अमायरा की मौत: स्कूल पर बुलिंग का आरोप: जयपुर स्कूल में अमायरा की मौत: CBSE रिपोर्ट में बुलिंग का खुलासा

जयपुर (Jaipur) के नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) में अमायरा (Amaira) की मौत का खुलासा। CBSE रिपोर्ट में डेढ़ साल से बुलिंग और स्कूल की लापरवाही दिखी। स्कूल को नोटिस जारी।

Neerja Modi Suicide Case

जयपुर: जयपुर (Jaipur) के नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) में अमायरा (Amaira) की मौत का खुलासा। CBSE रिपोर्ट में डेढ़ साल से बुलिंग और स्कूल की लापरवाही दिखी। स्कूल को नोटिस जारी।

9 साल की स्टूडेंट अमायरा की मौत के मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अमायरा को पिछले डेढ़ साल से उसकी क्लास के कुछ बच्चे लगातार बुली कर रहे थे। स्कूल प्रशासन और शिक्षकों ने इन शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे अमायरा की मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा।

क्या है पूरा मामला?

नीरजा मोदी स्कूल में पढ़ने वाली 9 साल की अमायरा की मौत के बाद उसके माता-पिता ने स्कूल पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि अमायरा को स्कूल में लगातार परेशान किया जा रहा था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए CBSE ने एक जांच कमेटी का गठन किया, जिसने 3 नवंबर को स्कूल का औचक निरीक्षण किया।

जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर CBSE ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट में स्कूल में सुरक्षा संबंधी कमियों, कमजोर निगरानी और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के उल्लंघन का भी जिक्र है। अमायरा के माता-पिता और अभिभावक संघ ने न्याय की मांग करते हुए शनिवार को शहीद स्मारक पर मौन प्रदर्शन भी किया।

CBSE रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

1. क्लासमेट ने किया था अभद्र इशारा

CBSE रिपोर्ट के मुताबिक, अमायरा को पिछले डेढ़ साल से उसके क्लासमेट्स बुली कर रहे थे। 2 मई 2024 को अमायरा की मां ने स्कूल में शिकायत की थी कि एक बच्चे ने अमायरा को गलत इशारा किया था। इसके बावजूद, 25 जुलाई 2024 को उसी लड़के ने अमायरा को फिर से परेशान किया।

2. स्कूल में बच्चे ने मारा था अमायरा को

25 जुलाई 2024 को अमायरा को स्कूल में एक बच्चे ने मारा था, जिसके बाद वह रोते हुए घर आई थी। अमायरा के परिजनों ने एक ऑडियो भी सब्मिट किया, जिसमें अमायरा रोते हुए कह रही थी, 'मम्मा, मैं स्कूल नहीं जाना चाहता, सब लोग मुझे परेशान करते हैं। प्लीज मुझे यहां से निकालो। मुझे दूसरे स्कूल में एडमिशन दिला दो।' इस घटना के बाद भी माता-पिता की शिकायत पर स्कूल प्रशासन और क्लास टीचर ने कोई समाधान नहीं किया।

3. टीचर ने अमायरा को ही दी थी 'एडजस्ट' करने की सलाह

सितंबर 2025 में भी अमायरा को उसके क्लास के एक लड़के ने बुली करते हुए परेशान किया था। पेरेंट्स-टीचर मीटिंग के दौरान अमायरा के पिता ने क्लास टीचर से इसकी शिकायत की। हैरानी की बात यह है कि टीचर ने अमायरा को ही सलाह दी कि उसे दूसरे बच्चों के साथ एडजस्ट करने की जरूरत है।

4. 45 मिनट में 5 बार टीचर के पास गई थी अमायरा

10 अक्टूबर को एक बच्चे ने क्लास में अमायरा के बारे में गलत बात फैला दी, जिससे अमायरा बहुत परेशान हो गई। क्लास के दूसरे बच्चे भी उसे इस बात के लिए चिढ़ाने लगे। स्लेट पर कुछ ऐसा लिखा गया कि अमायरा रोने लगी। अमायरा के चेहरे पर शर्मिंदगी साफ दिख रही थी। अमायरा ने बच्चों को रुकने या लिखी हुई बात मिटाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने उसका मजाक उड़ाना जारी रखा। इस दौरान अमायरा 45 मिनट में 5 बार अपनी समस्या लेकर टीचर के पास गई, लेकिन उसकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

5. टीचर ने खुद स्वीकारी शिकायतें

2 नवंबर, 2025 को SHO के सामने खुद टीचर ने माना कि अमायरा ने कई बार शिकायत की थी। उन्होंने अपने लिखित बयान में यह भी स्वीकार किया कि अमायरा ने क्लासमेट्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे बुरे शब्दों की शिकायत की थी। अमायरा ने उस दिन अपना लंच भी नहीं किया था। CBSE रिपोर्ट में कहा गया है कि अमायरा की असमय मौत का सीधा कारण टीचर का कोई जवाब न देना, न सुनना और उसकी समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी है। अगर उन्होंने शुरू में ही दखल दिया होता, तो समस्या इतनी बड़ी नहीं होती।

अभिभावकों का मौन प्रदर्शन

इस पूरे मामले को लेकर अमायरा के माता-पिता और अभिभावक संघ ने शनिवार को शहीद स्मारक पर मौन रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी और बच्चे को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।

स्कूल की सुरक्षा पर सवाल

CBSE की सरप्राइज इंस्पेक्शन में स्कूल में सुरक्षा संबंधी कई कमियों, कमजोर मॉनिटरिंग और राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के उल्लंघन का खुलासा हुआ है। यह घटना स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और बुलिंग जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए प्रभावी नीतियों की आवश्यकता पर गंभीर सवाल उठाती है।