Rajasthan: हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री विरोध: किसान-पुलिस झड़प, वार्ता विफल

हनुमानगढ़ (Hanumangarh) में ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड (Dune Ethanol Private Limited) फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का विरोध जारी है। गुरुवार को दो दौर की वार्ता विफल रही, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है।

हनुमानगढ़: एथेनॉल फैक्ट्री विरोध, वार्ता विफल

हनुमानगढ़: हनुमानगढ़ (Hanumangarh) में ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड (Dune Ethanol Private Limited) फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का विरोध जारी है। गुरुवार को दो दौर की वार्ता विफल रही, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है।

बुधवार को हुए बवाल के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। विरोध-प्रदर्शन वाली जगह पर पुलिस के 700 से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं।

जिले के टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं आज भी बंद हैं। वहीं, फैक्ट्री के आसपास रहने वाले करीब 30 परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।

दो दौर की वार्ता विफल, आंदोलन जारी

गुरुवार को किसानों और प्रशासन के बीच दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन दोनों ही विफल रहीं। इसके चलते किसानों का आंदोलन शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहेगा।

किसानों ने 13 दिसंबर को राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। श्रीगंगानगर से कांग्रेस के सांसद कुलदीप इंदौरा ने लोकसभा में टिब्बी एथेनॉल फैक्ट्री का मुद्दा उठाया है।

उन्होंने फैक्ट्री को बंद करने की मांग की है। सादुलशहर विधायक गुरवीर सिंह बराड़ भी टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में पहुंचे और किसानों की बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस का पक्ष: बाहरी लोगों ने भड़काया उपद्रव

टिब्बी पहुंचे एडीजी वीके सिंह ने कहा कि 10 दिसंबर को सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों ने इस उपद्रव को भड़काया है।

एडीजी ने यह भी बताया कि कई ग्रामीण फैक्ट्री लगने के पक्ष में भी हैं। पुलिस की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई है और वे खोल कहां से लेकर आए, यह पता नहीं है।

उन्होंने कहा कि कई लोग कैमरे में पत्थर फेंकते हुए और कानून तोड़ते हुए कैद हुए हैं। 10 दिसंबर को हुई हिंसा में शामिल 107 से अधिक किसानों व ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

इनमें से 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस बवाल में 36 से ज्यादा पुलिस और बॉर्डर होमगार्ड के जवानों को चोटें आई हैं, जिनमें से पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

किसान नेताओं का आरोप और चेतावनी

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो ये सैकड़ों लोगों की जान ले लेते।

मंगेज चौधरी ने चेतावनी दी है कि 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। इससे पहले टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में किसानों की एक बड़ी सभा हुई, जिसमें महिलाएं भी शामिल हुईं।

सुबह किसान सभा में जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पहले ही रोक दिया था। विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

10 दिसंबर को क्या हुआ था?

बुधवार यानी 10 दिसंबर को किसानों ने जिले के राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी थी। अंदर घुसे प्रदर्शनकारियों ने ऑफिस में भी आग लगा दी।

इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इस बवाल में कांग्रेस विधायक सहित 70 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

कुछ घायल रातभर टिब्बी के गुरुद्वारे में ही रुके रहे, जहां उनका इलाज किया गया। प्रदर्शनकारी किसानों ने फैक्ट्री में खड़ी 14 गाड़ियों को भी फूंक दिया था।

पुलिस ने आगजनी के बीच प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे थे। बुधवार शाम पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड्स को भी किसान तोड़ते हुए आगे बढ़ गए थे।

संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया भी लाठीचार्ज में घायल हुए, उनके सिर पर 3 टांके लगे और उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया।

एथेनॉल प्लांट विवाद की जड़

चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी राठीखेड़ा में 40 मेगावाट का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट लगा रही है। कंपनी का दावा है कि यह प्लांट केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम को सपोर्ट करेगा।

सितंबर 2024 से जून 2025 तक लगभग 10 माह तक यह विरोध शांतिपूर्ण ढंग से चला था। जुलाई 2025 में विरोध तब और तेज हो गया, जब कंपनी ने चारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का निर्माण शुरू किया।

इससे किसानों का गुस्सा भड़क उठा। 19 नवंबर 2025 को पुलिस सुरक्षा में फैक्ट्री का निर्माण फिर से शुरू हुआ।

इसके बाद किसान नेता महंगा सिंह समेत 12 से अधिक किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। 20-21 नवंबर को 67 लोगों ने अपनी गिरफ्तारी दी थी।

फैक्ट्री की दीवार तोड़ने से पहले किसानों ने एक महापंचायत भी की थी। किसान नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें लिखित में फैक्ट्री का काम रोकने का आश्वासन नहीं दिया था।

बुधवार (10 दिसंबर) दोपहर किसानों ने टिब्बी एसडीएम ऑफिस के सामने बड़ी सभा की। शाम करीब 4 बजे सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए और दीवार तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस से झड़प शुरू हो गई।