IPS आत्महत्या: : पत्नी ने DGP, SP पर लगाए गंभीर आरोप, FIR की मांग

हरियाणा (Haryana) के एडीजीपी वाई पूरन कुमार (Y Puran Kumar) की आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार (Amneet P. Kumar) ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर (Shatrujeet Singh Kapoor) और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया (Narendra Bijarniya) पर जातिगत भेदभाव, उत्पीड़न और झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है।

वाई पूरन कुमार

चंडीगढ़: हरियाणा (Haryana) के एडीजीपी वाई पूरन कुमार (Y Puran Kumar) की आत्महत्या मामले में उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी. कुमार (Amneet P. Kumar) ने डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर (Shatrujeet Singh Kapoor) और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया (Narendra Bijarniya) पर जातिगत भेदभाव, उत्पीड़न और झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है।

आईपीएस की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप

हरियाणा के एडीजीपी और आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में अब एक नया और बेहद चौंकाने वाला मोड़ आ गया है।

उनकी पत्नी और हरियाणा कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है।

अमनीत कुमार ने अपनी शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके पति को लगातार जातिगत भेदभाव, गंभीर मानसिक उत्पीड़न और एक झूठे मामले में फंसाने की सुनियोजित साजिश के चलते ही आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।

उन्होंने अपने पति द्वारा लिखे गए आठ पन्नों के सुसाइड नोट का हवाला देते हुए यह गंभीर आरोप लगाया कि डीजीपी और रोहतक एसपी ने जानबूझकर उन्हें परेशान किया और प्रताड़ित किया।

आईएएस अमनीत ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108, जो आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है, और अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) अधिनियम के तहत तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

सुसाइड नोट में जातिसूचक गालियों का जिक्र

आईएएस अमनीत के अनुसार, मुख्यमंत्री के साथ जापान दौरे से लौटने के बाद उन्हें अपने पति के लैपटॉप बैग में सुसाइड नोट की एक दूसरी कॉपी मिली।

उस सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि उन्हें कई बार जातिसूचक गालियां दी गईं और लगातार अपमानित किया गया, जिससे वे गहरे मानसिक तनाव में थे।

उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पति के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी, जिसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें मानसिक रूप से तोड़ना और उनके करियर को बर्बाद करना था।

यह आरोप पुलिस विभाग के भीतर गंभीर आंतरिक कलह और उत्पीड़न की ओर इशारा करता है।

मामले की शुरुआत और रिश्वतखोरी का आरोप

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब रोहतक के एक शराब कारोबारी ने आईपीएस वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया था।

शराब कारोबारी ने वीडियो और ऑडियो साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए बताया कि गनमैन सुशील ने उनसे हर महीने 2.5 लाख रुपये की मासिक रिश्वत की मांग की थी।

जांच के दौरान, गनमैन सुशील ने पुलिस पूछताछ में आईपीएस पूरन कुमार का नाम भी लिया, जिसके बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया।

इसी केस के दर्ज होने और लगातार मानसिक दबाव के कारण आईपीएस पूरन कुमार ने परसों अपनी कोठी में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

आईपीएस नरेंद्र बिजारणिया की भूमिका पर सवाल

इस पूरे मामले में अब रोहतक एसपी और तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी नरेंद्र बिजारणिया पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि उन्हीं के कार्यकाल में यह कार्रवाई हुई थी।

मूल रूप से राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले बिजारणिया 2015 बैच के एक अनुभवी और तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं।

वे पुलिस सेवा में आने से पहले सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट में भी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रह चुके हैं, जिससे उनके अनुभव का पता चलता है।

अपनी ट्रेनिंग के दौरान ही उन्होंने कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर ऑपरेशन में एक अहम और निर्णायक भूमिका निभाई थी, जिसकी काफी सराहना हुई थी।

सिरसा में अपनी तैनाती के दौरान उनकी सटीक सूचना पर ही आनंदपाल के भाई विक्की और देवेंद्र को सफलतापूर्वक पकड़ा गया था, जिसके बाद राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर आनंदपाल का एनकाउंटर किया गया था।

पिछले दिनों नूंह हिंसा के दौरान भी वे बेहद सक्रिय थे और उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई बड़े और कड़े एक्शन लिए थे, जिससे उनकी कार्यशैली की प्रशंसा हुई थी, लेकिन अब उन पर गंभीर आरोप लगे हैं।