Highlights
- सर्व शिव डवलपर्स एंड ट्रेडिंग कंपनी के मालिक हीरालाल ने उनके साथ हुई जालसाजी की जानकारी पुलिस को देकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की
- फर्जी फाईनेंस कंपनियों की जालसाजी का शिकार होकर बर्बाद हो रहे है कई लोग, नहीं होती कार्रवाई
शिवगंज। शहर के महाराजा मैदान के सामने निर्माणाधीन व्यवसायिक भवन के मालिक के साथ कथित रूप से करोड़ों रूपए ऐंठने के बाद भी भूमि की रजिस्ट्री नहीं करवाने और रजिस्ट्री करवाने के एवज में पांच करोड़ रूपए और मांगने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले को लेकर अपना सब कुछ गवां बैठे बिल्डर्स ने उसके साथ हुई धोखाधडी की रिपोर्ट पुलिस थाने में देकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस को दी रिपोर्ट में सर्व शिव डवलपर्स एंड ट्रेडिंग कंपनी के मालिक हीरालाल माली ने बताया कि उसकी फर्म आवासीय-व्यवसायिक भूमि का विकास एवं निर्माण का कार्य करती है। रिपोर्ट में बताया कि उसने सुभाष नगर में स्थित एक 4683.25 वर्ग फीट भूमि जिसमें 2901.75 वर्गफीट भूमि ओम इन्फ्रास्ट्रक्चर के साझेदार ओमप्रकाश खंडेलवान, जयेन्द्र कुमार सोनी, नरेश टेकवानी तथा महिपालसिंह चौहान सभी निवासी सिरोही की थी, शेष भूमि का मालिकाना हक राहुल गांधी एवं राजकुमार लाखोटिया निवासी सुमेरपुर के नाम से थी।
रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2020 में इन लोगों ने उनके कार्यालय आकर संपर्क कर अच्छा मुनाफा कमाने प्रस्ताव और अन्य लुभावने प्रलोभन दिए कि आप इस भूमि की हमसे खरीद कर पूरी भूमि पर वाणिज्यिक कॉम्पलेक्स का निर्माण कर सकते है। इससे आपको अच्छा मुनाफा होगा।
चार करोड़ सोलह लाख में तय हुआ सौदा
रिपोर्टकर्ता ने बताया कि इन लोगों की लुभावनी बातों में आकर उसने दो अलग अलग भूमि में से एक का सौदा 1 करोड 60 लाख में तथा दूसरी का सौदा 2 करोड़ 56 लाख में तय करते हुए इकरारनामा इस शर्त के साथ तैयार किया कि तय की गई संपूर्ण राशि का भुगतान दो वर्ष में होने के बाद भूमि की रजिस्ट्री करवा दी जाएगी।
सौदा तय हो जाने के बाद प्रार्थी ने दोनों को अलग अलग 3 लाख 40 हजार तथा 51 हजार रूपए साई पेटे देकर भूमि का कब्जा प्राप्त कर लिया। इसके अगले दिन ही दोनों पक्षों के साथ मुख्तियारनामा तैयार करवाया गया ताकि प्रार्थी व्यवसायिक भवन का निर्माण करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों से अनुमति, लाइट बिजली का कनेक्शन लेने और निर्माण का कार्य कर सके।
सौदे के अनुसार राशि देने के बाद भी कर दी धोखाधडी
रिपोर्ट में प्रार्थी हीरालाल ने आरोप लगाया कि अप्रार्थियों से जिस इकरारनामे के आधार पर सौदा किया गया था। उसके तहत समय समय पर व्यवसायिक भवन की दुकानें बेचने के अलावा अन्य अलग अलग तरीके से नियत समय तक तय राशि का भुगतान कर लिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपियों ने गहरी साजिश रचते हुए जिस भूमि का सौदा उसके साथ हुआ था
उसमें धोखाधडी करते हुए ओम इन्फ्रास्ट्रक्चर के साझेदार ओमप्रकाश खंडेलवाल व यमुना कुमारी के पक्ष में कर दिया। रिपोर्ट में बताया कि उसने आरोपी ओमप्रकाश वगैराह को उनकी जमीन के पेटे अब तक 3 करोड 79 लाख रूपए का भुगतान कर दिया है,जो तयशुदा प्रतिफल से 1 करोड 23 लाख रूपए ज्यादा है। बावजूद उसके पक्ष में रजिस्ट्री नहीं करवाई जा रही है।
सोचे समझे षडयंत्र में फंसाने का आरोप
रिपोर्टकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने इतनी बडी धनराशि ऐठने के बाद भी उसके पक्ष में रजिस्ट्री नहीं करवाई जिससे उसे आर्थिक एवं मानसिक परेशानी झेलनी पडी। इतना ही नहीं उसका बैंक में एक ऋण खाता भी एनपीए हो गया। जिससे रियल स्टेट मार्केट में उसकी छवि धूमिल हो गई। इतना ही नहीं वाणिज्यिक परिसर में इतना बडा निवेश करने के बाद भी उसे इसका लाभ नहीं मिल पाया।
रिपोर्टकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने साजिश कर उससे पैसा ऐठने का सोचा समझा षडयंत्र रचा और उसमें उसे ऐसा फंसाया कि वह इससे कभी बाहर ही नहीं आ सका। रिपोर्टकर्ता ने बताया कि इन आरोपियों ने उसके जैसे ही ओर भी कई लोगों को बहला फुसलाकर निवेश के नाम पर पैसे दबा रखे है और उन्हें भी डराया धमकाया जा रहा है।
रिपोर्टकर्ता ने पुलिस को बताया कि अब आरोपियों की ओर से उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस मामले को लेकर प्रार्थी ने आरोपियों को तीन लीगल नोटिस भी भेजे है, जिसका जवाब भी उन्होंने आज तक नहीं दिया है। रिपोर्ट में आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।