सकता है कि आगामी विधानसभा चुनावों में नकल और पेपर लीक का मामला बड़े पैमाने पर मुद्दा बन जाए। फिलहाल ईडी और इनकम टैक्स विभागों की नजर सीधे तौर पर पेपर लीक फर्जीवाड़े और उससे पहुंचाए जाने वाले फायदे को लेकर नेताओं पर है।

bjp youth campaign about nathi ka bada and photo of kalam coaching (right)

जयपुर | जयपुर स्थित कलाम कोचिंग और सीकर के प्रिंस इंस्टीट्यूट पर हुई केन्द्रीय एजेंसियों की कार्यवाही क्या पेपर लीक के राज खोलेगी या यहां ब्लैक कमाई की शिकायत मिली है। इन दोनों ही संस्थानों पर राजस्थान की विधानसभा में कई बार हंगामा हो चुका है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं से संबद्ध कलाम कोचिंग पर ईडी की यह कार्यवाही बड़े पैमाने पर पेपर लीक से जुड़े तारों को सुलझाने की कोशिश की है। इससे पहले जलदाय विभाग में मंत्री महेश जोशी के​ विरुद्ध शिकायतों की जांच प्रारंभ प्रवर्तन निदेशालय कर चुका है। देखना है कि यह कार्यवाही किस तरह आने वाले चुनावों को प्रभावित करेगी।

2021 के सितम्बर माह में राजस्थान विधानसभा में कलाम कोचिंग का मामला अजमेर के विधायक वासुदेव देवनानी ने उठाया था। देवनानी ने आरपीएससी का भी मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा में कोई विवाद नहीं होता वह भी कई प्रकार के एक्जाम कराती है लेकिन आरपीएससी सदैव विवादों में घिरी रहती है।

उन्होंने कहा कि आरपीएससी उच्च पदस्थ राजनीतिज्ञों को उन्नत करने का माध्यम बना हुआ है। उन्होंने तो सदन में राजस्थान लोक सेवा आयोग को कांग्रेस लोक सेवा आयोग कह दिया था। उन्होंने कहा कि यहां तो पूरी दाल ही काली दिखाई दे रही है।

कहा कि हमारे मुख्यमंत्री जादूगर है लेकिन यह जादूगर और उसकी टीम का ही जादू है कि एक ही परिवार के तीन सदस्यों के साक्षात्कार में में भी बराबर नम्बर आए और गलत तरीके से सलेक्शन हुआ।

देवनानी ने कहा था कि सीकर के अंदर एक कलाम कोचिंग सेंटर है उसके बाद जयपुर में भी है। क्या कारण है कि परीक्षाओं में गारंटी से पास कराने ठेका लेकर करीब 70 प्रतिशत अभ्यर्थी एक ही सेंटर से सलेक्ट हुए हैं। 

वहीं 2022 की 14 फरवरी को बतौर उप नेता प्रतिपक्ष के बोलते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा था कि यह कोचिंग सेंटरों का कमाल है कि एक कलाम है उसका कमाल तो बहुत ही अलग है। राठौड़ ने साफ कहा कि अखबारों में विज्ञापन देकर सलेक्शन की गारंटी का दावा करते हैं और लाखों रुपए फीस तीन महीने की लेते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी अफसर वहां पढ़ाने जाते हैं। राठौड़ ने कलाम कोचिंग, प्रिंस अकादमी सीकर और राजीव गांधी स्टडी सर्कल पर आरोप जड़ा था। 

अब ईडी ने जहां कलाम कोचिंग को जद में लिया है तो कई खुलासों की उम्मीद जगी है। यह भी देखा जा सकता है कि आगामी विधानसभा चुनावों में नकल और पेपर लीक का मामला बड़े पैमाने पर मुद्दा बन जाए। फिलहाल ईडी और इनकम टैक्स विभागों की नजर सीधे तौर पर पेपर लीक फर्जीवाड़े और उससे पहुंचाए जाने वाले फायदे को लेकर नेताओं पर है।