एसीबी की बड़ी कार्रवाई: जालोर: बागोड़ा थाने का एएसआई ₹50,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
जालोर (Jalore) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बागोड़ा (Bagoda) थाने के एएसआई कल्याण सिंह (ASI Kalyan Singh) को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एक शिकायत के बाद की गई।
जालोर (Jalore) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बागोड़ा (Bagoda) थाने के एएसआई कल्याण सिंह (ASI Kalyan Singh) को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एक शिकायत के बाद की गई।
एसीबी की बड़ी कार्रवाई
राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जालोर जिले में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
पुलिस थाना बागोड़ा के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) कल्याण सिंह को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
रिश्वत की मांग और शिकायत
एसीबी मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह कार्रवाई एक शिकायतकर्ता की सूचना पर आधारित थी।
शिकायतकर्ता ने ब्यूरो को बताया था कि आरोपी एएसआई उसके रिश्तेदार से संबंधित एक कानूनी प्रकरण में मदद करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था।
एएसआई दो व्यक्तियों का चालान नहीं करने और मामले में सहयोग करने के लिए कुल ₹65,000 की रिश्वत मांग रहा था।
इसमें से ₹35,000 की राशि पहले ही ली जा चुकी थी, और शेष ₹50,000 रुपये की मांग लगातार जारी थी।
सफल ट्रैप ऑपरेशन
शिकायत की पुष्टि के बाद, एसीबी जोधपुर रेंज के डीआईजी भुवन भूषण यादव के सुपरविजन में एक विशेष टीम गठित की गई।
एएसपी मांगीलाल राठौड़ के नेतृत्व में इस टीम ने बुधवार को एक सफल ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया।
ऑपरेशन के दौरान, आरोपी एएसआई को शिकायतकर्ता से ₹50,000 की रिश्वत राशि लेते हुए स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में रंगे हाथों पकड़ा गया।
एसीबी टीम ने मौके से रिश्वत की पूरी राशि ₹50,000 बरामद कर ली है।
आगे की जांच और कार्रवाई
एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने इस मामले की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आरोपी एएसआई कल्याण सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल, आरोपी से आगे की पूछताछ और विस्तृत जांच जारी है।
सूत्रों के अनुसार, एसीबी अब आरोपी के बैंक खातों और संपत्ति की गहन जांच करेगी ताकि उसकी अवैध कमाई का पता लगाया जा सके।